सुरक्षात्मक वाहन चालन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका पालन करके हम ना सिर्फ अपनी सुरक्षा सड़क पर सुनिश्चित कर सकते हैं, बल्कि अपने प्रियजनों को भी सड़क पर सुरक्षित रख सकते हैं साथ ही साथ यह सड़क पर एक सुरक्षा का माहौल भी तैयार करता है। आइए हम प्रतिज्ञा करते हैं कि अपने सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए, अपने आप को और लोगों को सड़क पर सुरक्षित रखने के लिए हम हमेशा सुरक्षात्मक तरीके से ही सड़कों पर वाहन चलाएंगे और हम सड़क पर ऐसी कोई भी कार्यवाही नहीं करेंगे जिससे सड़क पर असुरक्षा का माहौल तैयार हो जाए।

199 देशों में, सबसे अधिक दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों के लिए आज भारत का नंबर पहला है। विश्व में सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों का 11% हिस्सा भारत में होता है। हमारे देश में हर साल औसतन 4,50,000 सड़क दुर्घटनाएँ होती हैं, जिसके परिणामस्वरूप 1,50,000 लोग मारे जाते हैं और लगभग 4,50,000 लोग घायल होते हैं; घायलों में से कई स्थायी रूप से विकलांग हो जाते हैं।
भारत, 2015 में ब्राजील में आयोजित, सड़क सुरक्षा पर दूसरे वैश्विक उच्च स्तरीय सम्मेलन का एक हस्ताक्षरकर्ता है, जिसे ब्रासीलिया घोषणा के रूप में जाना जाता है। जिसमें 2030 तक, दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों और चोटों को आधा करने का संकल्प लिया गया है और भाग लेने वाले देश सतत विकास द्वारा इस दिशा में काम कर रहे हैं।
सुरक्षात्मक वाहन चालन प्रतिज्ञा
सड़क सुरक्षा की जिम्मेदारी सिर्फ एक वाहन चालक की ही नहीं होती है, सड़क का उपयोग करने वाला हर व्यक्ति, वाहन का उपयोग करने वाला हर यात्री – सड़क सुरक्षा के लिए उतना ही जिम्मेदार है जितना एक वाहन चालक। आगे बढ़ने से पहले चलिए हम इस संकल्प को दोहराते हैं जो हमारे देश में सुरक्षात्मक वाहन चालन के नीव को मजबूत करेगा – और सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में मदद करेगा। मैं यह प्रतिज्ञा करता/करती हूं कि
- मेरी जिंदगी बेशकीमती है और मैं, अपने आप को , अपनी या दूसरों की गलती के कारण, सड़क पर एक दुर्घटना का शिकार होने कतई नहीं दूंगा।
- मैं हमेशा सड़क पर दूसरों की सुरक्षा का ख्याल रखूंगा।
- मैं जंक्शन और चौराहों पर हर सुरक्षा के नियमों का पालन करूंगा और उन्हें धीमी गति से ही पार करूंगा।
- चौराहा देखते ही मैं एक्सीलरेटर को कम कर दूंगा।
- मैं अपनी गति उतनी ही रखूंगा जो मेरे नियंत्रण में होगा, जो मुझे सड़क पर; सुरक्षित कदम उठाने के लिए आवश्यक समय भी देगा।
- मैं किसी भी चौराहे पर मोड़ने से पहले, या किसी एक नए सड़क पर प्रवेश करने से पहले बाएं और दाएं तरफ देख कर सुरक्षा सुनिश्चित करके ही आगे बढूंगा।
- मैं चौराहे पर कभी भी सिग्नल लाँघ कर नहीं जाऊंगा, हर सिग्नल का मैं कायदे से पालन करूंगा।
- मैं सिग्नल के लाल होने के बाद कभी भी सड़क पार नहीं करूंगा, और हरा होने पर तुरंत वाहन चालू नहीं करूंगा।
- सिग्नल पर पीला रंग देखने के बाद कभी भी मैं अपने वाहन की गति नहीं बढ़ाऊंगा। नियमों का पालन दिखावे के लिए नहीं, मैं चाहता हूं हमारी सड़कें सुरक्षित हो।
- मैं चौराहे पर पहले से ही अपने लिए सही जगह का चयन का चयन करूंगा।
- मैं चौराहे या जंक्शन के अंदर में कभी भी ओवरटेक नहीं करूंगा।
- मैं समझता हूं तेज वाहन चलाना कोई बड़ी बात नहीं है जरूरी यह है आवश्यकता पड़ने पर उसे सुरक्षित रूप से रोक पाना।
- मैं बिना देखें अचानक कभी भी लेन चेंज नहीं करूंगा।
- मैं भारी वाहन से हमेशा सुरक्षित दूरी बनाकर ही चलूंगा क्योंकि भारी वाहन चालक अपने चारों तरफ की, नजदीक के हर चीज को ठीक से नहीं देख पा सकता है।
- मैं ओवरटेकिंग के खतरों से पूरी तरह वाकिफ हूं, और जानता हूं कि जब तक सामने का नजारा साफ ना दिखाई दे तब तक ओवरटेकिंग नहीं करना चाहिए।
- मैं भारी वाहन के पहियों के आसपास से अपने दो पहिया वाहन को सुरक्षित रूप से दूर ही रखूंगा।
- दो चलते भारी वाहनों के बीच से मैं कभी भी असुरक्षित रूप से नहीं निकलूंगा।
- मुझे घुमावदार सड़कों पर ओवरटेक करते समय पूरी सावधानी बरतनी होगी, गति इतनी जितनी कि सड़क साफ नजर आए।
- दो पहिया वाहन में पिछली सीट पर, एक तरफ पैर रखकर बैठे यात्री की सुरक्षा की मुझे भली-भांति जानकारी है।
- एक दो तरफा (2-way) रास्ते में दाहिनी तरफ मुड़ते समय मैं अपने आप को हमेशा सड़क के बाएं तरफ ही रखूंगा।
- एकदम जरूरी हो तभी मैं रात के सफर की योजना बनाऊंगा, और रात का सफर पर्याप्त आराम सुनिश्चित करने के बाद ही करूंगा।
- एकदम जरूरी हो तभी मैं रात के सफर की योजना बनाऊंगा, और रात का सफर पर्याप्त आराम सुनिश्चित करने के बाद ही करूंगा।
- मुझे बंद वाहन में लंबी दूरी के सफर की सुरक्षा की भली भांति जानकारी है।
- मैं हाईवे सम्मोहन और उससे निपटने के तरीके को अच्छे से जानता हूं।
- वाहन चलाते वक्त ना मैं खुद नशे का सेवन करूंगा ना किसी को नशे की हालत में वाहन चलाने दूंगा।
- सड़क पर ध्यान बटने के खतरे से मैं भली-भांति परिचित हूं, वाहन चलाते वक्त मेरा पूरा ध्यान सड़क पर ही रहेगा।


- मैं अचानक सड़क पर कोई भी निर्णय नहीं लूंगा, मेरा हर निर्णय योजनाबद्ध तरीके से होगा।
- मैं मुख्य मार्ग पर वाहन चलाते समय ना अचानक सड़क के बीच वाहन रोकूंगा ना ही वाहन की गति कम करूंगा।
- सड़क पर मैं अपने वाहन को कभी भी गलत साइड पर नहीं चला लूंगा, ना ही कोई शॉर्टकट लूंगा।
- मैं खाली मार्ग पर अपने वाहन की गति उतनी ही रखूंगा, जिससे मुझे अपने सामने सड़क पर; 200 – 300 मीटर तक की दूरी साफ साफ दिखाई दे। जैसे ही मुझे सड़क पर दूर से एक पुल, या सकरी सड़क दिखती है, मैं तुरंत अपनी गति कम कर देता हूं।
- मैं हॉर्न प्रयोग तभी करता हूं जब दूसरों की सुरक्षा के लिए यह जरूरी हो जाता है, मैं कभी भी गैरजरूरी कामों के लिए हॉर्न का प्रयोग नहीं करता हूं।
- मैं हमेशा इमरजेंसी सर्विस में प्रयुक्त वाहनों को साइड देख कर आगे बढ़ने में मदद करता हूं जैसे एंबुलेंस फायर ब्रिगेड इत्यादि।
- सड़क पर साधारणतया बाई तरफ का मोड़ फ्री होता है, मैं उसे कभी भी ब्लॉक नहीं करूंगा।
- जंक्शन या चौराहे पर अगर मुझे सीधा जाना है, तो हमेशा सड़क पर बाई तरफ रहूंगा।
- रात के समय अन्य चालकों के सुरक्षा को ध्यान रखते हुए मैं लाइट ट्रैफिक में डिपर में ही रखूंगा।
- मैं अपने वाहन को पार्क करते समय पद यात्रियों, अन्य चालको और ट्रैफिक का पूरा ध्यान दूंगा।
- मैं सड़क पर अपने खड़े वाहन को चालू करते समय अन्य वाहनों और पद यात्रियों का पूरा ध्यान रखता हूं।
- मैं समझता हूं सड़क पर कभी जानवर आ जाते हैं सुरक्षा की दृष्टि से मुझे उनके पीछे से ही जाना चाहिए।
- सड़क पर कभी ऐसे वाहन मिल जाते हैं जो लंबी वस्तुओं को लेकर चलते हैं मुझे उनसे हमेशा सुरक्षित दूरी बनाए रखना है।
- सड़क पर हमेशा सुरक्षित रूप से मुझे अपने बारी का इंतजार करना चाहिए, दूसरे वाहन चालकों के सामने अचानक आना खतरनाक होता है।
- सड़क पर मैं हमेशा पैदल यात्रियों का ध्यान रखता हूं और उन्हें प्राथमिकता देता हूं, मैं हमेशा अपने वाहन को उनके पीछे से ही निकलता हूं।
- मैं कभी भी घुमावदार सड़क देखते ही अपने वाहन के गति को धीमी कर देता हूं।
- सड़क के किनारे खड़े वाहनों के बगल से निकलते वक्त अचानक उनके चालू हो जाने या किसी पर यात्री या जानवर आने का खतरा हमेशा रहता है – इन जगहों पर मैं हमेशा सावधान रहता हूं।
- वाहन जब भी घनी आबादी वाले क्षेत्र से गुजरती है, मैं अपने वाहन की गति को धीमी कर देता हूं क्योंकि इन क्षेत्रों में अचानक किसी व्यक्ति बच्चे या जानवर के आने की संभावना रहती है।
- किसी एक नए मार्ग या मुख्य मार्ग पर जुड़ते समय, मैं हमेशा सीधे आने वाले वाहनों को प्राथमिकता देता हूं।
- सड़क पर कभी भी रेलवे फाटक या रेलवे क्रॉसिंग दिखने पर, मैं सुरक्षा का पूरा पालन करते हुए ही उसको पार करूंगा।
- मुझे इस बात की जानकारी है कि कई बार विंडस्क्रीन के फ्रेम के कारण सड़क पर एक पदयात्री या एक छोटी गाड़ी को हम देख नहीं पाते हैं – मैं हमेशा चौराहों पर अतिरिक्त ध्यान दूंगा।
- कई बार गहरे रंग के कपड़ों में एक पदयात्री या साइकिल चालक हमें नजर नहीं आता, जिसका मैं हमेशा ध्यान रखूंगा।
- पुल पर से यदि पानी बह रहा हो तो मैं पूरी सुरक्षा का पालन करूंगा।
- सड़क पर अचानक जानवर के सामने आ जाने से होने वाली दुर्घटनाओं के बारे में मैं पूरी जानकारी रखता हूं।
- मुझे इस बात का पता है कि घाट रोड पर वाहन चलाते समय हमें अतिरिक्त सुरक्षा का ध्यान रखना पड़ता है जिसकी मुझे पूरी जानकारी है।
- बरसात के मौसम में सड़क पर सुरक्षा का एक अलग ही ध्यान देना पड़ता है, वाहन की गति कम रखते हुए मैं पूरी सुरक्षा का पालन करूंगा ।
हमारी वर्तमान ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया, ज्यादातर ड्राइविंग कौशल और कुछ हद तक सड़क यातायात संकेतों के ज्ञान पर ही केंद्रित है। सड़कों पर कुछ परीक्षण मानक प्रारूप में किए जाते हैं और लाइसेंस जारी किए जाते हैं। ड्राइविंग स्कूलों में भी प्रशिक्षण होता है, जहां एक प्रशिक्षक उन्हें सुरक्षित स्थानों पर बुनियादी प्रशिक्षण देने के बाद सड़क पर परीक्षण के लिए ले जाता है। इन ड्राइविंग प्रशिक्षण वाहनों में दोहरा नियंत्रण होता है और जब प्रशिक्षक असुरक्षित स्थिति देखता है तो हस्तक्षेप करता है। पुरुष या महिला प्रशिक्षक, दोनों अपनी पूरी कोशिश करते हैं और अधिकांश ड्राइवर इस प्रक्रिया में भली-भांति सीख जाते हैं और वास्तविक सड़क की परिस्थितियों में भी काफी अच्छा करते हैं। समस्या सड़कों पर तब आती है, जब; अकेले चालक को – सड़क की वास्तविक परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।
हालांकि ज्यादातर ड्राइवर अपने को सड़कों पर अधिकांश स्थितियों में सुरक्षित रूप से संभालने में सक्षम पाते हैं; पर हमारा मौजूदा सिस्टम ड्राइवर को सड़क पर हर आने वाले परिस्थितियों के लिए तैयार नहीं कर पाता है। अंत में सड़क पर जब चालक खुद को ऐसी स्थिति में पाता है जिसमें, टकराव या दुर्घटना रोकने के लिए; तत्काल एक सुरक्षित कार्यवाही की आवश्यकता होती है; कई बार; वह सही निर्णय लेने में विफल हो जाता है।