प्रश्न 1 - 5 अंक
प्रश्न 2 - 5 अंक
प्रश्न 3 - 10 अंक
प्रश्न 4 - 10 अंक
प्रश्न 5 - 10 अंक (5+5)
प्रश्न 6 - 5 अंक
प्रश्न 7 - 5 अंक
प्रश्न 8 - 14 अंक (7+7)
प्रश्न 9 - 2 अंक
प्रश्न 10 - 5 अंक (3+2)
प्रश्न 11 - 8 अंक (2+2+2+2)
प्रश्न 12 - 6 अंक (2+2+2)
प्रश्न 13 - 6 अंक
प्रश्न 14 - 9 अंक

जी सुंदर रेड्डी

प्रोफेसर जी सुंदर रेड्डी का हिंदी साहित्य-सेवा साधना एवं निष्ठा सराहनीय है। तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम के साहित्य और इतिहास का क्षेत्र में विवेचन करने के साथ-साथ हिंदी भाषा और साहित्य से भी उनकी तुलना करने में ये पर्याप्त रूचि लेते रहे हैं। हिंदी वाले प्रदेश के निवासी होते हुए भी प्रोफ़ेसर सुंदर रेड्डी ने हिंदी भाषा पर अच्छा अधिकार प्राप्त कर लिया था।

जी सुंदर रेड्डी जीवन परिचय

 
प्रो जी सुन्दर रेड्डी
निबन्धकार, आलोचक
जन्म

10 अप्रैल 1919 ई•

जन्म स्थान

आन्ध्र प्रदेश

मृत्यु

30 मार्च 2005 ई•

प्रो• जी• सुन्दर रेड्डी हिन्दी साहित्य जगत के उच्च कोटि के विचारक, समालोचक एवं निबन्धकार हैं। इनकी रचनाओं में विचारों की परिपक्वता, तथ्यों की सटीक व्याख्या एवं विषय सम्बन्धी स्पष्टता दिखाई देती है। इसमें सन्देह नहीं कि हिन्दी भाषी क्षेत्र से न होते हुए भी इन्होंने हिन्दी भाषा के प्रति अपनी जिस निष्ठा व अटूट साधना का परिचय दिया है, वह अत्यन्त प्रेरणास्पद है।

शिक्षा

इनकी आरम्भिक शिक्षा संस्कृत एवं तेलगु भाषा मे हुई व उच्च शिक्षा हिंदी में। श्रेष्ठ विचारक, समालोचक एवं उत्कृष्ट निबंधकार प्रो• जी• सुन्दर रेड्डी लगभग 30 वर्षो तक आंध्र विश्वविद्यालय मे हिंदी विभाग के अध्यक्ष रहे। इन्होने हिंदी और तेलगु साहित्य के तुलनात्मक अध्ययन पर पर्याप्त काम किया।

रचनाएं
  • साहित्य और समाज
  • मेरे विचार
  • वैचारिकी, शोध और बोध
  • वेलुगु दारूल (तेलुगु भाषा में)
  • लैंग्वेज प्रॉब्लम इन इंडिया
  • हिंदी और तेलुगु : एक तुलनात्मक अध्ययन
  • दक्षिण की भाषाएं और उनका साहित्य
मेरे विचार के लेखक कौन है?

मेरे विचार कृति के लेखक है प्रोफेसर जी सुंदर रेड्डी।

दक्षिण की भाषाएँ और उनका साहित्य किसकी रचना है?

जी० सुन्दर रेड्डी ने दक्षिण भारत की चारों भाषाओं तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम तथा उनके साहित्य का इतिहास प्रस्तुत करते हुए उनकी आधुनिक गतिविधियों को सूक्ष्म विवेचन प्रस्तुत किया है।

जी सुंदर रेड्डी
प्रो जी सुंदर रेड्डी की रचना कौन कौन सी है?

उनकी अन्य रचनाओं में हिंदी और तेलुगु एक तुलनात्मक अध्ययन, दक्षिण की भाषाएं और उनका साहित्य, वैचारिकी, शोध और बोध आदि हैं।

स्त्री शिक्षया निबंध
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