1861
कलकत्ता (कोलकाता)
7 अगस्त 1941
देवेंद्र नाथ टैगोर
शारदा देवी
गीतांजलि के लिये उन्हे सन् १९१३ में साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला
रबीन्द्रनाथ ठाकुर विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारतीय साहित्य के नोबल पुरस्कार विजेता हैं। उन्हें गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। बांग्ला साहित्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नयी जान फूँकने वाले युगदृष्टा थे। वे एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार सम्मानित व्यक्ति हैं। वे एकमात्र कवि हैं जिसकी दो रचनाएँ दो देशों का राष्ट्रगान बनीं। – भारत का राष्ट्र-गान ‘जन गण मन’ और बाँग्लादेश का राष्ट्रीय गान ‘आमार सोनार बाँग्ला’ गुरुदेव की ही रचनाएँ हैं।
इनकी प्रारंभिक शिक्षा बांग्ला भाषा में घर पर ही हुई। प्रारंभिक शिक्षा समाप्त होने के पश्चात इनका प्रवेश पहले कोलकाता के ओरिएंटल सेमिनार विद्यालय और फिर नॉर्मल विद्यालय में कराया गया। विद्यालय वातावरण में इनका मन नहीं लगता था, अतः इनको एकांत बहुत प्रिय था। विद्यालय शिक्षा समाप्त करने के पश्चात इनके पिता ने बैरिस्टर की पढ़ाई के लिए इन्हें इंग्लैंड भेजा, किंतु यह बैरिस्टर ई की डिग्री पूरी किए बिना ही वापस चले आए। इन्होंने घर पर रहकर ही हिंदी साहित्य में कई योगदान दिए।