प्रश्न 1 - 5 अंक
प्रश्न 2 - 5 अंक
प्रश्न 3 - 10 अंक
प्रश्न 4 - 10 अंक
प्रश्न 5 - 10 अंक (5+5)
प्रश्न 6 - 5 अंक
प्रश्न 7 - 5 अंक
प्रश्न 8 - 14 अंक (7+7)
प्रश्न 9 - 2 अंक
प्रश्न 10 - 5 अंक (3+2)
प्रश्न 11 - 8 अंक (2+2+2+2)
प्रश्न 12 - 6 अंक (2+2+2)
प्रश्न 13 - 6 अंक
प्रश्न 14 - 9 अंक

कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर

 
कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर
कथाकार, निबन्धकार, पत्रकार, स्वतंत्रता सेनानी
जन्म

29 मई 1906

जन्म स्थान

देवबन्द ग्राम सहारनपुर उत्तर प्रदेश

पिता

श्री रमादत्त मिश्र

भाषा

तत्सम प्रधान, शुद्ध और साहित्य खड़ी बोली

शैली

भावात्मक, वर्णनात्मक, नाटकीय

मृत्यु

9 मई 1995

कन्हैयालाल मिथ ‘प्रभाकर’ हिन्दी साहित्य के निवन्ध विधा के स्तम्भ हैं। इनकी अद्वितीय भाषा और शैली ने इनका स्थान गद्यकारों में विशिष्ट बना लिया है। हिन्दी साहित्य में अपने महान कृतित्व के लिए प्रभाकर जी सदैव स्मरणीय रहेंगे। वस्तु एवं शिल्प दोनों ही दृष्टियों से उनका कृतित्व बेजोड़ है।

शिक्षा

घर की आर्थिक परिस्थितियों के प्रतिकूल होने के कारण ‘प्रभाकर’ जी की प्रारम्भिक शिक्षा सुचारुरूपेण नहीं हो पायी। इन्‍होंने स्‍वाध्‍याय से ही हिन्‍दी, संस्‍कृत तथा अँग्रेजी आदि भाषाओं का गहन अध्‍ययन किया। बाद में वे खुर्जा के संस्‍कृत विद्यालय के विद्यार्थी बने, तभी इन्‍होंने राष्‍ट्रीय नेता मौलाना आसिफ अली का भाषण सुना, जिसके जादुई प्रभाव से वे परीक्षा त्‍यागकर देश-सेवा में संलग्‍न हो गये और तब से इन्‍होंने अपना सम्‍पूर्ण जीवन राष्‍ट्र सेवा को समर्पित कर दिया।

बाद में वे खुर्जा के संस्‍कृत विद्यालय के विद्यार्थी बने, तभी इन्‍होंनेराष्‍ट्रीय नेता मौलाना आसफ अली का भाषण सुना, जिसके जादुई प्रभाव से वे परीक्षा त्‍यागकर देश-सेवा में संलग्‍न हो गये और तब से इन्‍होंने अपना सम्‍पूर्ण जीवन राष्‍ट्र-सेवा को समर्पित कर दिया।

रचनाएं
रेखाचित्र
  • नई पीढ़ी के विचार
  • जिंदगी मुस्कुराई
  • माटी हो गई सोना
  • भूले बिसरे चेहरे
लघु कथा
  • आकाश के तारे
  • धरती के फूल
संस्मरण
  • दीप जले शंख बाजे
ललित निबंध
  • छड़बोले कर मुस्कुराए
  • बाजे पायलिया के धुंध
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