23 दिसम्बर, 1899
मुजफ्फरपुर बिहार
श्री फूलवंत सिंह
9 सितम्बर, 1968
1999 में ‘भारतीय डाक सेवा’ द्वारा इनके सम्मान में डाक टिकटों का एक संग्रह जारी किया। उनके सम्मान में बिहार सरकार द्वारा वार्षिक अखिल भारतीय रामवृक्ष बेनीपुरी पुरस्कार दिया जाता है।
रामवृक्ष बेनीपुरी एक जुझारू देशभक्त तथा साहित्यकार थे। रामधारी सिंह दिनकर जी ने इनके विषय में लिखा है, "बेनीपुरी केवल साहित्यकार नहीं थे, उनके भीतर केवल वही आग नहीं थी जो कलम से निकल कर साहित्य बन जाती है।" बेनीपुरी के अंदर बेचैन कवि, चिंतक, क्रान्तिकारी और निडर योद्धा सभी एक साथ समाए थे।
इन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा अपने गाँव की पाठशाला में ही पाई थी। बाद में वे आगे की शिक्षा के लिए मुजफ्फरपुर के कॉलेज में भर्ती हो गए। मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण करने के पूर्व ही 1920 में इन्होंने पढ़ाई छोड़ दी थी और महात्मा गांधी के नेतृत्व में आ गए। बाद में हिंदी साहित्य से विशारद की परीक्षा उत्तीर्ण की।
चिता के फूल