कमलेश्वर

 
कमलेश्वर
उपन्यासकार, कहानीकार, लेखक
पूरा नाम

कमलेश्वर प्रसाद सक्सेना

जन्म

06 जनवरी 1932

जन्म भूमि

मैनपुरी, उत्तरप्रदेश, भारत

मृत्यु

27 जनवरी 2007

सम्मान
  • साहित्य अकादमी पुरस्कार (2003)
  • पद्मभूषण (2005)

कमलेश्वर जी बीसवीं सदी के महान लेखकों में से एक हैं। कहानी, उपन्यास, पत्रकारिता, फिल्म पटकथा जैसी अनेक विधाओं में उन्होंने अपनी लेखन प्रतिभा का परिचय दिया। इन्होंने अनेक हिन्दी फिल्मों के लिए पटकथाएँ लिखीं तथा भारतीय दूरदर्शन श्रृंखलाओ जैसे दर्पण, चन्द्रकान्ता, बेताल पच्चीसी, विराट युग आदि के लिए काम किया। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन पर आधारित पहली प्रामाणिक एवं इतिहासपरक जन-मंचीय मीडिया कथा ‘हिन्दोस्तां हमारा’ का भी लेखन किया।

शिक्षा तथा कार्यक्षेत्र
  • उन्होंने 1954 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हिन्दी साहित्य में एम.ए. किया।
  • वे हिन्दी दैनिक दैनिक जागरण में 1990 से 1992 तक तथा दैनिक भास्कर में 1997 से लगातार स्तंभलेखन का काम करते रहे।
  • कमलेश्वर ने अपने 74 साल के जीवन में 12 उपन्यास, 17 कहानी संग्रह और करीब 100 फ़िल्मों की पटकथाएँ लिखीं।
रचनाएं
उपन्यास
  • एक सड़क सत्तावन गलियाँ- 1957
  • तीसरा आदमी- 1976
  • डाक बंगला -1959
  • समुद्र में खोया हुआ आदमी-1967
  • काली आँधी-1974
  • आगामी अतीत -1976
  • सुबह...दोपहर...शाम-1982
  • रेगिस्तान-1988
  • लौटे हुए मुसाफ़िर-1961
  • वही बात-1980
  • एक और चंद्रकांता
  • कितने पाकिस्तान-2000
  • अंतिम सफर (अंतिम तथा अधूरा जिसे बाद में तेजपाल सिंह धामा ने पूरा किया)
कहानी संग्रह

कमलेश्वर ने तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं। उनकी कुछ प्रसिद्ध कहानियाँ हैं -

  • राजा निरबंसिया
  • मांस का दरिया
  • नीली झील
  • तलाश
  • बयान
  • नागमणि
  • अपना एकांत
  • आसक्ति
  • ज़िंदा मुर्दे
  • जॉर्ज पंचम की नाक
  • मुर्दों की दुनिया
  • कस्बे का आदमी
  • स्मारक
नाटक

इनके द्वारा लिखित नाटक इस प्रकार है-

  • अधूरी आवाज़
  • रेत पर लिखे नाम
  • हिंदोस्ता हमारा