लेखकों का जीवन परिचय

लेखकों का जीवन परिचय व साहित्यिक परिचय यूपी बोर्ड तथा बिहार बोर्ड के हिंदी विषय की परीक्षा में पूछा जाता है। साथ ही साथ लेखको के जीवन परिचय से संबंधित प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पूछे जाते हैं। अधिकतर परीक्षाओं में कुछ रचनाएं लिखी होती हैं जिनमें विद्यार्थियों को बताना होता है या रचना किसकी है? जोकि हिंदी गद्य साहित्य के इतिहास के अंतर्गत आता है। फिर भी उत्तर प्रदेश बोर्ड इलाहाबाद के हिंदी प्रश्न पत्र में जीवन परिचय का सीधा-सीधा प्रश्न आ जाता है।

लेखकों का जीवन परिचय

लेखक वह होता है जो लेख लिखता है। एक लेखक विभिन्न शैलियों का उपयोग करके अपने विचारों को लोगों के सामने रखता है। एक लेखक अपने लिखे हुए गद्य से पहले खुद मनोरंजन करता है और फिर लोगों का मनोरंजन करता है। एक लेखक किसी कहानी को रोंगटे खड़े करने वाली कहानी भी बना सकता है। लेखक साहित्य, कला और रचनात्मक लेखन के विभिन्न रूप जैसे उपन्यास, कहानी, नाटक, निबंध के साथ-साथ विभिन्न उपयोगितावादी रूप जैसे रिपोर्ट, लेख, पत्रिका, समाचार लेख का निर्माण करते हैं।

लगभग 19वीं शताब्दी के अंत से जीवनी विधा में लेखन आरंभ हो चुका था। उदाहरण के रूप में राहुल सांकृत्यायन ने सूरदास नामक जीवन परिचय लिखा था। व्यक्ति एक दूसरे का जीवन परिचय लिखा करते थे। इतिहासकार लेखकों के जीवन परिचय को कुछ संदेह के साथ देखते हैं क्यों कि इसमें लेखक का केवल सकारात्मक दृष्टिकोण से ही जीवन परिचय लिखा जाता है। लेखक बनने के लिए व्यक्ति को अपनी भाषा पर फुल कमांड होना चाहिए जिसमें वह लेखन कार्य करना चाहता है।

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