भ्रमरगीत परंपरा लक्षण विकास कवि व ग्रंथ
भ्रमरगीत परंपरा ने हिंदी साहित्य में एक विशेष स्थान प्राप्त किया है। इस काव्य की अनेक विशेषताएँ हैं। गीतिकाव्य की प्रेरणा इन कवियों को मुरलीधर कृष्ण से प्राप्त हो चुकी। भक्तिकाल के कवियों ने अपने बार में कुछ नहीं लिखा। भगवान कृष्ण की लीलाओं का वर्णन करने में वे इतने मग्न हुए कि महाकवि बनने …