हिंदी

हिंदी जिसके मानकीकृत रूप को मानक हिन्दी कहा जाता है, विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की एक राजभाषा है। केन्द्रीय स्तर पर भारत में सह-आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्दों का प्रयोग अधिक है और अरबी–फ़ारसी शब्द कम हैं।

वाचन

सस्वर वाचन व मौन वाचन के उद्देश्य विशेषताएँ

वाचन वह क्रिया है जिसमें प्रतीक ध्वनि और अर्थ साथ-साथ चलते हैं। एक विदेशी लेखक कैथरीन ओकानर का कहना है कि “वाचन वह जटिल अधिगम प्रक्रिया है जिसमें दृश्य-श्रव्य एवं गतिवाही सर्किटों का मस्तिष्क के अधिगम केन्द्र से सम्बन्ध निहित है। जीवन में वाचन का महत्त्व अधिक है। इसी कारण विद्यालयों में इसकी शिक्षा को …

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भ्रमरगीत परंपरा

भ्रमरगीत परंपरा लक्षण विकास कवि व ग्रंथ

भ्रमरगीत परंपरा ने हिंदी साहित्य में एक विशेष स्थान प्राप्त किया है। इस काव्य की अनेक विशेषताएँ हैं। गीतिकाव्य की प्रेरणा इन कवियों को मुरलीधर कृष्ण से प्राप्त हो चुकी। भक्तिकाल के कवियों ने अपने बार में कुछ नहीं लिखा। भगवान कृष्ण की लीलाओं का वर्णन करने में वे इतने मग्न हुए कि महाकवि बनने …

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girl child playing with mother

प्रेम पचीसी की 5 विशेषताएं – गया प्रसाद सनेही Top 5 Read Free

प्रेम पचीसी की विशेषताएं – प्रेम पचीसी गया प्रसाद सनेही जी द्वारा ब्रज भाषा में रचित एक लघु कृति है जिसमें मात्र 25 छंद हैं। सनेही जी की एक मुख्य विशेषता यह है कि वे श्रंगार प्रधान रचनाएं ब्रज भाषा में लिखते थे जबकि राष्ट्रीय कविताएं खड़ी बोली में लिखते थे। प्रेम पचीसी प्रेम पचीसी …

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भ्रमर दूत की विशेषताएं

भ्रमरदूत की 4 विशेषताएं 4 काव्यगत विशेषताएं – सत्यनारायण कवि

भ्रमरदूत की विशेषताएं – सत्यनारायण कविरत्न ने भ्रमर-दूत में जो छंद प्रयुक्त किया है वह रोला एवं दोहे का मिश्रण है। प्रारंभ की दो पंक्तियां रोला छंद की हैं तथा बाद की दो पंक्तियां दोहा छंद की हैं। अंत में एक आधी पंक्ति और भी जोड़ दी गई है। इस प्रकार इस काव्य ग्रंथ में …

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लोकगाथा

लोकगाथा वर्गीकरण विशेषताएं उत्पत्ति व प्रचलित लोक गाथाएं

किसी कथा विशेष पर आधारित प्रबंधात्मक पद्य वध काव्य को लोकगाथा कहा जाता है। इसमें गायक लोकजीवन में चली आ रही कथा को अपने ढंग से प्रस्तुत करता है। हिंदी लोक गाथा का रचयिता भी लोकगीतों की भांति अज्ञात होता है। नल दमयंती माधवानल, कामकन्दला, हरिश्चंद्र तारामती, लैला मजनू, हीर रांझा, शीरी फरहाद आदि से …

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आधुनिक ब्रजभाषा साहित्य, सरोज स्मृति

लोक साहित्य परिभाषा व शिष्ट साहित्य से अंतर

लोक साहित्य दो शब्दों से मिलकर बना है – लोक तथा साहित्य। लोक शब्द का तात्पर्य जनसामान्य से है। इस प्रकार लोक साहित्य का तात्पर्य जन सामान्य समाज के साहित्य से है। लोक साहित्य का अर्थ हिंदी साहित्य की एक अन्य विधा के रूप में अशिक्षित और अर्धशिक्षित तथा असभ्य माने जाने वाले श्रमजीवी समाज …

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Prachintam itihaas

रीतिकालीन ब्रज साहित्य विकास एवं प्रवृत्तियां

रीतिकालीन ब्रज साहित्य – रीतिकाल ब्रजभाषा के काव्य रूप का चरमोत्कर्ष काल रहा है। रीतिकाल में सभी कवियों ने चाहे वह ब्रजभाषा क्षेत्र के रहे हैं अथवा उसके बाहर के रहे हो सभी ने ब्रज भाषा में ही अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। रीति ग्रंथ, मुक्तक काव्य ग्रंथ या अन्य छिटपुट ग्रंथ जो कि रीतिकालीन कवियों …

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भक्तिकालीन ब्रज साहित्य

भक्तिकालीन ब्रज साहित्य प्रमुख कवियों की रचनाएं

भक्तिकालीन ब्रज साहित्य – ब्रजभाषा एक सुधीर अवधि तक इस देश की काव्य भाषा के रूप में प्रतिष्ठित रही और इसी के अनुपात में ब्रज भाषा साहित्य भी प्रचुर मात्रा में रचा गया। ब्रजभाषा में रचित काव्य को हम कालक्रम की दृष्टि से तीन भागों में विभाजित कर सकते हैं- भक्तिकालीन ब्रज साहित्य का विकास …

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ब्रज भाषा साहित्य

आधुनिक ब्रजभाषा साहित्य का विकास

आधुनिक ब्रजभाषा साहित्य – आधुनिक काल के संधि काल के कवियों में 19वीं शताब्दी के द्विजदेव ने ब्रजभषा को अत्यंत स्वच्छ रूप में प्रयुक्त किया था जिसकी प्रशंसा आचार्य शुक्ल ने निम्न पंक्तियों में की है- “यह अयोध्या के महाराज थे और बड़ी ही सरस कविता करते थे। इनमें बड़ा भारी गुण भाषा की स्वच्छता …

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कक्षा 9 लेखकों का जीवन परिचय

ब्रजभाषा का विकास क्षेत्र रचनाकार व उनकी कृतियां

पश्चिमी हिंदी की प्रमुख बोलियों में ब्रजभाषा का महत्वपूर्ण स्थान है। ब्रजभाषा अपनी साहित्यिक समृद्धि के कारण मध्यकाल की काव्य भाषा के रूप में प्रतिष्ठित हो गई थी। अपनी विकासमान प्रकृति के कारण यह 16 वीं शताब्दी तक संपूर्ण मध्यप्रदेश की साहित्यिक भाषा के पद पर प्रतिष्ठित हो गई थी। ब्रजभाषा की उत्पत्ति शौरसेनी अपभ्रंश …

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हिंदी भाषा का विकास

हिन्दी भाषा का विकास उत्पत्ति उपभाषा बोलियां

हिन्दी भाषा का विकास आरंभ में बहुत ही धीमी गति से हुआ। विश्व में लगभग 3000 से अधिक भाषाएं बोली जाती हैं। हिन्दी उनमें से एक है। हिंदी, भारोपीय शाखा के भारतीय ईरानी शाखा के भारतीय आर्य उपशाखा की एक भाषा है। हिंदी भाषा की उत्पत्ति, विकास, उपभाषा और बोलियों के बारे में संक्षिप्त जानकारी …

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जीवन परिचय के प्रकार, लेखकों का जीवन परिचय, जीवन परिचय

साहित्य पुरस्कार साहित्य अकादमी, ज्ञानपीठ, व्यास सम्मान

साहित्य पुरस्कार का मतलब ऐसे पुरस्कार से है जो कि साहित्य के क्षेत्र में उन्नति को दर्शाता है। कुछ साहित्य पुरस्कार संविधान में वर्णित भाषा के अनुसार ही दिए जाते हैं जबकि कुछ पुरस्कार भारतीय संविधान में वर्णित भाषा के अतिरिक्त भी कई भाषाओं में दिए जाते हैं। जैसे साहित्य अकादमी पुरस्कार भारतीय संविधान की …

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अधिगम, सन्धि

सन्धि एवं सन्धि विच्छेद के नियम और उदाहरण को जाने

दो वर्णों के मेल से उत्पन्न विकार को व्याकरण में सन्धि कहते हैं। दिए गए शब्द को सन्धि विच्छेद के नियमों की सहायता से अलग अलग करना सन्धि विच्छेद कहलाता है। सन्धि दो वर्णों के मेल से उत्पन्न विकार को व्याकरण में सन्धि कहते हैं। दूसरे शब्दों में दो निर्दिष्ट अक्षरों के पास- पास आने …

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प्रेमचंद कहानी समीक्षा, गणित शिक्षण में पाठ्य पुस्तक का महत्व, यूक्लिड और उनके ग्रंथ, हिंदी विराम चिन्ह

हिंदी विराम चिन्ह और सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न

हिंदी विराम चिन्ह – विराम का अर्थ है, ठहराव या रुकना। जिस तरह हम काम करते समय बीच-बीच में रुकते और फिर आगे बढ़ते हैं वैसे ही लेखन में भी विराम की आवश्यकता होती है, अतः पाठक के मनोविज्ञान को ध्यान में रखते हुए भाषा में विरामों का उपयोग आवश्यक है। उदाहरण : मोहन पढ़ रहा …

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Hindi Alphabate

हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन का उच्चारण कैसे करते है?

प्रत्येक भाषा की तरह हिंदी भाषा में भी वर्णो की एक लिस्ट है। वैसे तो भारत में अनेक भाषाए बोली जाती है लेकिन हिंदी भाषा को सबसे अधिक बोला जाता है। हिंदी वर्णमाला के बारे में स्वर व व्यंजन के बारे में और अधिक जानेंगे। हिंदी वर्णमाला वर्णों के समुदाय को ही वर्णमाला कहते हैं। …

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CSJMU BEd Semester IV Syllabus

राजा शूद्रक का चरित्र चित्रण

राजा शूद्रक का चरित्र चित्रण – राजा शूद्रक महाकवि वाण द्वारा रचित कादंबरी का प्रमुख पात्र है। कादंबरी में एक कल्पना पर आधारित 3 जन्मों की कथा को वर्णित किया गया है। शूद्रक पूर्व जन्म में राजा चंद्रापीड तथा चंद्रपीड पूर्व जन्म में स्वयं चंद्रमा थे। शुकनास का चरित्रचित्रण राजा शूद्रक का चरित्र चित्रण राजा …

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शुकनास का चरित्रचित्रण

शुकनास का चरित्रचित्रण – प्रशासक योद्धा व शिक्षक के रूप में

शुकनास का चरित्रचित्रण – राजा तारापीड के अमात्य शुकनास एक कुशल एवं बुद्धिमान मंत्री हैं। उन्होंने अपनी प्रतिभा के बल पर राज्य का संचालन अच्छी तरह से किया था। अपने कार्यकाल में राजा के प्रति स्वामी भक्ति राज्य की देखभाल अनुशासन प्रशासन आदि का कार्य बड़ी ही निपुणता से किया है। परंतु जब युवराज चंद्रापीड …

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राष्ट्रभाषा हिंदी आवश्यकता मान्यता धारणाएँ कर्तव्य

राष्ट्रभाषा हिंदी – इस संसार के केवल मनुष्य को ही वाणी का वरदान प्राप्त है। इसके माध्यम से वह अपने मन के विचार तथा भावनाओं को बोलकर या लिखकर व्यक्त कर सकता है तथा दूसरों के विचारों को सुनकर या पढ़कर समझ सकता है। विचारों की यह अभिव्यक्ति भाषा के माध्यम से होती है । …

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हर्षचरित कथावस्तु

हर्षचरित कथावस्तु के मुख्य 8 बिंदु

हर्षचरित कथावस्तु – महाकवि बाणभट्ट की कीर्ति कौमुदी की विस्तारक दो रचनाएं हर्षचरित और कादंबरी हैं। हर्षचरित महाकवि बाणभट्ट की प्रथम रचना है। यह गद्य विद्या में आख्यायिका है। इसमें कुल 8 उच्छवास हैं। प्रथम तीन उच्छवासो में महाकवि बाणभट्ट ने आत्मकथा को प्रस्तुत किया है और शेष उच्छवासों में सम्राट हर्ष के संबंध में …

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पच्चीस चौका डेढ़ सौ कहानी

पच्चीस चौका डेढ़ सौ कहानी समीक्षा

पच्चीस चौका डेढ़ सौ कहानी समीक्षा – ओम प्रकाश वाल्मीकि का हिंदी कहानी के दलित रचनाकारों में महत्वपूर्ण स्थान है। B.A. के हिंदी कथा साहित्य प्रश्नपत्र के अंतर्गत पच्चीस चौका डेढ़ सौ कहानी समीक्षा पूछी जाती है। इन्होंने अपनी कहानियों में कच्चे दलित जीवन का भोगा हुआ यथार्थ पीड़ा, समाज द्वारा तोहफा स्वरूप कदम कदम …

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राजा निरबंसिया समीक्षा

राजा निरबंसिया समीक्षा – कथावस्तु कथाकथन भाषा शैली उद्देश्य

राजा निरबंसिया कहानी कमलेश्वर द्वारा रचित है। राजा निरबंसिया समीक्षा नीचे दी गई है। इन्होंने अपनी कहानियों में मध्यम वर्गीय जीवन को चित्रित किया है। कमलेश्वर की कहानी राजा निरबंसिया का कथानक जगपति है। यह कहानी उस दौर के श्रेष्ठ कहानी कारों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर देती है। राजा निरबंसिया आकार की दृष्टि …

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भाषा, कफन कहानी के उद्देश्य, पठन

तीसरी कसम कहानी सारांश – फणीश्वरनाथ रेणु

तीसरी कसम कहानी सारांश – फणीश्वरनाथ रेणु तीसरी कसम कहानी के लेखक हैं। इसमें उन्होंने बिहार प्रांत के ग्रामीण जीवन को उभारने का सफल प्रयास किया है। यह कहानी हिंदी कथा साहित्य पाठ्यक्रम में पढ़ी जाती है। तीसरी कसम कहानी सारांश इस प्रकार है- तीसरी कसम कहानी सारांश कहानी गांव के हीरामन गाड़ी वाले के …

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महिला और बच्चा

चीफ की दावत समीक्षा – कथानक कथोपकथन पात्र चरित्र उद्देश्य

चीफ की दावत समीक्षा – चीफ की दावत कला की दृष्टि से भीष्म साहनी की प्रसिद्ध कहानी है। ‘चीफ की दावत’ एक ऐसी ही कहानी है, जिसमें स्वार्थी बेटे शामनाथ को अपनी विधवा बूढ़ी माँ का बलिदान फर्ज ही नजर आता है। भीष्म साहनी ने शामनाथ के माध्यम से शिक्षित युवा पीढ़ी पर करारा व्यंग्य …

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जीवन परिचय के प्रकार, लेखकों का जीवन परिचय, जीवन परिचय

हिंदी रचनाएं रचनाकार 101 महत्वपूर्ण प्रश्न

हिंदी साहित्य में अनेक रचनाकारों ने अपनी अपनी विधाओं में रचनाएं की हैं। हिंदी रचनाएं रचनाकार से संबंधित कई प्रश्न परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। यहां 101 महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर दिए जा रहे हैं। जो की परीक्षा की दृष्टि से काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है। हिंदी साहित्य की अनेक विधाएं हैं, कौन सी रचना …

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सफलता के कारण

हिंदी में प्रथम रचना व रचनाकार – हिंदी की प्रमुख संस्थाएं

हिंदी में प्रथम – आजकल की प्रतियोगी परीक्षाओं में कुछ प्रश्न इस प्रकार से भी पूछे जाते हैं। जैसे हिंदी में प्रथम कवि, उपन्यास, रचना, कहानी व नाटक। हिंदी में क्या प्रथम है? उसको याद करना ही पड़ेगा। साथ मैं आजकल कुछ प्रश्न हिंदी की प्रमुख संस्थाओं से भी पूछे जाने लगे हैं। जिनकी जानकारी …

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भाषा, कफन कहानी के उद्देश्य, पठन

यही सच है कहानी सारांश मन्नू भण्डारी

यही सच है कहानी मन्नू भंडारी की रचना है। जो पुरुष व स्त्री के संबंधों में प्रेम ग्रहण अनैतिक व अनैतिक सच झूठ, शुभ अशुभ, आज की जो परंपरागत धारणाएं रही हैं। उससे अलग हटकर या कहानी लिखी गई है। यही सच है कहानी जो 2 या 3 वर्ष पहले निशीथ की अभिन्न थी, एक …

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गुण्डा कहानी सारांश

गुण्डा कहानी समीक्षा सारांश उद्देश्य

गुण्डा कहानी समीक्षा – गुण्डा कहानी भाव प्रधान आदर्शवादी कहानी है। इस कहानी में प्रेम करुणा और आनंद के पूर्व संयोजन पर सामाजिक मर्यादाओं तथा मान्यताओं के प्रति विवेकपूर्ण दृष्टिकोण अपनाया गया है। गुण्डा कहानी समीक्षा के मुख्य बिंदु इस प्रकार है। गुण्डा कहानी समीक्षा जयशंकर प्रसाद जी एक समूचे योग तथा समस्त भाव धारा …

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गुण्डा कहानी सारांश

जयशंकर प्रसाद गुण्डा कहानी सारांश

हिंदी कहानी के विकास में जयशंकर प्रसाद का विशेष योगदान रहा है। उनकी कहानियों में प्रेम का क्षेत्र अत्यंत विस्तृत है। गुण्डा कहानी में औदात्य प्रेम के ही दर्शन होते हैं। यह कहानी तीन खंडों में विभक्त है। कहानी की कालावधी लगभग 30 वर्ष में समाई हुई है। कहानी कभी वर्तमान की घटनाओं से आगे …

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कफन कहानी के उद्देश्य

कफन कहानी के उद्देश्य || 3rd is best

कफन कहानी के लेखक मुंशी प्रेमचंद्र जी हैं। अन्य कहानियों की तरह कफन कहानी के उद्देश्य कुछ अलग ही हैं। वे उद्देश्य क्या है आइए जानते हैं। सर्वप्रथम हम लोग कहानी के सारांश को कुछ पंक्तियों में जानेंगे। फिर इस कहानी को लिखने का उद्देश्य क्या था वह जानेंगे। इस कहानी के तीन पात्र घीसू …

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प्रेमचंद कहानी समीक्षा, गणित शिक्षण में पाठ्य पुस्तक का महत्व, यूक्लिड और उनके ग्रंथ, हिंदी विराम चिन्ह

प्रेमचंद कहानियां समीक्षा – प्रेमचंद कहानियों की 6 विशेषताएं

प्रेमचंद कहानियां समीक्षा – उपन्यास सम्राट एवं महान कथाकार मुंशी प्रेमचंद मूलतः सामाजिक कहानीकार थे। कहानी विधा के क्षेत्र में प्रेमचंद ने एक क्रांतिकारी परिवर्तन की शुरुआत की। प्रेमचंद से पूर्व जो कहानी लिखी जाती थी उनमें मनोरंजन के तत्व होते थे किंतु मुंशी प्रेमचंद ने सामाजिक समस्याओं को लेकर कहानियां लिखी। मुंशी प्रेमचंद कहानियां …

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घीसू का चरित्र चित्रण

कफन कहानी के नायक घीसू का चरित्र चित्रण – 5th is Special

मुंशी प्रेमचंद की कहानियों में यथार्थवादिता पाई जाती है। उनकी कफन कहानी भी यथार्थवाद पर आधारित है। इस कहानी में घीसू एक प्रमुख पात्र है जो कि पारिवारिक मुखिया है। उसके परिवार में कुल 3 सदस्य हैं। उनका पुत्र माधव तथा बहु बुधियाा, घीसू के चरित्र की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं। घीसू का चरित्र …

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समीक्षा

कफन कहानी सारांश उद्देश्य

कफन कहानी के लेखक मुंशी प्रेमचंद जी हैं। कफन कहानी के मुख्य पात्र घीसू हैं। मुंशी जी की अन्य कहानियों की तरह इस कहानी का एक विशेष उद्देश्य है। इस कहानी के विभिन्न अंगों को हम लोग इस प्रकार पढ़ेंगे। कफन कहानी सारांश कफन कहानी के मुख्य पात्र घीसू है। वह परिवारिक मुखिया है। उनके …

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रागदरबारी उपन्यास व्याख्या, उपयोगिता

रागदरबारी उपन्यास सारांश व्याख्याएं Top 11 आलोचनात्मक प्रश्न

रागदरबारी उपन्यास श्रीलाल शुक्ल द्वारा रचित हिंदी उपन्यास है। जिसके लिए उन्हें सन 1969 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।  यह ऐसा उपन्यास है, जो गांव की कथा के माध्यम से आधुनिक भारतीय जीवन की मूल्य हीनता को सहजता और निर्मलता से अनावृत करता है। 1986 में एक दूरदर्शन-धारावाहिक के रूप में इसे …

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रागदरबारी उपन्यास व्याख्या, उपयोगिता

राग दरबारी उपन्यास व्याख्या – B.A. 2nd Hindi Literature

राग दरबारी उपन्यास व्याख्या – राग दरबारी उपन्यास के रचइता श्रीलाल शुक्ल जी है। विश्वविद्यालय में होने वाली परीक्षाओं में इस उपन्यास से 2 तरीके के प्रश्न पूछे जा सकते हैं एक तो व्याख्या और दूसरा उपन्यास से संबंधित आलोचनात्मक प्रशन। यह लेख राग दरबारी उपन्यास व्याख्या से संबंधित है। हिंदी कथा साहित्य प्रश्न पत्र …

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भाषा के रूप, पाठ्यक्रम के उद्देश्य, मातृभाषा ही शिक्षा का माध्यम क्यों?

चित्रलेखा उपन्यास व्याख्या

चित्रलेखा उपन्यास व्याख्या – चित्रलेखा उपन्यास भगवती चरण वर्मा द्वारा रचित हिंदी उपन्यास है। इस उपन्यास के गद्यांशो की व्याख्याएँ परीक्षा में पूछी जाती है। यहां चित्रलेखा उपन्यास व्याख्या कुछ महत्वपूर्ण खंडों की गई हैं- चित्रलेखा उपन्यास व्याख्या 1. पर एक बात याद रखना। जो बात अध्ययन से नहीं जानी जा सकती है, उसको अनुभव …

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आधुनिक हिंदी काव्य, माध्यमिक स्तर पर पर्यावरण शिक्षा

चित्रलेखा उपन्यास सारांश व्याख्याएँ व 11 Important प्रश्न

चित्रलेखा उपन्यास भगवती चरण वर्मा द्वारा रचित हिंदी उपन्यास है। यह ना केवल भगवती चरण वर्मा को एक उपन्यासकार के रूप में प्रतिष्ठा दिलाने वाला उपन्यास है बल्कि हिंदी के उन विरले उपन्यासों में भी गणनीय है जिनकी लोकप्रियता काल की सीमा को लांगती रही है। चित्रलेखा उपन्यास का सारांश चित्रलेखा की कथा पाप और …

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आधुनिक हिंदी काव्य, माध्यमिक स्तर पर पर्यावरण शिक्षा

हिंदी कथा साहित्य

हिंदी कथा साहित्य प्रश्न पत्र में कुल 3 खंड है। इस प्रश्न पत्र में दो उपन्यास तथा 7 कहानियां है। Hindi Literature, हिंदी कथा साहित्य BA द्वितीय वर्ष में पूछे जाने वाला प्रश्न पत्र है। जिनकी व्याख्याएं, सारांश तथा आलोचनात्मक अध्धयन करना पड़ता है। जो कि इस प्रश्न पत्र को और अधिक कठिन बनाता है। …

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आधुनिक हिंदी काव्य, माध्यमिक स्तर पर पर्यावरण शिक्षा

हिंदी कथा साहित्य प्रश्नपत्र

हिंदी कथा साहित्य प्रश्नपत्र (बी. ए.), Hindi literature question paper for B.A.। इस प्रश्न पत्र को हल करने के लिए पाठ्यक्रम के उपन्यास तथा कहानी के सारांश पता होने चहिए। हिंदी कथा साहित्य का विकास, स्वरूप तथा स्थिति का विशेष अध्ययन होना चाहिए। पाठ्यक्रम में निर्धारित उपन्यास चित्रलेखा, राग दरबारी तथा निर्धारित कहानियां कफन, गुंडा, …

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आधुनिक हिंदी काव्य, माध्यमिक स्तर पर पर्यावरण शिक्षा

महादेवी वर्मा कविताए और व्याख्या

आधुनिक हिंदी काव्य पाठ्यक्रम में महादेवी वर्मा की निम्न कवितायें निर्धारित है- अब प्रत्येक कविता के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी गयी है। आधुनिक हिंदी काव्य के अंतर्गत महादेवी वर्मा कविताए और उनकी व्याख्या से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते है। अतः आप अपने पाठ्यक्रम के अनुसार दी गयी कविताओं से तैय्यारी कर सकते है। महादेवी …

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आधुनिक हिंदी काव्य, माध्यमिक स्तर पर पर्यावरण शिक्षा

आधुनिक हिंदी काव्य

आधुनिक हिंदी काव्य, कई विश्वविद्यालय के बी॰ ए॰ पाठ्यक्रम के हिंदी साहित्य विषय का एक प्रश्न पत्र है। हिंदी काव्य का आधुनिक काल 1850 से आरम्भ होता है। इसी युग मे हिंदी पद्य के साथ साथ गद्य का भी विकास हुआ। जन संचार के विभिन्न साधनों जैसे रेडिओ व समाचार पत्र का विकास इसी समय हुआ था। जिसका प्रभाव आधुनिक हिंदी काव्य पर भी पड़ा। भारतेन्दु …

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भाषा के रूप, पाठ्यक्रम के उद्देश्य, मातृभाषा ही शिक्षा का माध्यम क्यों?

सुमित्रानंदन पंत कविताए और व्याख्या

सुमित्रानंदन पंत कविताए और व्याख्या से सम्बंधित प्रश्न BA में पूछे जाते है। पंत की काव्य कृति चिदंबरा पर इन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ है। पंत ने अपनी कविता नौका विहार में जिस चांदनी रात का वर्णन किया है। वह शुक्ल पक्ष की दशमी की तिथि की उदित चांदनी का वर्णन है। कभी चांदनी रात …

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भाषा के दो रूप, मातृभाषा का महत्व

कामायनी श्रद्धा सर्ग सारांश

कामायनी का अर्थ है- “काम गोत्रजा”। कामायनी में कुल 15 सर्ग है। कामायनी श्रद्धा सर्ग में मनु व श्रद्धा को चित्रित किया गया है। काम की पुत्री होने के कारण श्रद्धा का दूसरा नाम कामायनी है। कामायनी महाकाव्य में शांत, श्रृंगार और वीर रस का प्रयोग हुआ है। कामायनी आधुनिक युग का सर्वश्रेष्ठ महाकाव्य है। …

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भाषा परिभाषा

सरोज स्मृति सारांश

सरोज स्मृति सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का एक शोक गीत है। जिसमें कवि ने अपनी युवा कन्या सरोज की अकाल मृत्युपर अपने शोक संतप्त हृदय के उद्गार व्यक्त किए हैं। इस प्रसिद्ध लोकगीत में जीवन की पीड़ा और संघर्षों के हलाहल का पान करने वाले कविवर निराला के निजी जीवन के कुछ अंशों का उद्घाटन भी …

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भाषा के दो रूप, मातृभाषा का महत्व

साकेत अष्टम सर्ग सारांश

साकेत महाकाव्य मैथिलीशरण गुप्त की रचना है। भारतीय एवं पाश्चात्य दोनों ही दृष्टि से साकेत की कथावस्तु गरिमा संपन्न है। साकेत अष्टम सर्ग की कथावस्तु का निर्माण मानवता की श्रेष्ठता का प्रतिस्थापन करने के लिए किया गया है। गुप्तजी ने इसमें संपूर्ण कथा को ना पकड़कर कुछ मार्मिक एवं हृदय स्पर्शी प्रसंगों को ही पकड़ा है। साकेत …

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भाषा के रूप, पाठ्यक्रम के उद्देश्य, मातृभाषा ही शिक्षा का माध्यम क्यों?

कुरुक्षेत्र छठा सर्ग सारांश

कुरुक्षेत्र छठा सर्ग – ‘कुरुक्षेत्र’ एक प्रबंध काव्य है। इसका प्रणयन अहिंसा और हिंसा के बीच अंतर्द्वंद के फल स्वरुप हुआ। कुरुक्षेत्र की ‘कथावस्तु’ का आधार महाभारत के युद्ध की घटना है, जिसमें वर्तमान युग की ज्वलंत युद्ध समस्या का उल्लंघन है। ‘दिनकर’ के कुरुक्षेत्र प्रबंध काव्य की कथावस्तु सात सर्गो में विभक्त है। कुरुक्षेत्र …

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