सामाजिक परिवर्तन एवं नियंत्रण

सामाजिक परिवर्तन एवं नियंत्रण – सामाजिक परिवर्तन, समाज के आधारभूत परिवर्तनों पर प्रकाश डालने वाला एक विस्तृत एवं कठिन विषय है। इस प्रक्रिया में समाज की संरचना एवं कार्यप्रणाली का एक नया जन्म होता है। इसके अन्तर्गत मूलतः प्रस्थिति, वर्ग, स्तर तथा व्यवहार के अनेकानेक प्रतिमान बनते एवं बिगड़ते हैं। समाज गतिशील है और समय के साथ परिवर्तन अवश्यंभावी है।

दलित समस्या समाधान

सामाजिक प्रक्रियाएं विशेषताएं परिभाषा आवश्यक तत्व प्रकार

सामाजिक प्रक्रियाएं – एक व्यक्ति या समूह की दूसरे के साथ अन्तःक्रिया होती है और वह अन्तः क्रिया सहयोग, संघर्ष, प्रतिस्पर्धा, आदि किसी भी रूप में हो सकती है। अन्तःक्रिया के विभिन्न स्वरूपों को ही सामाजिक प्रक्रिया के नाम से पुकारा गया है। जब अन्तः क्रिया में निरन्तरता पायी जाती है और साथ ही जब …

सामाजिक प्रक्रियाएं विशेषताएं परिभाषा आवश्यक तत्व प्रकार Read More »

औपचारिक सामाजिक नियंत्रण

औपचारिक सामाजिक नियंत्रण विशेषताएं साधन व प्रविधियां

औपचारिक सामाजिक नियंत्रण से आशय ऐसे नियंत्रण से लगाया जाता है जो राज्य सरकार या किन्हीं औपचारिक संस्थाओं द्वारा अपने सदस्यों के व्यवहारों को नियंत्रित करने के लिए स्पष्ट या परिभाषित नियमों के द्वारा लागू किया जाता है और यह नियम सदस्यों पर अनिवार्य रूप से लागू होते हैं। जो सदस्य इन नियमों का पालन …

औपचारिक सामाजिक नियंत्रण विशेषताएं साधन व प्रविधियां Read More »

सहयोग

सहयोग अर्थ परिभाषा विशेषताएं 4 लाभ व महत्व

सहयोग के अर्थ को भली-भाँति समझने के लिए इसकी कुछ परिभाषाओं पर विचार करना आवश्यक है। सहयोग का अर्थ स्पष्ट करते हुए प्रो. ग्रीन ने लिखा है सहयोग दो या दो से अधिक व्यक्तियों द्वारा किसी कार्य को करने या किसी समान इच्छित उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए किया जाने वाला निरन्तर एवं सामूहिक …

सहयोग अर्थ परिभाषा विशेषताएं 4 लाभ व महत्व Read More »

प्रचार

प्रचार अर्थ परिभाषा प्रचार के Top 5 साधन

प्रचार एक मनोवैज्ञानिक ढंग है जिसके माध्यम से व्यक्तियों या व्यक्तियों के समूह को एक पूर्व निर्धारित दिशा की ओर मोड़ने का प्रयास किया जाता है। आज चाहे कोई भी क्षेत्र हो। सर्वत्र प्रचार का महत्व है। प्रचार का कार्य क्षेत्र राजनीति ही नहीं रहा वरन् इसका प्रसार धार्मिक, आर्थिक सभी क्षेत्रों में हो गया …

प्रचार अर्थ परिभाषा प्रचार के Top 5 साधन Read More »

feedback box

जनमत अर्थ परिभाषा Top 7 विशेषताएं

आधुनिक युग में जनमत सामाजिक नियंत्रण का महत्वपूर्ण साधन है। आदिम समाजों में जनमत सामाजिक नियंत्रण का प्रमुख साधन है। ग्रामीण क्षेत्रों में जनमत ही सर्वोपरि होता है, इसकी अवहेलना करना प्रायः ग्रामीणों के लिए असंभव होता है। गांवों में जनमत का प्रतिनिधित्व ग्राम पंचायतें करती हैं। ग्रामीणों में पंच के प्रति अगाध श्रद्धा होती …

जनमत अर्थ परिभाषा Top 7 विशेषताएं Read More »

सेमिनार का संचालन

व्यवस्थापन अर्थ परिभाषा पद्धतियां व्यवस्थापन के परिणाम

व्यवस्थापन संघर्षकारी समूहों में सन्तुलन कायम करने की एक व्यवस्था भी है। इसमें दोनों पक्षों में सहिष्णुता पैदा हो जाती है और वे अपनी सच्ची और न्यायपूर्ण मांगों का प्रतिनिधित्व करने लगते हैं। यह संघर्षकारियों को सहयोग एवं निर्माण की ओर अग्रसर करता है तथा उन्हें पूर्ण विनाश से भी रोकता है। प्रजातंत्र में कई …

व्यवस्थापन अर्थ परिभाषा पद्धतियां व्यवस्थापन के परिणाम Read More »

प्रतिस्पर्धा

प्रतिस्पर्धा क्या है? प्रतिस्पर्धा के परिणाम एवं महत्व

प्रतिस्पर्धा या प्रतियोगिता को एक असहगामी सामाजिक प्रक्रिया माना गया है। इसका कारण यह है कि प्रतिस्पर्द्धियों में कम या अधिक मात्रा में एक-दूसरे के प्रति कुछ ईर्ष्या-द्वेष के भाव पाये जाते हैं। प्रत्येक दूसरों को पीछे रखकर स्वयं आगे बढ़ना चाहता है। अपने उद्देश्य को प्राप्त करना चाहता है। अत्यधिक या अनियन्त्रित प्रतिस्पर्धा समाज …

प्रतिस्पर्धा क्या है? प्रतिस्पर्धा के परिणाम एवं महत्व Read More »

औद्योगीकरण

औद्योगीकरण परिभाषा 7 विशेषताएं समाज पर प्रभाव

औद्योगीकरण शब्द का प्रयोग प्रायः दो अर्थों में किया जाता है प्रथम संकुचित अर्थ में तथा दूसरा व्यापक अर्थ में संकुचित अर्थ में औद्योगीकरण का अर्थ है निर्माता उद्योगों की स्थापना एवं विकास। इस अर्थ में औद्योगीकरण को आर्थिक विकास की व्यापक प्रक्रिया का एक अंग माना जाता है जिसका उद्देश्य उत्पादन के साधनों की …

औद्योगीकरण परिभाषा 7 विशेषताएं समाज पर प्रभाव Read More »

नगरीकरण

नगरीकरण परिभाषा 4 विशेषताएं नगरीकरण का समाज पर प्रभाव

नगरीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें गाँव नगरों में परिवर्तित होते हैं। इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप किसी भी देश की जनसंख्या में वृद्धि होने लगती है। नगरीकरण नगरीय बनने की एक प्रक्रिया है। इसका तात्पर्य व्यक्तियों अथवा सामाजिक प्रक्रियाओं को नगरीय क्षेत्रों के अनुरूप बनाना है। नगरीकरण नगरीकरण का आशय नगरीय क्षेत्रों की जनसंख्या नगरीय प्रक्रियाओं …

नगरीकरण परिभाषा 4 विशेषताएं नगरीकरण का समाज पर प्रभाव Read More »

भारत का विदेशी व्यापार

आधुनिकीकरण अर्थ भारत में आधुनिकीकरण के कारण परिणाम व हानियाँ

आधुनिकीकरण की प्रक्रिया किसी एक ही दिशा या क्षेत्र में होने वाले परिवर्तन को प्रकट नहीं करती वरन यह एक बहु-दिशा वाली प्रक्रिया है। साथ ही यह किसी भी प्रकार के मूल्यों से बंधी हुई नहीं है, परन्तु कभी-कभी इसका अर्थ अच्छाई और इच्छित परिवर्तन से लिया जाता है। पारम्परिक समाजों में होने वाले बदलावों …

आधुनिकीकरण अर्थ भारत में आधुनिकीकरण के कारण परिणाम व हानियाँ Read More »

संस्कृतिकरण अर्थ 11 विशेषताएं संस्कृतिकरण के 7 स्रोत New

संस्कृतिकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा कोई निम्न हिन्दू जाति या कोई जनजाति अथवा कोई अन्य समूह किसी उच्च और प्रायः द्विज जाति की दिशा में अपने रीति-रिवाज कर्मकाण्ड, विचारधारा और पद्धति को बदलता है। सामान्यतः ऐसे परिवर्तनों के बाद निम्न जाति, जातीय संस्तरण की प्रणाली में स्थानीय समुदाय में उसे परम्परागत रूप से जो …

संस्कृतिकरण अर्थ 11 विशेषताएं संस्कृतिकरण के 7 स्रोत New Read More »

मूल्यांकन

सामाजिक नियंत्रण परिभाषा विशेषताएं उद्देश्य धर्म में भूमिका

सामाजिक नियंत्रण का अर्थ उस ढंग से है जिससे सम्पूर्ण सामाजिक व्यवस्था में एकता व स्थायित्व बना रहता है। अर्थात् वह किस प्रकार परिवर्तनशील संतुलन के रूप में क्रियाशील होती है। प्लेटो व अरस्तू से लेकर आधुनिक समय तक के सामाजिक विचारकों ने यह स्वीकार किया है कि समाज के अस्तित्व के लिये थोड़ी बहुत …

सामाजिक नियंत्रण परिभाषा विशेषताएं उद्देश्य धर्म में भूमिका Read More »

सामाजिक परिवर्तन के प्राकृतिक कारक

सामाजिक परिवर्तन के प्राकृतिक कारक

सामाजिक परिवर्तन के प्राकृतिक कारक – परिवर्तन प्रकृति का नियम है प्रकृति आवश्यकतानुसार स्वयं परिवर्तन करती रहती है। प्राचीन ग्रीक दार्शनिक हेराक्लीट्स के अनुसार, एक व्यक्ति के लिए एक ही नदी में दो बार पैर रखना असम्भव है इसके दो कारण है। पहला दूसरी बार में नदी पहले जैसे नहीं रहेगी नदी के साथ-साथ वह …

सामाजिक परिवर्तन के प्राकृतिक कारक Read More »

सामाजिक परिवर्तन के कारक, सामाजिक परिवर्तन के जनसंख्यात्मक कारक

सामाजिक परिवर्तन के जनसंख्यात्मक कारक

सामाजिक परिवर्तन के जनसंख्यात्मक कारक – सामाजिक परिवर्तन के क्षेत्र में जनसंख्यात्मक कारकों का भी अत्यधिक महत्व है। जनसंख्यात्मक कारक भी सामाजिक परिवर्तन के कारण होते हैं। अन्य शब्दों में जनसंख्या का आकार और घनत्व में परिवर्तन जन्म दर और मृत्यु दर के घटने-बढ़ने से कई परिवर्तन होते हैं। उदाहरण के लिए भारत में 1901 …

सामाजिक परिवर्तन के जनसंख्यात्मक कारक Read More »

सामाजिक परिवर्तन के कारक, सामाजिक परिवर्तन के जनसंख्यात्मक कारक

सामाजिक परिवर्तन के कारक

सामाजिक परिवर्तन के कारक – सामाजिक जीवन के सम्बन्धों में परिवर्तन अनेक कारणों से हो सकता है और होता भी है। ये कारण प्राकृतिक या भौगोलिक हो सकता है, जनसंख्यात्मक हो सकते हैं, प्राणिशास्त्रीय भी हो सकते हैं या आर्थिक प्रौद्योगिकीय या सांस्कृतिक भी हो सकते हैं। परन्तु इस सम्बन्ध में स्मरणीय है कि सामाजिक …

सामाजिक परिवर्तन के कारक Read More »