राजव्यवस्था

राजव्यवस्था – जब संविधान को एक देश (राज्य) में लागु करने के लिए उस देश की सरकार द्वारा जो भी व्यवस्था की जाती है उसे हम कहते हैं, राज्यव्यवस्था।

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उग्रवादी आंदोलन परिस्थितियाँ योजनाएँ व 7 दोष

उग्रवादी आंदोलन – सन् 1905 से 1917 तक भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन जो मुख्य रूप से उग्र था, की प्रभावी प्रवृत्ति रही, आन्दोलन के इस काल का नामकरण उसी प्रमुख प्रवृत्ति के आधार पर किया गया। अतः स्पष्ट है कि इस अवधि में राष्ट्रीय आन्दोलन की मुख्य प्रवृत्ति उग्रवादी रही। उग्रवादी आंदोलन के इस चरण में …

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जलवायु परिवर्तन के कारण

उदारवादी विचारधाराएं सफलताएं योगदान

1885 से लेकर 1905 तक भारतीय आन्दोलन का नेतृत्व उदारवादी राष्ट्रवादियों के हाथों में था। जिन्होंने कांग्रेस के माध्यम से कार्य करते हुए सरकार के समक्ष अपनी माँगे रखी। बहुत से इतिहासकारों की दृष्टि में उदारवादी युग का भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन के इतिहास में कोई विशेष महत्व नहीं है। कारण यह है कि उदारवादी अपने …

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राज्यसभा रचना संगठन, भारतीय राष्ट्रवाद

भारतीय राष्ट्रवाद उद्भव विकास के कारण

भारतीय राष्ट्रवाद – उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में भारतीय राष्ट्रवाद का उदय हुआ जिसने आगे चल कर भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन को जन्म दिया और भारत की स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त किया। राष्ट्रवाद ऐसा नहीं है कि भारतवासियों के मन में स्वतः ही और अचानक ही घर कर गया हो। यह धीरे धीरे भारतवासियों के हृदय …

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समानता

समानता अर्थ परिभाषा लक्षण समानता के 4 प्रकार

समानता के संबंध में विभिन्न अर्थ प्रचलित हुए। बहुत सी धारणायें भ्रमपूर्ण भी रहीं। प्राकृतिक समानता पर बल देने वाले मानते हैं कि चूँकि ईश्वर ने सभी को समान बनाया अतः सभी के साथ समान व्यवहार होना चाहिए सभी को बराबर साधन मिलने चाहिए कुछ विचारक मानते हैं कि प्रकृति के मूल में असमानता है। …

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स्वतंत्रता

स्वतंत्रता अर्थ परिभाषा प्रकार संरक्षण की दशाएं

स्वतंत्रता अंग्रेजी के लिबर्टी शब्द का हिन्दी अनुवाद है जो लैटिन भाषा के लाइबर शब्द से बना है, जिसका तात्पर्य है बन्धनों का न होना। अतः शाब्दिक व्युत्पत्ति के अनुसार स्वतन्त्रता का अर्थ हुआ बंधनों का अभाव, लाक ने इस भाव का समर्थन किया परन्तु वर्तमान समय में स्वतंत्रता का अर्थ प्रत्येक व्यक्ति की इच्छानुसार …

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कानून आवश्यक तत्व, न्याय

न्याय अर्थ परिभाषा विशेषताएं न्याय के 6 प्रकार

न्याय अंग्रेजी भाषा के जस्टिस (Justice) शब्द का हिन्दी रूपान्तर है। जस्टिस शब्द लेटिन भाषा के ‘जस’ (Jus) शब्द से बना है जिसका तात्पर्य होता है जोड़ना अथवा संयोजित करना। शाब्दिक व्युत्पत्ति के आधार पर न्याय का विचार समाज में व्यक्तियों के पारस्परिक सम्बन्धों की उचित व्यवस्था इस उद्देश्य से करता है जिससे कि संगठित …

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कानून

कानून अर्थ परिभाषा आवश्यक तत्व प्रकार स्रोत

कानून राज्य का लक्ष्य मानव कल्याण की उचित व्यवस्था करना है, लेकिन इस लक्ष्य की प्राप्ति की आशा तभी की जा सकती है जबकि राज्य के नागरिक अपने जीवन में आचरण के कुछ सामान्य नियमों का पालन करते हों। अतः राज्य अपने नागरिकों के जीवन के संचालन हेतु नियमों का निर्माण करता है, जिनका पालन …

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समस्या समाधान विधि, मानव विकास की अवस्थाएं, राज्य स्तर पर शैक्षिक प्रशासन

मार्क्सवादी सिद्धांत – राज्य की प्रकृति सिद्धांत की आलोचना

मार्क्सवादी सिद्धांत के अनुसार पूँजीपति वर्ग और श्रमिक वर्ग में वर्ग संघर्ष तभी समाप्त होगा जब श्रमिक वर्ग का राजनीतिक दल क्रान्ति द्वारा राज्य सत्ता पर कब्जा करके पूँजीपति वर्ग के अस्तित्व को समाप्त कर दे। उत्पादन के साधन पूँजीपति वर्ग के हाथ से निकलकर सार्वजनिक स्वामित्व के अन्तर्गत आ जाते हैं। पूँजीवादी अर्थव्यवस्था जैसे-जैसे …

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रागदरबारी उपन्यास व्याख्या, उपयोगिता

विकासवादी सिद्धांत क्या है? इसके तत्व लिखिए।

विकासवादी सिद्धांत – राज्य एक जटिल संस्था है जिसकी उत्पत्ति इतने सरल तरीके से हो गयी होगी, इसे नहीं माना जा सकता है। राज्य की उत्पत्ति में बहुत से तत्वों ने योगदान दिया है। आधुनिक युग में विज्ञान, इतिहास, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र तथा अन्य शास्त्रों के अध्ययन ने यह सिद्ध कर दिया है कि राज्य की …

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अल्पविकसित देश की व्यवस्था

कल्याणकारी राज्य परिभाषा 5 विशेषताएं 11 कार्य

सम्पूर्ण जनता के हित के कार्य करने वाला राज्य परन्तु मानव हित के साधन के रूप में राज्य का विचार कोई नवीन विचार नहीं है। इस रूप में कल्याणकारी राज्य का ही प्रतीक है। महाभारत, पाराशर की स्मृतियाँ तथा मार्कण्डेय, मनु और याज्ञवल्क्य आदि के विचार में कल्याणकारी राज्य की अवधारणा स्पष्ट दिखाई देती है। …

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चीन स्थिति भूवैज्ञानिक संरचना

राज्य अर्थ परिभाषा 4 उद्देश्य तत्व 11 कार्य

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और समाज में रहने के लिए राज्य की आवश्यकता होती है। राज्य शब्द को अंग्रेजी भाषा में State कहा जाता है। अंग्रेजी शब्द State लैटिन भाषा के Status से निकला है ‘Status’ का प्रयोग किसी व्यक्ति या व्यक्ति समूह के सामाजिक स्तर का बोध कराने के लिए होता होगा परन्तु …

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भाषा के दो रूप, मातृभाषा का महत्व

उत्तर व्यवहारवाद के Top 8 आधारभूत लक्षण

व्यवहारवाद का आशय एक ऐसी क्रान्ति से है जो उस ‘व्यवहारवाद’ के विरुद्ध है, जिसके द्वारा राजनीतिक विज्ञान को प्राकृतिक विज्ञान की वैज्ञानिक शोध पद्धति का प्रयोग करके विज्ञान का रूप देने का प्रयास किया है। “व्यवहारवादी क्रान्ती से हम अपने विश्लेषण को सार्थकता नहीं दे सकते, अतः हमें उत्तर व्यवहारवादी बनना होगा।’ – डेविड …

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रागदरबारी उपन्यास व्याख्या, उपयोगिता

व्यवहारवाद परिभाषा व्यवहारवाद की आलोचना

व्यवहारवाद – द्वितीय महायुद्ध के बाद परम्परागत राजनीति विज्ञान के विरुद्ध एक विस्तृत क्रान्ति प्रारम्भ हुई, जिसके फलस्वरूप सभी विज्ञान प्रभावित हुए इसी क्रान्ति को व्यवहारवाद के नाम से जाना जाता है। व्यवहारवाद राजनीतिक तथ्यों की व्यवस्था तथा विश्लेषण की एक विशिष्ट विधि है जिसे द्वितीय महायुद्ध के बाद अमेरिका के राजवैज्ञानिकों द्वारा इसका विकास …

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राजनीति विज्ञान इतिहास संबंध, राजनीतिशास्त्र, राज्य

राजनीतिशास्त्र अर्थ परिभाषाएं राजनीति शास्त्र का क्षेत्र

राजनीति को राज्य का विज्ञान माना जाता है तथा अध्ययन के विषय के रूप में इसे राजनीतिशास्त्र कहा जाता है। राजनीतिशास्त्र में राज्य की उत्पत्ति, कार्यों, संगठन, सरकार, व्यक्ति के साथ राज्य के सम्बन्धों की व्याख्या करने वाली धारणाओं का अध्ययन शामिल किया जाता है। यह माना जाता है कि राजनीतिशास्त्र का आरम्भ तथा अन्त …

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राजनीति विज्ञान इतिहास संबंध, राजनीतिशास्त्र, राज्य

राजनीति विज्ञान भूगोल संबंध अंतर

राजनीति विज्ञान भूगोल संबंध – अन्य मानविकी विज्ञानों की भाँति राजनीति विज्ञान का संबंध भूगोल के साथ भी है। भौगोलिक अवस्थिति एवं परिस्थितियाँ दोनों ही राज्य के निर्माणकारी तत्वों में शामिल होती हैं बिल्कुल उसी प्रकार जिस प्रकार अन्य कारक शामिल होते हैं। अनेक विद्वानों ने यह विचार व्यक्त किया है कि भौगोलिक और भौतिक …

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रागदरबारी उपन्यास व्याख्या, उपयोगिता

राजनीति विज्ञान इतिहास संबंध अंतर

राजनीति विज्ञान इतिहास संबंध – इतिहास तथा राजनीति विज्ञान में अटूट और घनिष्ठ संबंध है। इस संबंध के विषय में अपने ही विचार व्यक्त करते हुए लार्ड ब्राइस ने लिखा है कि “राजनीति विज्ञान, अतीत तथा वर्तमान तथा इतिहास और राजनीति के मध्य में विद्यमान है। इसने अपनी विषय सामग्री एक से प्राप्त की है …

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राजनीति विज्ञान, विकासवादी सिद्धांत

राजनीति विज्ञान अर्थशास्त्र संबंध व अंतर

राजनीति विज्ञान अर्थशास्त्र संबंध – राजनीति विज्ञान तथा अर्थशास्त्र में अत्यंत घनिष्ठ संबंध है। 18वीं शताब्दी तक तो दोनों का अध्ययन एक शास्त्र के अंतर्गत किया जाता था जिसे राजनीतिक अर्थशास्त्र कहा जाता था। इसका उदाहरण हमें प्राचीन काल की रचनाओं से भी मिलता है। प्राचीन काल में कौटिल्य ने व्यावहारिक राजनीति पर लिखी गयी …

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राजनीति विज्ञान, विकासवादी सिद्धांत

राजनीति विज्ञान परिभाषाएं प्रकृति 7 विषय क्षेत्र

राजनीति शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम यूनानी विचारक अरस्तू ने किया था। अपनी पुस्तक के रूप में अरस्तू ने इस शब्दावली को अपनाया। उनकी पुस्तक का विषय ‘पोलिस’ या नगर- राज्य था। अतः उन्होंने नगर-राज्य से सम्बन्धित अध्ययन को यूनानियों के लिए राजनीति शब्द के साथ राज्य का अध्ययन तथा वह सब कुछ जुड़ा हुआ था, …

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मौलिक अधिकार

जनतंत्र अर्थ परिभाषा विशेषताएं व जनतंत्र के 6 सिद्धांत New

जनतंत्र को गणतंत्र भी कहा जाता है। गण का अर्थ होता है – झुंड, समूह या जत्था। जनतंत्र को राजतंत्र भी कहा जाता है इसलिए लोकतंत्र के लिए गणराज्य शब्द का भी प्रयोग किया जाता है। सभी शब्दों से एक ही मत या विचार स्पष्ट होता है कि किसी भी देश या राष्ट्र में राजनैतिक …

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प्रजातंत्र के गुण व दोष

प्रजातंत्र के गुण व दोष

प्रजातंत्र के गुण व दोष – प्रजातंत्र की सफलता का मूल आधार शिक्षा होती है, इसलिए लोकतंत्र जन शिक्षा पर सबसे अधिक बल देता है। इसके लिए वह सर्वथा में निश्चित आयु तक के बच्चों के लिए अनिवार्य एवं निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था करता है। वह पुरुष और महिलाओं में भेद नहीं करता इसलिए दोनों …

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भारतीय संविधान के मौलिक कर्तव्य

भारतीय संविधान के मौलिक कर्तव्य

भारतीय संविधान के मौलिक कर्तव्य – 26 जनवरी 1950 को स्वतंत्र भारत का नया संविधान लागू किया गया जिसके अंतर्गत भारत को एक धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य घोषित किया गया। स्वतंत्रता के बाद भारतीय संविधान के द्वारा लोगों को मौलिक अधिकार जैसे समानता, स्वतंत्रता शोषण के विरुद्ध, धर्म स्वतंत्रता संस्कृति और शिक्षा संबंधी और संविधानिक उपचारों …

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मौलिक अधिकार

6 मौलिक अधिकार – समानता स्वतंत्रता शोषण के विरूद्ध अधिकार

मौलिक अधिकार का सामाजिक जीवन पद्धति में व्यक्ति और राज्य के पारस्परिक संबंधों में महत्वपूर्ण स्थान है। शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि व्यक्ति को राज्य के बनाए गए कानूनों और नियमों के अनुसार व्यवहार करना चाहिए। किंतु साथ ही राज्य की शक्तियों और अधिकारों को सीमित करना भी आवश्यक है। …

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राज्यसभा रचना संगठन, भारतीय राष्ट्रवाद

राज्य का मुख्यमंत्री चयन योग्यताए अधिकार एवं शक्तियाँ

राज्य का मुख्यमंत्री, जो स्थित केंद्र में प्रधानमंत्री की होती है, ठीक वही स्थित राज्य में मुख्यमंत्री की होती है। वह राज्य मंत्री परिषद का प्रधान होता है। उसकी नियुक्त भारतीय संविधान के अनुच्छेद 163 (1) के अंतर्गत राज्य का राज्यपाल करता है। विधानसभा में जिस राजनीतिक दल का बहुमत होता है,उसके नेता को राज्यपाल …

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भारतीय संविधान प्रस्तावना

भारत के प्रधानमंत्री चयन, योग्यताएं, कार्यकाल

ब्रिटिश संविधान में प्रधानमंत्री का पद परंपरा पर आधारित है, परंतु भारत के प्रधानमंत्री के पद को संविधान द्वारा मान्यता प्रदान की गई है। भारतीय प्रशासन में प्रधानमंत्री को बहुत महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। भारतीय संविधान में कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित करते हुए कहा गया है कि राष्ट्रपति अपनी समस्त शक्तियों का प्रयोग मंत्रिपरिषद …

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राज्यसभा

राज्यसभा रचना संगठन निर्वाचन, कार्यकाल, कार्य और शक्तियां

राज्यसभा संसद का द्वितीय और उच्च सदन है। राज्यसभा की रचना संघीय शासन व्यवस्था के सिद्धांत के अनुसार किया गया है। इस सदन को लोकसभा की तुलना में कम शक्तियां प्राप्त है, परंतु फिर भी इसे सदन का अपना महत्व है। भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है। जिसका कार्यकाल 5 वर्ष होता …

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लोकसभा कार्य

लोकसभा रचना संगठन कार्य और 7 शक्तियां

लोकसभा रचना संगठन कार्य – लोकसभा संसद का प्रथम और लोकप्रिय तथा जनता प्रतिनिधित्व करने वाला सदन है। इसे निम्न सदन भी कहा जाता है। यह सदन संसद के दूसरे सदन राज्यसभा से अधिक शक्तिशाली है। लोकसभा रचना लोकसभा रचना संगठन में निम्न अंग है- लोकसभा रचना में सदस्य संख्या मूल संविधान में लोकसभा की …

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राज्यसभा रचना संगठन, भारतीय राष्ट्रवाद

भारत का राष्ट्रपति कार्यकाल, शक्तियाँ स्थिति महत्व

भारत का राष्ट्रपति – भारतीय संविधान के अनुच्छेद 52 के अनुसार भारत का एक राष्ट्रपति होगा। भारत द्वारा अपनाई गई संसदीय शासन प्रणाली में एक सरकार के समाप्त होने पर दूसरी सरकार बनने में कुछ समय लगता है। इस अंतराल के लिए कार्यपालिका के संवैधानिक प्रधान के रूप में राष्ट्रपति का पद अनिवार्य है। इस …

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भारतीय संविधान

भारतीय संविधान 12 अनुसूचियां 11 कर्तव्य नागरिकता

भारतीय संविधान, भारत का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। यह दिन (26 नवम्बर) भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है। जबकि 26 जनवरी का दिन भारत में गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। भीमराव …

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