राजव्यवस्था

राजव्यवस्था – जब संविधान को एक देश (राज्य) में लागु करने के लिए उस देश की सरकार द्वारा जो भी व्यवस्था की जाती है उसे हम कहते हैं, राज्यव्यवस्था।

जिला परिषद संरचना बैठक 11 कार्य

जिला परिषद पंचायती राज की सबसे ऊपरी संस्था है। जिला परिषद ग्राम पंचायतों एवं पंचायत समितियों का मूलतः नीति निर्धारण एवं मार्गदर्शन का काम करती है। जिला परिशद् की मुख्य धारा एवं उससे संबंधित प्रावधानों का विवरण इस प्रकार है- जिला परिषद की संरचना जिला परिषद् का भी ग्राम पंचायत एवं पंचायत समिति की तरह …

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पंचायत समिति संरचना बैठक 32 कार्य बजट

पंचायत समिति ग्राम पंचायत और जिला परिषद् के बीच की एक महत्त्वपूर्ण कड़ी है। त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के अन्तर्गत पंचायत समिति मध्यवर्ती पंचायत के रूप में भूमिका निभाता है। जिस प्रकार केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के प्रशासनिक एवं विधायी सम्बन्धी सारे कार्य संविधान के नियमों के अनुकूल संचालित होता है, उसी प्रकार पंचायत …

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भारतीय संविधान

भारतीय संविधान 12 अनुसूचियां 11 कर्तव्य नागरिकता

भारतीय संविधान, भारत का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। यह दिन (26 नवम्बर) भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है। जबकि 26 जनवरी का दिन भारत में गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। भीमराव …

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ग्राम पंचायत संरचना 34 कार्य 6 समितियां

तेहत्तरवें संविधान संशोधन के अनुसार त्रिस्तरीय पंचायती राज में प्रारंभिक स्तर की संस्था ग्राम पंचायत सबसे महत्वपूर्ण संस्था है। ग्राम पंचायत निर्वाचित प्रतिनिधयों की एक ऐसी संस्था है जिसे जनता के आमने-सामने हो कर जवाब देना पड़ता है। साथ ही अधिकांश कार्यकलापों के लिए निर्णय लेने से पहले जनता से उनकी सहमति लेनी होती है। …

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ग्राम सभा

ग्राम सभा बैठक विषय 5 कार्य

ग्राम सभा का क्षेत्र एक सम्पूर्ण ग्राम पंचायत होता है। यह पंचायती राज व्यवस्था का महत्वपूर्ण अंग है। ग्राम पंचायत क्षेत्र में रहने वाले सभी व्यक्ति जिनका नाम मतदाता सूची में दर्ज हो इस सभा के सदस्य होते हैं। इसमें 200 या उससे अधिक की जनसंख्या का होना जरूरी होता है। ग्राम सभा की बैठक …

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भारत में पंचायती राज का इतिहास क्या है? 30 कार्य

पंचायती राज व्यवस्था का अस्तित्व में भारत में शुरुआती दौर से ही रहा है। अलग-अलग समय में यह व्यवस्था अलग-अलग नामों से जानी जाती रही है। पंचायती राज व्यवस्था में ग्राम, तहसील, तालुका और ज़िला आते हैं। ब्रिटिश शासन काल में 1882 में तत्कालीन वायसराय लॉर्ड रिपन ने स्थानीय स्वायत्त शासन की स्थापना की कोशिश …

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grayscale photo of people on street near buildings during daytime

उग्रवादी आंदोलन परिस्थितियाँ योजनाएँ व 7 दोष

उग्रवादी आंदोलन – सन् 1905 से 1917 तक भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन जो मुख्य रूप से उग्र था, की प्रभावी प्रवृत्ति रही, आन्दोलन के इस काल का नामकरण उसी प्रमुख प्रवृत्ति के आधार पर किया गया। अतः स्पष्ट है कि इस अवधि में राष्ट्रीय आन्दोलन की मुख्य प्रवृत्ति उग्रवादी रही। उग्रवादी आंदोलन के इस चरण में …

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जलवायु परिवर्तन के कारण

उदारवादी विचारधाराएं सफलताएं योगदान

1885 से लेकर 1905 तक भारतीय आन्दोलन का नेतृत्व उदारवादी राष्ट्रवादियों के हाथों में था। जिन्होंने कांग्रेस के माध्यम से कार्य करते हुए सरकार के समक्ष अपनी माँगे रखी। बहुत से इतिहासकारों की दृष्टि में उदारवादी युग का भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन के इतिहास में कोई विशेष महत्व नहीं है। कारण यह है कि उदारवादी अपने …

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राज्यसभा रचना संगठन, भारतीय राष्ट्रवाद

भारतीय राष्ट्रवाद उद्भव विकास के कारण

भारतीय राष्ट्रवाद – उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में भारतीय राष्ट्रवाद का उदय हुआ जिसने आगे चल कर भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन को जन्म दिया और भारत की स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त किया। राष्ट्रवाद ऐसा नहीं है कि भारतवासियों के मन में स्वतः ही और अचानक ही घर कर गया हो। यह धीरे धीरे भारतवासियों के हृदय …

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समानता

समानता अर्थ परिभाषा लक्षण समानता के 4 प्रकार

समानता के संबंध में विभिन्न अर्थ प्रचलित हुए। बहुत सी धारणायें भ्रमपूर्ण भी रहीं। प्राकृतिक समानता पर बल देने वाले मानते हैं कि चूँकि ईश्वर ने सभी को समान बनाया अतः सभी के साथ समान व्यवहार होना चाहिए सभी को बराबर साधन मिलने चाहिए कुछ विचारक मानते हैं कि प्रकृति के मूल में असमानता है। …

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स्वतंत्रता

स्वतंत्रता अर्थ परिभाषा प्रकार संरक्षण की दशाएं

स्वतंत्रता अंग्रेजी के लिबर्टी शब्द का हिन्दी अनुवाद है जो लैटिन भाषा के लाइबर शब्द से बना है, जिसका तात्पर्य है बन्धनों का न होना। अतः शाब्दिक व्युत्पत्ति के अनुसार स्वतन्त्रता का अर्थ हुआ बंधनों का अभाव, लाक ने इस भाव का समर्थन किया परन्तु वर्तमान समय में स्वतंत्रता का अर्थ प्रत्येक व्यक्ति की इच्छानुसार …

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कानून आवश्यक तत्व, न्याय

न्याय अर्थ परिभाषा विशेषताएं न्याय के 6 प्रकार

न्याय अंग्रेजी भाषा के जस्टिस (Justice) शब्द का हिन्दी रूपान्तर है। जस्टिस शब्द लेटिन भाषा के ‘जस’ (Jus) शब्द से बना है जिसका तात्पर्य होता है जोड़ना अथवा संयोजित करना। शाब्दिक व्युत्पत्ति के आधार पर न्याय का विचार समाज में व्यक्तियों के पारस्परिक सम्बन्धों की उचित व्यवस्था इस उद्देश्य से करता है जिससे कि संगठित …

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