भूगोल

भूगोल वह विज्ञान है जिसके द्वारा पृथ्वी के ऊपरी स्वरुप और उसके प्राकृतिक विभागों (जैसे पहाड़, महाद्वीप, देश, नगर, नदी, समुद्र, झील, जल-संधियाँ, वन आदि) का ज्ञान होता है। प्राकृतिक विज्ञानों के निष्कर्षों के बीच कार्य-कारण संबंध स्थापित करते हुए पृथ्वीतल की विभिन्नताओं का मानवीय दृष्टिकोण से अध्ययन ही भूगोल का सार तत्व है। पृथ्वी की सतह पर जो स्थान विशेष हैं उनकी समताओं तथा विषमताओं का कारण और उनका स्पष्टीकरण भूगोल का निजी क्षेत्र है। भूगोल शब्द दो शब्दों भू यानि पृथ्वी और गोल से मिलकर बना है।

सुधार आंदोलन

भारत में जनसंख्या वृद्धि के कारण 11 Top Reasons

भारत में जनसंख्या वृद्धि के कारण – भारत की बढ़ती हुई जनसंख्या एक कठिन समस्या है। जनसंख्या वृद्धि अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव डालती है। जनसंख्या की तीव्र एवं नियंत्रित वृद्धि को जनसंख्या विस्फोट कहा जाता है। भारत में बीसवीं सदी के उत्तरार्ध में ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई थी। यहां बढ़ती हुई जनसंख्या एक चिंताजनक स्थिति …

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पर्यावरण अवनयन के कारण

जैव विविधता ह्रास के कारण – 11 Top Reasons

जैव विविधता ह्रास के कारण – वर्तमान समय में जैव-विविधता का विलोपन बहुत तीव्रता से हो रहा है। इसके लिए प्राकृतिक – तथा मानवीय दोनों कारक उत्तरदायी हैं। प्राकृतिक कारक जैसे जलवायु परिवर्तन, ज्वालामुखी विस्फोट, भूकम्प, भू-स्खलन, अतिवृष्टि, शीतलहरी, हिमावरण, हिमद्रवण, मृदा अपरदन, आँधी-तूफान आदि के कारण जीव-जातियों का क्षरण हो रहा है। जैव विविधता …

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बाघ परियोजना

बाघ परियोजना उद्देश्य व 27 बाघ रिजर्व परियोजनाएं

टाइगर प्रोजेक्ट (बाघ परियोजना) को 1 अप्रैल 1973 में शुरू किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य भारत में बाघों की जनसंख्या को उचित स्तर पर बनाये रखना है ताकि वैज्ञानिक, सौन्दर्यात्मक, सांस्कृतिक और पारिस्थितिक मूल्य बनाए रखे जा सके। इससे प्राकृतिक धरोहर को भी संरक्षण मिलेगा जिसका लोगों को शिक्षा और मनोरंजन के रूप में लाभ …

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वायु प्रदूषण परिभाषा

वायु प्रदूषण परिभाषा प्रकार स्रोत रोकने के 5 उपाय

वायु प्रदूषण – वायु विभिन्न वायुमण्डलीय गैसों का यांत्रिक मिश्रण है जो मानव सहित विभिन्न जीवधारियों के जीवन का आधार है। एक सामान्य व्यक्ति को प्रतिदिन लगभग 35 गैलन या 16 कि. ग्राम. वायु की जरूरत होती है। जिसे वह अपने आस-पास के आक्सीजन सम्पन्न वायुण्डल से प्राप्त करता है। बड़े पैमाने पर जीवाश्म ईंधन …

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जल प्रदूषण

जल प्रदूषण परिभाषा स्रोत जल प्रदूषण नियंत्रण के 10 उपाय

जल प्रदूषण – जनसंख्या वृद्धि और औद्योगिक विस्तार के परिणामस्वरूप पानी की माँग बढ़ी है जिसके कारण जल की गुणवत्ता काफी घट गई है। जब मनुष्य द्वारा जल से इसकी स्वयं शोधन क्षमता से अधिक मात्रा में विजातीय अवांछनीय तत्व डाल दिये जाते हैं तब जल प्रदूषित हो जाता है। यद्यपि जल के प्रदूषक प्राकृतिक …

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मरुस्थलीकरण

मरुस्थलीकरण प्रभाव कारण नियंत्रण के 5 उपाय

मरुस्थलीकरण – ऐसी भूमि जहाँ पर किसी भी प्रकार की वनस्पति नहीं पायी जाती है और न ही पाये जाने की सम्भावना होती है ऐसे क्षेत्र को मरुस्थल कहते हैं। दूसरे शब्दों में सामान्य तथा शुष्क क्षेत्रों जहाँ वनस्पति व वर्षा का सदैव अभाव रहता है तथा वर्षा 100°C वार्षिक से कम होती है। उस …

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पर्यावरण अवनयन, भारत में वनोन्मूलन

भारत में वनोन्मूलन के 6 कारण 10 उपाय व वन संरक्षण नीतियां

भारत में वनोन्मूलन – जिस प्रकार से प्राकृतिक प्रकोप का प्रभाव सारे मानव क्रियाओं पर पड़ता है उसी प्रकार मानव अन्य विपदाय मानव के स्वयं के लिये घातक सिद्ध हो रही है। मानव अपनी सुख-सुविधाओं के क्रम करता है और यही सुविधायें आगे चलकर उसके लिए अभिशाप सिद्ध होती है। वन किसी देश की अमूल्य …

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पर्यावरण अवनयन, भारत में वनोन्मूलन

पर्यावरण अवनयन के 10 कारण व Top 5 रोकने के उपाय

पर्यावरण अवनयन – पर्यावरण तंत्र की संरचना जैविक अजैविक संघटकों द्वारा होती है। यदि इस तंत्र के इसी संघटक में कोई परिवर्तन होता है तो अन्तः निर्मित स्वतः नियामक क्रियाविधि द्वारा उसकी क्षतिपूर्ति हो जाती है और पर्यावरण तंत्र में सन्तुलन बना रहता है। पर्यावरण अवनवन का अर्थ है “पर्यावरण के भौतिक संघटकों में जैविक …

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मृदा परीक्षण करता हुआ व्यक्ति

मृदा अपरदन के कारण व 8 रोकने के उपाय

मृदा अपरदन – मृदा जब अपने पोषक जैविक तत्व, भौतिक बनावट व रासायनिक संरचना को देती है तब मृदा का विघटन एवं विनियोजन प्रारंभ होकर उनका स्थानांतरण हो जाता है। इसे ही मृदा अपरदन कहा जाता है। यह एक लंबी प्रक्रिया है जो विभिन्न मृदा बहुत ही की भौगोलिक परिस्थितियों में अनेक साधनों द्वारा संपन्न …

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ओजोन क्षरण के प्रभाव, पर्यावरण परिवर्तन के कारण

पर्यावरण परिवर्तन के कारण

पर्यावरण परिवर्तन के कारण – मानव के सामाजिक, आर्थिक व सांस्कृतिक गतियों के रूप विभिन्न वातावरण में विकसित हुए हैं। वातावरण की सीमा इन सभी पर लागू होती है। लेकिन समय के साथ-साथ मानवीय क्षमता-दक्षता के कारण उपलब्ध पारिस्थितिकी से वह संतुष्ट नहीं रहा। मानव ने देखा प्राकृतिक वातावरण में बहुत कुछ दे रहा है …

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ओजोन क्षरण

ओजोन क्षरण के कारण व Top 4 प्रभाव

ओजोन क्षरण – ओजोन शब्द यूनानी शब्द ओजो से बना है। जिसका अर्थ होता है गंध। ऑक्सीजन का बदला हुआ रूप ओजोन है। ओजोन O3 मैं ऑक्सीजन O2 से एक परमाणु अधिक होता है। ओजोन गैस का रंग नीला तथा गंध तीखी होती है। ओजोन मंडल में यह ऑक्सीजन पर सूर्य की पराबैंगनी किरणों की …

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पारिस्थितिकी के लाभ

हरित गृह प्रभाव स्रोत उत्पन्न समस्या समाधान

हरित गृह प्रभाव – शीत प्रधान देशों में जहां पर शरद काल में पर्याप्त सूर्य ताप का प्रभाव होता है। पौधे खासकर फलों एवं सब्जियों का हरित प्रभाव का प्रयोग किया जाता है। हरित गृह प्रभाव में प्रवेशी लघु तरंगे सौरिक विकिरण अंदर की ओर पहुंच जाता है। परंतु पृथ्वी से विकिरण विकृत दीर्घ तरंगे …

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सूखी मृदा

मृदा तंत्र विशेषताएं महत्व संघटक

सामान्य रूप में शैलों के विघटन तथा वियोजन से प्राप्त ढीले एवं असंगठित भू पदार्थों को मृदा कहते हैं। मिट्टी वास्तव में जीवमंडल या जीवन परत का हृदय या क्रोड है, क्योंकि यह उस मंडल का प्रतिनिधित्व करती है जिसमें पौधों के पोषक तत्वों का उत्पादन तथा रखरखाव होता है। मृदा मिट्टियां जंतु खनिज एवं …

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पारिस्थितिक तंत्र

पारिस्थितिक तंत्र परिभाषा घटक 9 विशेषताएं व कार्य

पारिस्थितिक तंत्र – किसी भी प्रदेश की वनस्पति जंतुओं का वितरण वहां की जलवायु पर निर्भर करता है साथ ही उस प्रदेश की जलवायु वहां की वनस्पति द्वारा प्रभावित होती है और वनस्पति उस प्रदेश में पाए जाने वाले जंतुओं के वितरण को भी प्रभावित करती है इस प्रकार भूमि और वनस्पति में तथा मिट्टी …

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पर्यावरण

पर्यावरण परिभाषाएं पर्यावरण संगटक

पर्यावरण अंग्रेजी भाषा Environment का हिंदी रूपांतरण है अंग्रेजी शब्द की उत्पत्ति फ्रेंच भाषा में Envinor से हुई है जिसका तात्पर्य घिरा हुआ है। सामान्य रूप से पर्यावरण उस परिवेश को कहते हैं जो जीवमंडल के चारों ओर से घेरे हुए होते हैं। किसी स्थान विशेष में मनुष्य के आस-पास भौतिक वस्तुओं (स्थल, जल, मृदा, …

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पारिस्थितिकी के लाभ

पारिस्थितिकी परिभाषा उद्देश्य महत्व Ecology

पारिस्थितिकी शब्द वर्तमान में प्रचलित Ecology शब्द का हिंदी अनुवाद है। Ecology शब्द का उद्गम ग्रीक भाषा के 2 शब्दों Oikos= House या घर तथा Logus= Study या अध्ययन से हुआ है। इस शब्द के जन्मदाता रिटर्न ए सर्वप्रथम 1807 में इस शब्द का प्रयोग किया लेकिन जर्मन वैज्ञानिक अर्नेस्ट हैकल ने इस शब्द की …

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पर्यावरण भूगोल

पर्यावरण भूगोल के 3 उद्देश्य विकास संबंध

पर्यावरण भूगोल की मुख्य अध्ययन वस्तु मानव-पर्यावरण संबंधों का अध्ययन है तथा इस विषय अध्ययन का प्रमुख उपागम पारिस्थितिकी उपागम है। पर्यावरण भूगोल को निम्नलिखित रुप से परिभाषित किया जा सकता है- पर्यावरण भूगोल सामान्य रूप से जीवित जीव तथा प्राकृतिक पर्यावरण के मध्य मुख्य रूप से प्रौद्योगिक स्तर पर विकसित आर्थिक,मानव एवं उसके प्राकृतिक …

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जापान कृषि विशेषताएं

जापान कृषि विशेषताएं महत्व

जापान कृषि विशेषताएं – जापान में कृषि छोटे पैमाने पर होती है। यहां के कुल भूमि का केवल 16% भाग कृषि योग्य है। जापान में कृषि क्षेत्र सीमित होने के कारण यहां के किसान इस प्रकार की पद्धति को अपनाते हैं जिससे भूमि से अधिकतम उत्पादन किया जा सके। इस प्रकार सीमित भूमि पर पैदा …

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चीन की मिट्टियां, जापान की मिट्टियां

जापान की मिट्टियां कटिबंधीय अकटिबंधीय मिट्टियां

जापान की मिट्टियां – जापान में केवल 15% भूमि कृषि योग्य है, दूसरी ओर अत्यधिक भूमि का अपरदन जापानी कृषि पर प्रभाव डालता है। जापान एक पर्वतीय देश है। ऊचे भागों से निकलने वाली नदियां तीव्र गति से प्रवाहित होती है। जिससे मिट्टी का अपरदन अधिक होता है और मिट्टी कृषि योग्य नहीं रह पाती …

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चीन के वन, जापान के वन

जापान के वन महत्व वन विनाश से उत्पन्न 4 समस्याएं

जापान के वन – प्राकृतिक वनस्पति के अंतर्गत सभी प्रकार के वन, झाड़ियां तथा घासें सम्मिलित की जाती हैं। जलवायु, धरातल तथा मिट्टी की विभिन्नता प्राकृतिक वनस्पति को निर्धारित करती है। शीतोष्ण कटिबंधीय मानसूनी जलवायु के कारण यहां विभिन्न प्रजाति के वृक्ष तथा अनेक प्रकार की वनस्पतियां पाई जाती हैं। यहां की अर्थव्यवस्था में वनों …

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जापान भौगोलिक स्थिति

जापान स्थलाकृतियां व जापान के 5 भौतिक स्वरूप

जापान स्थलाकृतियां – जापान का धरातलीय स्वरूप सभी जगह एक जैसा नहीं है। यह स्थलाकृति या पूरे देश में विक्रय रूप में मिलती है। जापान के धरातलीय स्वरूप को भारत की तरह (पर्वत, पठार, मैदान व तटवर्ती क्षेत्र) विभाजित नहीं कर सकते। यहां पर पर्वत पठार मैदान टुकड़ों में चारों द्वीपो पर मिलते हैं। जापान …

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जापान की जलवायु

जापान की जलवायु – 10 विभाग विविधता 6 प्रभावित करने वाले कारक

जापान की जलवायु – महाद्वीप एवं समुद्री वायु राशियां, चक्रवात, हरीकेन तथा मानसून हवाएं जापान की जलवायु को प्रभावित करती हैं। यहां की जलवायु शीतोष्ण मानसूनी है। शीतोष्ण कटिबंधीय प्रदेशों में स्थित होने के कारण यहां की जलवायु पर धरातल की अपेक्षा सामुद्रिक दशाओं का प्रभाव अधिक पड़ता है। इसी कारण शीत ऋतु में तापमान …

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जापान भूपृष्ठीय रचना

जापान भूपृष्ठीय रचना – पहाड़ियां, पर्वत, मैदान, ज्वालामुखी

जापान भूपृष्ठीय रचना – जापान को प्राकृतिक प्रदेशों के निर्धारण में उच्चावच संरचना अपवाह के सम्मिलित भौतिक तत्वों के साथ ही जलवायु और जैविक तत्वों जैसे प्राकृतिक वनस्पति तथा जंतुओं को भी सम्मिलित किया जाता है। प्राकृतिक प्रदेशों की संकल्पना प्राकृतिक तत्वों की समरूपता पर आधारित होती है। एक प्राकृतिक प्रदेश के भीतर उच्चावच, जलवायु, …

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चीन स्थिति भूवैज्ञानिक संरचना

जापान भौगोलिक स्थिति (30°N to 45°)

जापान भौगोलिक स्थिति – द्वीपों का देश जापान पूर्व का ब्रिटेन कहा जाता है। इसे उगते हुए सूरज का देश भी कहा जाता है। जापान उत्तरी गोलार्द्ध तथा पूर्वी गोलार्ध में एक द्वीप दुनिया के नाम से स्थित है। जापान की प्रगति का मुख्य कारण उसकी भौगोलिक स्थिति है। जापान द्वीप समूह के पश्चिम में …

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चीन जनसंख्या वृद्धि

चीन जनसंख्या वृद्धि समस्या एवं समाधान – 145+ करोड़

चीन जनसंख्या वृद्धि – विलकालस के अनुमान के अनुसार चीन की जनसंख्या 1650 ईसवी में 7 करोड़ थी। जो 1710 ईसवी में 14 करोड़, 1850 में 34 करोड़ तथा 1930 ईस्वी में 43.2 करोड़ तक हो गई। विश्व बैंक के अनुमान के अनुसार, 1990 में चीन की जनसंख्या 11344 लाख हो गई थी। आज चीन …

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चीन खनिज संसाधन

चीन खनिज संसाधन – कोयला एंटीमनी तांबा टिन खनिज 1 Best Notes

चीन खनिज संसाधन – चीन में कोयले की तरह खनिज संसाधन भी यहां के प्रत्येक क्षेत्र में थोड़ा बहुत मिलता है। अक्टूबर 1949 से स्थापित साम्यवादी सरकार ने भू सर्वेक्षण द्वारा पता लगाया कि चीन में आशा के अनुरूप खनिज संपदा नहीं है। पिछले 25 से 30 वर्षों में चीन में नए-नए खनिजों के उत्पादन …

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चीन कृषि विशेषताएं महत्व

चीन कृषि विशेषताएं महत्व 8 Features

चीन कृषि विशेषताएं – 1911 की क्रांति के बाद चीन की जनसंख्या में तेजी से वृद्धि हुई। इसी बीच जापान ने भी चीन पर आक्रमण कर दिया। जिसके परिणाम स्वरूप चीन की कृषि पूरी तरह से अव्यवस्थित हो गई। उन्हें गेहूं और चावल का अधिक मात्रा में आयात करना पड़ता था। 1949 में क्रांति शुरू …

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चीन की मिट्टियां, जापान की मिट्टियां

चीन की मिट्टियां विभाजन तथा 6 भौगोलिक प्रदेश

चीन की मिट्टियां – मिट्टी पर्यावरण की उपज है। मिट्टी को निर्मित करने में 4 संघटक व 4 मंडलों का योगदान है। जैसे स्थलमंडल से चट्टान चूर्ण, वायुमंडल से वायु या गैस, जलमंडल से जल तथा जीवमंडल से ह्यूमस प्राप्त होता है। इन सभी के मिश्रण से मिट्टी बनती है। जिसे मृदा मंडल कहते हैं। …

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चीन के वन, जापान के वन

चीन के वन 10 वनस्पतियां वन विनाश

चीन के वन – प्राकृतिक वनस्पति पर जलवायु और मिट्टी का प्रभाव सबसे अधिक पड़ता है। वर्तमान समय में केवल 14.3% भाग पर वन पाए जाते हैं। यहां की प्राकृतिक वनस्पति में वन, घास के मैदान तथा मरुस्थलीय झाड़ियों की प्रधानता है। यहां के उत्तरी पूर्वी भाग में सदाबहार वन, दक्षिणी पूर्वी भाग में मानसूनी …

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नगरीकरण

चीन की जलवायु

चीन की जलवायु – भौगोलिक विविधता व विस्तृत क्षेत्रफल के कारण चीन में अनेक प्रकार की जलवायु मिलती है। कोपेन जलवायु वर्गीकरण के आधार पर चीन में निम्न जलवायु प्रदेश मिलते हैं- शीतल स्टेपी शुष्क शीत प्रकार शीतल मरुस्थलीय प्रकार गर्म शुष्क शीतकाल प्रकार गर्म आद्र प्रकार शीतल शुष्क शीतकालीन प्रकार शीतल शुष्क शीत ऋतु …

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चीन का पठारी भाग

चीन का पठारी भाग 1. तिब्बत 2. यून्नान 3. मंगोलिया 4. लोयस

चीन का पठारी भाग – चीन के लगभग 34% भाग पर पठार विस्तृत है। इनमें से अधिकांश पठारी भाग पर्वत श्रेणियों से घिरे हुए हैं। कुछ विशेष पठार निम्न है- चीन का पठारी भाग तिब्बत का पठार तिब्बत का पठार चीन का सबसे बड़ा पठार है। यह उबड़ खाबड़ है। यह पठार केवल चीन में …

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चीन

चीन भौगोलिक निबंध चीन का भूगोल Top 8 Best Points

चीन भौगोलिक निबंध – चीन भारत के उत्तर एवं उत्तर पूर्व में अवस्थित एक विशाल देश है। यह एशिया महाद्वीप के एक चौथाई भाग पर स्थित है। यह देश दक्षिण में हाई नांदुरी प्रश्न उत्तर में मंचूरिया के उत्तरांश तक लगभग 4000 किलोमीटर तक विस्तृत है। चीन 10° उत्तर से 54° उत्तरी अक्षांश तक तथा …

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चीन की स्थलाकृतियां

चीन की स्थलाकृतियां 5 पठारी मैदानी पहाड़ी क्षेत्र

चीन की स्थलाकृतियां – चीन में अनेक प्रकार की स्थलाकृतियां स्थित हैं। भूमि है तो कहीं ऊंची पर्वत श्रेणियां, कहीं ऊंचे पठार हैं तो कहीं लोयस मिट्टी का प्रदेश है। यहां के अधिकांश समतल क्षेत्र यहां के पूर्वी क्षेत्र में है और अधिकांश पर्वती क्षेत्र दक्षिणी पश्चिमी भाग में है। संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस या …

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चीन स्थिति भूवैज्ञानिक संरचना

चीन भूपृष्ठीय रचना 1. उत्तरी चीन 2. मध्य चीन 3. दक्षिणी चीन

चीन भूपृष्ठीय रचना – चीन एशिया महाद्वीप के पूर्व तथा प्रशांत महासागर के पश्चिम में स्थित एक विशाल देश है। एशिया महाद्वीप का क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा तथा विश्व में रूस तथा कनाडा के बाद तीसरा बड़ा देश है। यह भारत के उत्तर एवं उत्तर पूर्व में स्थित 18° उत्तरी अक्षांश से लेकर 54° उत्तरी …

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चीन स्थिति भूवैज्ञानिक संरचना

चीन स्थिति भूवैज्ञानिक संरचना

चीन स्थिति भूवैज्ञानिक संरचना – चीन एशिया महाद्वीप के पूर्व तथा प्रशांत महासागर के पश्चिम में स्थित एक विशाल देश है। एशिया महाद्वीप का क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा तथा विश्व में रूस तथा कनाडा के बाद तीसरा बड़ा देश है। यह भारत के उत्तर एवं उत्तर पूर्व में स्थित 18° उत्तरी अक्षांश से …

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Girl in Romance

वायु वायुमंडल वायुमंडलीय दाब मापन वायु के अवयव

हमारे चारों ओर वायु है। वायु एक रंगहीन, गंदहीन तथा स्वादहीन पदार्थ है। इसमें बाहर होता है तथा यह दबाव भी डालती है। सभी सजीवों के लिए वायु एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संपदा है। इस अध्याय में हम वायुमंडल की संरचना तथा वायु प्रदूषण के विषय में अध्ययन करेंगे। वायुमंडल हमारी पृथ्वी वायुमंडल से गिरी हुई …

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सुदूर पूर्व एशिया का अध्यन

सुदूर पूर्व एशिया भौगोलिक, प्राकृतिक, चीन जापान Top नदियां

सुदूर पूर्व एशिया – एशिया महाद्वीप के पूर्णता पूर्व में स्थित देश सुदूर पूर्व देश कहलाते हैं। यह देश 21° उत्तरी से 54° उत्तरी अक्षांश तक और 74° पूर्व से 146° पूर्वी देशांतर के मध्य स्थित है। सुदूर पूर्व शब्दावली का प्रयोग सर्वप्रथम सपेट महोदय ने किया है। इसी भू-भाग का जिन्सबर्ग महोदय ने पूर्वी …

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भारतीय कृषि

भारतीय कृषि हरित क्रांति 6 Facts 🌿

भारतीय कृषि हमारे देश के आर्थिक विकास में बहुत महत्वपूर्ण है। कृषि से तात्पर्य केवल खेतिया फसलें उत्पन्न करना ही नहीं होता है। कृषि के अंतर्गत पशु पालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन, रेशम कीट पालन, झींगा पालन बागवानी और मत्स्य पालन भी आता। मनुष्य अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए जिन पौधों को उगाता है …

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अल्पविकसित देश की व्यवस्था

विश्व के महाद्वीप के बारे में और अधिक जाने

महाद्वीप सागर तल से एक औसत ऊँचाई तक ऊपर उठे हुए पृथ्वी के क्रमबद्ध विस्तृत भू-भागों को कहते हैं। विश्व में सात महाद्वीप हैं- एशिया महाद्वीप एशिया महाद्वीप विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है जिसके अंतर्गत विश्व की 60% जनसंख्या आती है। इसमें चीन की जनसंख्या सर्वाधिक है एवं द्वितीय स्थान पर भारत आता है। …

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मृदा प्रदूषण

मृदा प्रदूषण स्रोत 4 प्रभाव एवं 4 नियंत्रण Tips

मृदा के किसी भी भौतिक रासायनिक और जैविक घटक में आवांछनीय परिवर्तन को मृदा प्रदूषण कहते हैं। मृदा प्रदूषण न केवल विस्तृत वनस्पति को प्रभावित करता है बल्कि यह मिट्टी के सूक्ष्म जीवों की संख्या में परिवर्तन कर देते हैं, जो कि मृदा को उपजाऊ बनाए रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है। मृदा प्रदूषण के …

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प्राकृतिक पर्यावरण

भारत की नदियां – Top 20 Best Rivers of India

भारत की नदियां भारत को आर्थिक रूप से विशेष बनाती है। नहरें नदियो के जल को सिंचाई हेतु विभिन्न क्षेत्रो तक पहुंचाती हैं। भारत नदियों का देश है। भारत की प्रमुख नदियां निम्नवत वर्गीकृत की जा सकती है- उत्तर भारत की नदियां उत्तरी भारत की नदियां अनेक हैं जिनके मुख्य रूप से तीन तंत्र पाए …

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