भारतीय अर्थव्यवस्था

भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व में सातवें स्थान पर है, जनसंख्या में इसका दूसरा स्थान है और केवल 2.4% क्षेत्रफल के साथ भारत विश्व की जनसंख्या के 17% भाग को शरण प्रदान करता है।

आर्थिक विकास विशेषताएं भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास भारतीय अर्थव्यवस्था की विशेषताएं
अल्पविकसित देश
रुपयों का हिसाब

भुगतान संतुलन की 5 विशेषताएं असंतुलन के कारण ठीक करने के उपाय

भुगतान संतुलन अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के आर्थिक लेन-देन या संव्यवहारों का लेखांकन है। यह विदेशों से प्राप्तियों व भुगतानों का विवरण-पत्र होता है। भुगतान संतुलन एक विवरण है जो एक वर्ष की अवधि में एक देश के कुल आयातों एवं निर्यातों के मूल्यों को बताता है। यह किसी देश का विश्व के अन्य देशों में होने …

भुगतान संतुलन की 5 विशेषताएं असंतुलन के कारण ठीक करने के उपाय Read More »

भारतीय अर्थव्यवस्था की विशेषताएं

FDI FPI में अन्तर

FDI FPI में अन्तर क्या है? अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रवाह विकासशील और विकसित देशों के पूँजी बाजारों में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रवाह के दो महत्वपूर्ण रूप हैं- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश किसी भी देश के आर्थिक विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका …

FDI FPI में अन्तर Read More »

व्यक्ति

भारत का विदेशी व्यापार

भारत का विदेशी व्यापार – भारत प्राचीन काल से ही विभिन्न देशों से व्यापार करता आ रहा है। उस समय भारतवासी व्यापार करने के लिए अन्य देशों में जाया करते थे। आगे चलकर यूरोपवासियों को भारत के साथ व्यापार करने की लालसा उत्पन्न हुई जिसके कारण पुर्तगाल, हालैण्ड, फ्रांस व इंग्लैण्ड के लोगों को भारत …

भारत का विदेशी व्यापार Read More »

Coin Currency

भारत में आर्थिक असमानता के प्रभाव 9 कारण व दूर करने के उपाय

आर्थिक असमानता अथवा आय तथा सम्पत्ति के असमान वितरण से अभिप्राय अर्थव्यवस्था उन परिस्थितियों से है, जिसमें कि राष्ट्र के कुछ लोगों की आय, राष्ट्र की औसत आय से बहुत अधिक तथा अधिकाश लोगों की आय, राष्ट्र की औसत आय से बहुत कम होती है। आय तथा सम्पत्ति के असमान द्वितरण की समस्या का सम्बन्ध …

भारत में आर्थिक असमानता के प्रभाव 9 कारण व दूर करने के उपाय Read More »

समावेशी विकास

समावेशी विकास के तत्व आवश्यकता महत्व चुनौतियां

समावेशी विकास एक ऐसी अवधारणा है, जिसमें समाज के सभी लोगों को समान अवसरों के साथ विकास का लाभ भी समान रूप से प्राप्त हो, अर्थात सभी वर्ग, क्षेत्र, प्रान्त के व्यक्तियों का बिना भेदभाव, एक समान विकास के अवसरों के साथ-साथ होने वाले देश के विकास को समावेशी विकास कहा जाता है या हम …

समावेशी विकास के तत्व आवश्यकता महत्व चुनौतियां Read More »

A girl in tension

भारत में शिक्षित बेरोजगारी के कारण व दूर करने के 15 सुझाव

शिक्षित बेरोजगारी – शिक्षा की सुविधायें तो बढ़ी हैं पर उपलब्ध नौकरियों की संख्या में उतनी अधिक वृद्धि नहीं हुई है। अब शिक्षित व्यक्तियों में यह विश्वास अधिक प्रचलित है कि चयन समिति के अधिकांश सदस्य भ्रष्ट और घूसखोर होते हैं, नियुक्तियों जातीयता या प्रान्तीयता के आधार पर की जाती है तथा अच्छी नौकरियाँ केवल …

भारत में शिक्षित बेरोजगारी के कारण व दूर करने के 15 सुझाव Read More »

A girl in tension

बेरोजगारी परिभाषा प्रकार भारत में बेरोजगारी के 7 कारण व उपाय

बेरोजगारी (Unemployment) – जब कोई व्यक्ति किसी भी कार्य को करने की पूर्ण क्षमता व योग्यता रखता हो तथा कार्य करने का इच्छुक भी हो, किन्तु उसे कोई कार्य न मिले तो यह बेरोजगारी कहलाती है। भारतीय अर्थव्यस्था में बेरोजगारी की भीषण समस्या व्याप्त है क्योंकि भारत की जनसंख्या जिस अनुपात में बढ़ रही है, …

बेरोजगारी परिभाषा प्रकार भारत में बेरोजगारी के 7 कारण व उपाय Read More »

जनांकिकी, क्षेत्रीय असमानता के कारण

क्षेत्रीय असमानता के कारण

क्षेत्रीय असमानता के कारण – भारत में असमानता अर्थात आय तथा सम्पत्ति में पाई जाने वाली असमानता का मुख्य कारण जमींदारी प्रथा तथा भूमि के स्वामित्व में पाई जाने वाली असमानता है। स्वतन्त्रता से पहले देश में जमींदारी प्रथा पाई जाती थी। इसके फलस्वरूप भू-स्वामित्व में सारी असमानता पाई जाती थी। क्षेत्रीय असमानता के कारण …

क्षेत्रीय असमानता के कारण Read More »

क्षेत्रीय असमानता के कारण

भारत में असमानता के कारण

भारत में असमानता के कारण निम्नलिखित हैं- भूमि के स्वामित्व में असमानता शहरी क्षेत्रों में सम्पत्ति का निजी स्वामित्व विरासत का कानून व्यावसायिक प्रशिक्षण की असमानता महंगाई वित्तीय संस्थाओं की ऋण नीति अप्रत्यक्ष करों का अधिक बोझ भ्रष्टाचार वेरोजगारी कर चोरी 1. भूमि के स्वामित्व में असमानता भारत में असमानता अर्थात आय तथा सम्पत्ति में …

भारत में असमानता के कारण Read More »

क्षेत्रीय असमानता के कारण

जनसंख्या वृद्धि आर्थिक विकास 7 फायदे 7 नुकसान

जनसंख्या वृद्धि आर्थिक विकास – मानवीय शक्ति का आर्थिक विकास से प्रत्यक्ष रूप से सम्बन्ध रहा है, जिसको सभी ने स्वीकार किया है। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि तकनीकी यंत्र, उपकरण, संपत्ति एवं पूँजी आर्थिक विकास में सहायता प्रदान करते हैं किन्तु उचित मानवीय साधनों के अभाव के कारण यह अपना पूर्ण …

जनसंख्या वृद्धि आर्थिक विकास 7 फायदे 7 नुकसान Read More »

Niti Ayog Logo

नीति आयोग अर्थ आवश्यकता नीति आयोग के 14 कार्य

दसवीं पंचवर्षीय योजना 2002-07 में पहली बार एन. डी ए सरकार में एक दस्तावेज में यह आह्वान किया गया कि यदि राज्य विकसित हो तो देश भी विकसित होगा। हम विकेन्द्रित नियोजन की ओर एक परिवर्तन देखते हैं। योजना को लोक योजना कहकर पुकारा जाता था। इसी योजनावधि में आया था जिसमे राज्यों को नियोजित …

नीति आयोग अर्थ आवश्यकता नीति आयोग के 14 कार्य Read More »

क्षेत्रीय असमानता के कारण

जनांकिकी परिभाषाएं व जनांकिकी की 10 महत्वपूर्ण विशेषताएँ

जनसंख्या के सम्बन्ध में ज्ञान प्राप्त करने की अभिलाषा मानव में उसके अस्तित्वकाल से ही रही है। जनांकिकी का अस्तित्व मानव समाज के प्रारम्भ से ही रहा है भले ही उसे विशिष्ट विज्ञान के रूप में डनांकिकी का स्वरूप प्राप्त न रहा हो। वर्तमान समय में विश्व के सभी राष्ट्र मानव संसाधनों के विकास पर …

जनांकिकी परिभाषाएं व जनांकिकी की 10 महत्वपूर्ण विशेषताएँ Read More »

×