पर्यवेक्षण अर्थ परिभाषा उद्देश्य क्षेत्र

आधुनिक युग में निरीक्षण संबंधी नवीन धारणा को प्रयोग करने के लिए पर्यवेक्षण नामक शब्द का प्रयोग किया गया। पर्यवेक्षण अंग्रेजी शब्द Supervision का हिंदी रूपांतरण है। यह दो शब्द Super और Vision का सन्धि है, जिसका अर्थ होता है क्रमश: ‘उच्च और दृष्टि’। किस प्रकार व उच्च बुद्धि है जो विद्यालय को गति प्रदान करती है पर्यवेक्षण कहलाता है।

पर्यवेक्षण

पर्यवेक्षण एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें पर्यवेक्षक अपनी दिव्य दृष्टि द्वारा संपूर्ण विद्यालय व्यवस्था के सूक्ष्म तत्व तत्व तत्व संबंधी समस्याओं का अध्ययन करता है उनका समाधान प्रस्तुत करता है। इस अध्ययन प्रक्रिया में पर्यवेक्षक की महत्ता तथा उसके असाधारण गुणों का विशेष महत्व होता है। इसका लक्ष्य समस्याओं का समाधान तथा समाधान के लिए उपयुक्त सुझाव एवं सुझावों को व्यवहार में लाने के लिए उपयुक्त परिस्थितियों के निर्माण की ओर संकेत करता है।

पर्यवेक्षण
पर्यवेक्षण

पर्यवेक्षण का उद्देश्य शिक्षा का विकास है।

वर्टन

पर्यवेक्षण शिक्षा अधिकारियों द्वारा किया गया वह प्रयास है, जिसमें शिक्षकों तथा शिक्षा से व्यक्तियों के विकास हेतु प्रेरणा, शिक्षा के उद्देश्यों का चयन और सुधार, शिक्षण सामग्री, शिक्षण विधि तथा मूल्यांकन में सुधार की क्रियाएं सम्मिलित है।

पर्यवेक्षण वह क्रिया है जिसका उद्देश्य शिक्षकों को अपना कार्य उत्तम ढंग से करने में सहायता करना है।

वेल्ड्स के अनुसार

पर्यवेक्षण करने का अर्थ शिक्षकों के विकास का समन्वय, उत्प्रेरण तथा निर्देशन है

ब्रिंग्स और जस्टमैन

वर्तमान समय में पर्यवेक्षण की जनतांत्रिक नेतृत्व के रूप में संकल्पना की गई। मानव जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को स्पर्श करने वाली जनतांत्रिक भावना तथा वैज्ञानिक विधियों और अनुसंधानो ने पर्यवेक्षण को जनतांत्रिक नेतृत्व का रूप दिया।

निर्देशन, पर्यवेक्षण
पर्यवेक्षण

पर्यवेक्षण का उद्देश्य

अपने विस्तृत अर्थ में पर्यवेक्षण का उद्देश्य शिक्षण का मार्गदर्शन और शिक्षकों के प्रशिक्षण द्वारा शिक्षण का विकास है। अनेक शिक्षा शास्त्रियों द्वारा दिए गए उद्देश्यों का विवेचन किया जाए तो पर्यवेक्षण के निम्न उद्देश्य दिखाई पड़ते हैं –

  1. शिक्षण संस्थाओं को व्यवसायिक नेतृत्व प्रदान करना जिससे वे अपने कार्य में सुधार कर सकें और संस्था को सही दिशा और सही मार्ग पर ले जा सके
  2. शैक्षिक संस्थाओं के लिए उपयुक्त उद्देश्यों को निश्चित करना
  3. शैक्षिक संस्थाओं के कार्यों की प्रशंसा और उनके कार्यों को गति देने के लिए स्वस्थ आलोचना भी करना
  4. अध्यापकों को शिक्षण सामग्री के रूप में तकनीकी सेवा प्रदान करना, शिक्षण के लिए विशिष्ट परामर्श देना और छात्रों की समस्याओं के निदान और मूल्यांकन में उन्हें सहायता देना।
  5. सेवाकालीन प्रशिक्षण के द्वारा सभी शिक्षकों का व्यावसायिक उन्नयन करना।
  6. शिक्षकों की योग्यता एवं क्षमता के अनुसार उन्हें जिम्मेदारियां देना।
  7. नवीन शिक्षकों को विद्यालय वातावरण और परंपरा आदि का ज्ञान देकर विद्यालय के साथ सामंजस्य में उनकी सहायता करना।
  8. समस्या प्रधान छात्रों की समस्याओं से अध्यापकों को परिचित कराना और उन्हें उदारता पूर्वक हल करने के लिए प्रेरित करना।
  9. अध्यापकों की निरंतर प्रगति के लिए सचेष्ट रखना।
व्यावसायिक निर्देशन, पर्यवेक्षण
पर्यवेक्षण

पर्यवेक्षण का क्षेत्र

शिक्षण में सुधार और बालकों के विकास की दृष्टि से पर्यवेक्षण के सीमा क्षेत्र से संबंधित समस्त क्रियाएं आती हैं। पर्यवेक्षण के अंतर्गत निम्नलिखित क्रियाएं सम्मिलित हैं –

  1. शिक्षण कार्य का पर्यवेक्षण – संस्था विशेष में शिक्षण विधियों के प्रभावी स्वरूप, श्रव्य दृश्य सामग्री समय सामग्री, अध्यापकों के कार्य का विभाजन, पाठ्यक्रम का पूरे सत्र में विभाजन, छात्रों द्वारा किया गया लिखित एवं प्रायोगिक कार्य और अध्यापक डायरी आदि अनेकानेक संबंधित बातों का शपथ पर्यवेक्षण किया जाता है, जिससे विद्यालय कार्य में समुचित गतिशीलता बनी रहे।
  2. विद्यालय वातावरण का पर्यवेक्षण – छात्रों के सामान्य व्यवहार, उनकी अनुशासनप्रियता, आदतें, विद्यालय का स्वच्छ परिवेश, पानी की उचित व्यवस्था आदि से पर्यवेक्षण प्रक्रिया का निकट संबंध होता है।
  3. पाठ्यक्रम सहगामी क्रियाओं का पर्यवेक्षण – पर्यवेक्षण कक्षा शिक्षण तक ही न होकर विद्यालय में आयोजित होने वाली विविध प्रकार की सांस्कृतिक एवं खेलकूद संबंधी क्रियाओं तक फैला हुआ है। छात्रों में अनेक सामाजिक एवं नागरिक गुणों का विकास इन्हीं क्रियाओं के माध्यम से होता है, इसलिए इनका पर्यवेक्षण भावी जीवन की तैयारी की दृष्टि से किया जाता है।
  4. छात्रों के विकास का पर्यवेक्षण – शैक्षिक क्रियाओं का मुख्य उद्देश्य छात्रों का विकास है। पर्यवेक्षण में इस बात की जांच की जाती है कि किन विशिष्ट क्षेत्रों में संस्था विशेष के विद्यार्थी आगे बढ़ पाते हैं, पिछड़े तथा मंदित बालकों के लिए क्या कर रहा है।
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शैक्षिक पर्यवेक्षण

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