ह्यूरिस्टिक विधि के साथ-साथ इसे अन्वेषण विधि भी कहा जाता है। इस विधि की उत्पत्ति ग्रीक भाषा के शब्द ह्यूरिस्को से हुई है जिसका अर्थ है मुझे खोजना है। अतः ह्यूरिस्टिक विधि में विद्यार्थी मानसिक एवं शारीरिक रूप से सक्रिय रहते हुए ज्ञान की खोज करते हैं। शिक्षण की इस विधि में अध्यापक छात्रों के सम्मुख विषय से संबंधित समस्याएं उत्पन्न करते हैं तथा छात्र आपस में मिलकर समस्याओं का निरीक्षण एवं चिंतन करते हुए समाधान खोजते हैं।
इस शिक्षण विधि में छात्रों को कम से कम बता कर उन्हें स्वयं अधिक से अधिक जानने के लिए प्रेरित किया जाता है। शिक्षक सिर्फ छात्रों के लिए मार्गदर्शन का कार्य करता है।
ह्यूरिस्टिक विधि के चरण
ह्यूरिस्टिक विधि के विभिन्न शिक्षण चरणों को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है –
- समस्या उत्पन्न करना – शिक्षक द्वारा छात्रों को विज्ञान संबंधी समस्याएं बताई जाती हैं। तथा फिर समस्या के समाधान हेतु वह छात्रों को समुचित जानकारियां उपलब्ध कराने में सहयोग करता है।
- तथ्यों को खोजना– इस भाग में शिक्षक छात्रों को उपयुक्त सामग्री उपलब्ध कराता है तथा आवश्यकता होने पर उनका मार्गदर्शन करता है। छात्र सामूहिक रूप से समस्याओं से संबंधित तथ्यों को इकट्ठा करते हैं।
- परिकल्पना का निर्माण– विज्ञान में परिकल्पना का विशेष महत्व है। समस्याओं के समाधान के लिए छात्र अपनी सूझबूझ के द्वारा एक काल्पनिक व्यू रचना का निर्माण करते हैं जिसे परिकल्पना कहते हैं।
- परिकल्पना का परीक्षण– समाधान की जो परिकल्पना हम अपने मस्तिष्क में रखते हैं उसके उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर जांच की जाती है यह परीक्षण के आधार पर सत्य सिद्ध होती है। सत्यता की स्थिति में दोबारा श्रुति को खोज कर आंकड़ों का विश्लेषण किया जाता है।
- निष्कर्ष- सत्य परिकल्पना सिद्ध होने के आधार पर निष्कर्ष निकाले जाते हैं। इस निकाले गए निष्कर्ष के अनुसार नियम व सिद्धांतों का निर्माण किया जाता है।
ह्यूरिस्टिक विधि के गुण
- छात्रों में मानसिक तथा तार्किक शक्ति का विकास होता है।
- छात्रों में कार्य करके सीखने की भावना का विकास होता है।
- प्रयोगशाला द्वारा अधिक कार्य होने से यह स्थाई ज्ञान के रूप में छात्रों को प्राप्त होता है।
- विज्ञान विषय के प्रति रुचि उत्पन्न होती है
- छात्रों में नई खोज व अनुसंधान करने की प्रवृत्ति उत्पन्न होती है।
- अन्वेषण विधि द्वारा शिक्षण की पूरी प्रक्रिया में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है।





ह्यूरिस्टिक विधि के दोष
- इस विधि द्वारा संपूर्ण पाठ्यक्रम का ज्ञान छात्रों को नहीं दिया जा सकता।
- इस विधि का प्रयोग प्रतिभाशाली तथा बड़ी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए ही संभव है।
- यह विधि अधिक विद्यार्थियों के लिए भी संभव है।
- यह एक खर्चीली विधि है।
- इस विधि में शिक्षण द्वारा अधिक समय का व्यय होता है।