सृजनात्मक बालक – सृजनात्मकता शब्द बांग्ला भाषा के क्रिएटिविटी शब्द का पर्यायवाची है। विधायकता, उत्पादकता, खोज, मौलिकता आदि सभी शब्द इसी के समान माने जाते हैं। सृजनात्मक बालकों से तात्पर्य उन बालकों से होता है जो मौलिक चिंतन के धनी होते हैं और जिनमें मौलिक रचना करने तथा मौलिक उत्पादन करने की क्षमता होती है। इनमें एक विशेषता यह भी होती है कि यह किसी समस्या का समाधान परंपरागत विधियों से ना करके कई नई नई विधियो से करते रहते हैं। यह देखा गया कि अधिकतर प्रतिभाशाली बालकों में सृजनात्मकता होती है।



सृजनात्मक बालक की विशेषताएं
- सृजनात्मक चिंतन वाले व्यक्तियों को विनोद व मनोरंजन प्रिय लगते हैं।
- सृजनात्मक प्रतिभा वाले शिक्षार्थी अद्भुत तथा मौलिक कार्य करने में रुचि रखते हैं।
- सृजनात्मक व्यक्ति नवीन प्रकार के अनुभव प्राप्त करने में रुचि रखते हैं। यह लोग नवीन प्रकार के अनुभव प्राप्त करने हेतु सामान्य लोगों की अपेक्षा अधिक उत्सुक रहते हैं।
- ऐसे व्यक्ति अपने कार्य का अन्य द्वारा दिए गए मूल्यांकन पर अधिक ध्यान नहीं देते हैं। उनका अपना मूल्यांकन स्तर होता है। दूसरों द्वारा निर्धारित स्तर की उन्हें परवाह नहीं होती।
- सृजनात्मक व्यक्तियों को समाज द्वारा मान्य विचारों के निर्माण में रूचि कम होती है। उन्हें केवल उसी वस्तु या विचार के निर्माण की धुन होती है जो उनकी रचनात्मकता को संतुष्ट कर सके।
- सृजनात्मक व्यक्तियों को ऐसे व्यवसाय पसंद होते हैं जो सामान्य नहीं होते। लेखन, नृत्य, संगीत, पर्वतारोहण आदि।
- ऐसे बालकों में जिज्ञासा का बाहुल्य होता है।
- ऐसे बालक संवेदनशील होते हैं और उनमें कल्पना शक्ति पाई जाती है।