सूचना सेवा अर्थ प्रकार व उद्देश्य

सूचना सेवा – निर्देशन कार्यक्रम में सूचनाओं का बहुत अधिक महत्व है। सूचनाओं की जानकारी छात्र एवं निर्देशन प्रदाताओं दोनों के लिए आवश्यक है। व्यक्ति के जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सूचनाओं की आवश्यकता होती है।

निर्देशन के क्षेत्र में सूचनाओं का महत्व निम्न रूप से देखा जा सकता है-

  1. सूचना सेवा छात्र को विश्वसनीय तरीके से सूचनाएं प्रदान करती है।
  2. इन सेवाओं के माध्यम से आवश्यक, उपयोगी तथा संगत एवं समुचित जानकारी प्राप्त करने में सहायता मिलती है।
  3. सूचना संप्रेषण की क्रिया अल्पव्ययी बनाई जा सकती है।
  4. सूचनाओं के द्वारा छात्र में वांछनीय स्तर की संवेदनशीलता का विकास किया जा सकता है, जिससे छात्र स्वयं को जाने समझे और उनकी भावनाओं के लिए आवश्यक कदम उठा सके।
वुड का घोषणा पत्र, संप्रेषण, सूचना सेवा

सूचना सेवा

इन सेवाओं के द्वारा दी जाने वाली सूचनाओं को तीन भागों में बांटा जा सकता है-

  1. शैक्षिक सूचनाएं
  2. व्यावसायिक सूचनाएं
  3. व्यक्तिगत, सामाजिक सूचनाएं

1. शैक्षिक सूचना सेवा

शैक्षिक निर्देशन में आवश्यक सूचनाएं इस प्रकार हैं-

  1. शिक्षा अवधि से संबंधित सूचनाएं
  2. विभिन्न शिक्षण संस्थाओं – विद्यालय, विश्वविद्यालय, व्यावसायिक, तकनीकी संस्थान, पॉलिटेक्निक स्कूल और शिक्षक प्रशिक्षण से संबंधित सूचनाएं।
  3. विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में उपलब्ध विभिन्न पाठ्यक्रमों के संबंध में सूचनाएं।
  4. विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेशार्थ निर्धारित शैक्षिक अहर्ताएं संबंधी सूचनाएं।
  5. पाठ्यक्रमों में प्रयोग में लाई जाने वाली शिक्षण पद्धतियां, नियुक्त अध्यापकों तथा विभिन्न पाठ्यक्रमों में सफलता सूचक विभिन्न प्राप्त अंकों के बारे में सूचनाएं।

2. व्यावसायिक सूचना सेवा

जार्ज ई• मायर्स ने व्यावसायिक निर्देशन हेतु आवश्यक सूचनाओं का उल्लेख इस प्रकार किया है-

  1. व्यवसाय का महत्व– विभिन्न व्यावसायिक का सामाजिक महत्व बताते हुए व्यवसाय के स्थानीय अथवा राष्ट्रीय क्षेत्रों के प्रमुख केंद्रों का उल्लेख किया जाता है।
  2. कार्य की प्रकृति– कर्मिको द्वारा किए जाने वाले कार्यों एवं उनकी विविधता आदि का उल्लेख प्राप्त होता है।
  3. कार्य की दशाएं– बाह्य एवं आंतरिक स्थितियां, कार्य एवं समय के साथ कार्य करने वाले व्यक्तियों का स्तर तथा संगठन आदि के संबंध में सूचनाएं देती हैं।
  4. आवश्यक शारीरिक योग्यता– संवेगात्मक स्थिरता, मानसिक स्थिरता, व्यक्तित्व संबंधी सापेक्षिक गुण आदि की सूचनाएं प्रदान की जाती हैं।
  5. आवश्यक तैयारी– व्यवसाय हेतु आवश्यक सामान्य शैक्षिक योग्यता व प्रवेश संबंधी जानकारी प्रदान की जाती है।
  6. पदोन्नति के अवसर– व्यवसाय में उपलब्ध प्रशासनिक तथा पर्यवेक्षण संबंधी उत्तरदायित्व, संबंधित व्यवसाय एवं अवसरों के संबंध में उल्लेख किया जाता है।
  7. क्षतिपूर्ति– इसमें औसत वार्षिक आय, भुगतान पद्धतियां, बोनस, विशिष्ट लाभ इत्यादि का वर्णन होता है।
  8. लाभ और हानि– व्यवसाय के विभिन्न पहलुओं हानि की संभावनाओं के संबंध में सही, समुचित एवं स्पष्ट जानकारी प्राप्त होती है।

मायर्स के अनुसार इन 8 शीर्षकों के अंतर्गत सूचनाएं संकलित करना आवश्यक है। इनको ध्यान में रखकर तैयार की गई रूपरेखा व्यावसायिक निर्देशन के कार्य को सहज एवं प्रभावशाली बनाती है।

3. व्यक्तिगत सूचनाएं

व्यक्तिगत निर्देशन हेतु सूचनाओं का स्रोत असीमित होता है। अनेक प्रकार से सूचना एकत्र की जा सकती हैं। सबसे पहले उनकी एक सूची तैयार की जाती है तथा उनके संबंध में में व्यापक वर्णन भी रखना पड़ता है। जिसमें सूचनाओं की शुद्धता वस्तुनिष्ठता और विश्वसनीयता के स्तर को ज्ञात किया जा सके। व्यक्तिगत निर्देशन के अंतर्गत निम्नलिखित प्रकार की सूचनाओं का विवरण प्राप्त करना आवश्यक है-

  1. व्यक्ति के मित्रों के संबंध में सूचनाएं
  2. उनकी रूचियों के बारे में सूचनाएं
  3. व्यक्ति के पारिवारिक जीवन से संबंधित सूचनाएं
  4. व्यक्ति के निजी जीवन, सामान्य शारीरिक स्वास्थ्य तथा मानसिक संतुलन संबंधी विशेषताओं को अभिव्यक्त करने वाली घटनाओं के संबंध में जानकारी।
  5. सेवार्थी के परिचित व्यक्तियों सगे संबंधियों तथा रिश्तेदारों से संबंधित सूचनाएं।
  6. छात्र के परिवार के सदस्य, अध्यापक, अनुदेशन इत्यादि से संबंधित सूचनाएं।

सूचना सेवा के उद्देश्य

सूचना सेवा के उद्देश्य निम्न है-

  1. सूचना के विभिन्न स्रोतों का वास्तुनिष्ठ मूल्यांकन करने में छात्रों की सहायता करना।
  2. इस सेवा का मुख्य उद्देश्य निर्देशन की प्रक्रिया को वस्तुनिष्ठ तथा वैज्ञानिक बनाने में सहायता प्रदान करना।
  3. निर्देशन प्रदाता द्वारा छात्रों को एक ही स्थान पर समय एवं धन का दुरुपयोग किए बिना सूचना उपलब्ध कराना, सूचना सेवाओं का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है।
  4. अद्यतन विश्वसनीय एवं शुद्ध सूचनाओं का विवरण रखना जिससे छात्र उनका प्रयोग समुचित रूप से कर सके।
  5. निर्देशन कार्यकर्ताओं एवं छात्रों को स्वयं के प्रयत्नों के माध्यम से विशुद्ध एवं विश्वसनीय सूचना एकत्रित करने, उन्हे भली-भांति समझने तथा उनके निहितार्थों का मूल्यांकन करने हेतु उचित प्रकार के प्रशिक्षण एवं ओरियंटेशन कार्यक्रमों को आयोजित करना भी इन सेवाओं का उद्देश्य होता है।
  6. विद्यालयों एवं विद्यालयों के बाहर संगठित सेवाओं का एक उद्देश्य यह भी होता है कि वे सूचनाओं का संकलन समुचित रूप से करें तथा उन्हें उनकी प्रकृति के अनुसार वर्गीकृत करने में सहायता प्रदान करना।
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