साहित्य पुरस्कार साहित्य अकादमी, ज्ञानपीठ, व्यास सम्मान

साहित्य पुरस्कार का मतलब ऐसे पुरस्कार से है जो कि साहित्य के क्षेत्र में उन्नति को दर्शाता है। कुछ साहित्य पुरस्कार संविधान में वर्णित भाषा के अनुसार ही दिए जाते हैं जबकि कुछ पुरस्कार भारतीय संविधान में वर्णित भाषा के अतिरिक्त भी कई भाषाओं में दिए जाते हैं। जैसे साहित्य अकादमी पुरस्कार भारतीय संविधान की 22 भाषाओं के साथ-साथ राजस्थानी और अंग्रेजी भाषा के साहित्य में उच्च कोटि का कार्य करने पर दिया जाता है।

साहित्य पुरस्कार

विभिन्न भाषाओं के साहित्य के क्षेत्र में अच्छा करने वाले साहित्यकार को अनेक साहित्य पुरस्कार से नवाजा जाता है। यहां हम कुछ ही साहित्य पुरस्कार के बारे में पढ़ेंगे।

  • साहित्य अकादमी पुरस्कार
  • ज्ञानपीठ पुरस्कार
  • व्यास सम्मान साहित्य पुरस्कार

साहित्य अकादमी पुरस्कार

  • साहित्य अकादमी पुरस्कार भारत में एक साहित्यिक सम्मान है, जो साहित्य अकादमी प्रतिवर्ष भारत की अपने द्वारा मान्यता प्रदत्त प्रमुख भाषाओं में से प्रत्येक में प्रकाशित सर्वोत्कृष्ट साहित्यिक कृति को पुरस्कार प्रदान करती है।
  • पहली बार ये पुरस्कार सन् 1955 में दिए गए।
  • भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भारतीय भाषाओं के अलावा ये राजस्थानी और अंग्रेज़ी भाषा अर्थात् कुल 24 भाषाओं में प्रदान किया जाता हैं।
  • पुरस्कार राशि – भारत का साहित्यिक पुरस्कार की स्थापना के समय पुरस्कार राशि पाँच हजार रुपए थी, जो सन् 1983 में ब़ढा कर दस हजार रुपए कर दी गई और सन् 1988 में ब़ढा कर इसे पच्चीस हजार रुपए कर दिया गया। सन् 2001 से यह राशि चालीस हजार रुपए की गई थी। सन् 2003 से यह राशि पचास हजार रुपए कर दी गई है।
वर्षलेखककृतिशैली
१९५५माखनलाल चतुर्वेदीहिमतरंगिनीकाव्य
१९५६वासुदेव शरण अग्रवालपद्मावत संजीवनी व्याख्याव्याख्या
१९५७आचार्य नरेन्द्र देवबौद्ध धर्म दर्शनदर्शन
१९५८राहुल सांकृत्यायनमध्य एशिया का इतिहासइतिहास
१९५९रामधारी सिंह ‘दिनकर’संस्कृति के चार अध्यायभारतीय संस्कृति
१९६०सुमित्रानंदन पंतकला और बूढ़ा चाँदकाव्य
१९६१भगवतीचरण वर्माभूले बिसरे चित्रउपन्यास
१९६२पुरस्कार वितरण नही
१९६३अमृत रायप्रेमचंद: कलम का सिपाहीजीवनी
१९६४सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’आँगन के पार द्वारकाव्य
१९६५डॉ॰ नगेन्द्ररस सिद्धांत (विवेचना)विवेचना
१९६६जैनेन्द्र कुमारमुक्तिबोधउपन्यास
१९६७अमृतलाल नागरअमृत और विषउपन्यास
१९६८हरिवंशराय बच्चनदो चट्टानेकाव्य
१९६९श्रीलाल शुक्लराग दरबारीउपन्यास
१९७०राम विलास शर्मानिराला की साहित्य साधनाजीवनी
१९७१नामवर सिंहकविता के नये प्रतिमानसाहित्यिक आलोचना
१९७२भवानीप्रसाद मिश्रबुनी हुई रस्सीकाव्य
१९७३हजारी प्रसाद द्विवेदीआलोक पर्वनिबंध
१९७४शिवमंगल सिंह सुमनमिट्टी की बारातकाव्य
१९७५भीष्म साहनीतमसउपन्यास
१९७६यशपालमेरी तेरी उसकी बातउपन्यास
१९७७शमशेर बहादुर सिंहचुका भी हूँ मैं नहींकाव्य
१९७८भारतभूषण अग्रवालउतना वह सूरज हैकाव्य
१९७९सुदामा पांडेय ‘धूमिल’कल सुनना मुझेकाव्य
१९८०कृष्णा सोबतीज़िन्दगीनामा – ज़िन्दा रुख़उपन्यास
१९८१त्रिलोचनताप के ताये हुए दिनकाव्य
१९८२हरिशंकर परसाईंविकलांग श्रद्धा का दौरव्यंग
१९८३सर्वेश्वरदयाल सक्सेना खूँटियों पर टँगे लोगकाव्य
१९८४रघुवीर सहायलोग भूल गये हैंकाव्य
१९८५निर्मल वर्माकव्वे और काला पानीकहानी संग्रह
१९८६केदारनाथ अग्रवालअपूर्वाकाव्य
१९८७श्रीकांत वर्मामगधकाव्य
१९८८नरेश मेहताअरण्याकाव्य
१९८९केदारनाथ सिंहअकाल में सारसकाव्य
१९९०शिव प्रसाद सिंहनीला चाँदउपन्यास
१९९१गिरिजाकुमार माथुरमैं वक्त के हूँ सामनेकाव्य
१९९२गिरिराज किशोरढाई घरउपन्यास
१९९३विष्णु प्रभाकरअर्द्धनारीश्वरउपन्यास
१९९४अशोक वाजपेयीकहीं नहीं वहींकाव्य
१९९५कुंवर नारायणकोई दूसरा नहींकाव्य
१९९६सुरेन्द्र वर्मामुझे चाँद चाहियेउपन्यास
१९९७लीलाधर जगूड़ीअनुभव के आकाश में चांदकाव्य
१९९८अरुण कमलनये इलाके मेंकाव्य
१९९९विनोद कुमार शुक्लदीवार में एक खिड़की रहती थीउपन्यास
२०००मंगलेश डबरालहम जो देखते हैंकाव्य
२००१अलका सरावगीकलिकथा वाया बाईपासउपन्यास
२००२राजेश जोशीदो पंक्तियों के बीचकाव्य
२००३कमलेश्वरकितने पाकिस्तानउपन्यास
२००४वीरेन डंगवालदुष्चक्र में सृष्टाकाव्य
२००५मनोहर श्याम जोशीक्यापउपन्यास
२००६ज्ञानेन्द्रपतिसंशयात्माकाव्य
२००७अमरकांतइन्हीं हथियारों सेउपन्यास
२००८गोविन्द मिश्रकोहरे में कैद रंगउपन्यास
२००९कैलाश वाजपेयीहवा में हस्ताक्षरकाव्य
२०१०उदय प्रकाशमोहन दासकहानी
२०११काशीनाथ सिंहरेहन पर रग्घूउपन्यास
२०१२चंद्रकांत देवतालेपत्थर फेंक रहा हूँकाव्य
२०१३मृदुला गर्गमिलजुल मनउपन्यास
२०१४रमेशचन्द्र शाहविनायकउपन्यास
२०१५रामदरश मिश्रआग की हँसीकाव्य
२०१६नासिरा शर्मापारिजातउपन्यास
२०१७रमेश कुंतल मेघविश्व मिथक सरित सागरसाहित्यिक समालोचना
२०१८चित्रा मुद्गलपोस्ट बॉक्स न. २०३ नाला सोपाराउपन्यास
२०१९नंदकिशोर आचार्यछीलते हुए अपने कोकविता

ज्ञानपीठ पुरस्कार

  • ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है।
  • भारत का कोई भी नागरिक जो आठवीं अनुसूची में बताई गई 22 भाषाओं में से किसी भाषा में लिखता हो इस पुरस्कार के योग्य है।
  • पुरस्कार में ग्यारह लाख रुपये की धनराशि, प्रशस्तिपत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा दी जाती है।
साहित्य पुरस्कार
वर्षरचनासाहित्यकारविधा
1968चिदंबरासुमित्रानंदन पंतकाव्य
1972अज्ञेयरामधारी सिंह दिनकरकाव्य
1978कितनी नावों में कितनी बारअज्ञेयकाव्य
1982यामामहादेवी वर्माकाव्य
1992सम्पूर्ण साहित्यनरेश मेहता
2005सम्पूर्ण साहित्यकुंवर नारायण

व्यास सम्मान

  • व्यास सम्मान भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला ज्ञानपीठ पुरस्कार के बाद दूसरा सबसे बड़ा साहित्य पुरस्कार है।
  • इस पुरस्कार को 1991 में के के बिड़ला फाउंडेशन ने प्रारंभ किया था।
  • इस पुरस्कार में 4 लाख रुपए नकद प्रदान किए जाते हैं।
साहित्य पुरस्कार
1991 ई•भारत के भाषा परिवार और हिंदीडॉ रामविलास शर्मा
1992 ई•नीला चांदशिव प्रकाश सिंह
1993 ई•मैं वक्त के हूं सामनेगिरिजा कुमार माथुर
1994 ई•सपना अभी भीधर्मवीर भारती
1995 ई•आत्माजयीकुंवर नारायण
1996 ई•हिंदी साहित्य और संवेदना का विकासरामस्वरूप चतुर्वेदी
1997 ई•उत्तर कबीर तथा अन्य कविताएंडॉक्टर केदारनाथ सिंह
1998 ई•पांच आंगनो वाला घरगोविंद मिश्र
1999 ई•विश्रामपुर का संतश्रीलाल शुक्ल
2000 ई•पहला गिरमिटियागिरिराज किशोर
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