सर्व शिक्षा अभियान केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाने वाली एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना का उद्देश्य भारत भर में सभी को जहां तक संभव हो शिक्षित करना है। अक्टूबर 1998 में राज्य सरकारों को शिक्षा मंत्रियों की एक कॉन्फ्रेंस यह तय करने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री ने दिल्ली में बुलाई थी कि यूनिवर्सल एलिमेंट्री एजुकेशन को एक मिशन के रूप में कैसे चलाया जाए। इस कांफ्रेंस की सिफारिशों के आधार पर सर्व शिक्षा अभियान की योजना बनाई थी। इसको नवंबर 2000 में भारत सरकार द्वारा स्वीकृत किया गया।

सर्व शिक्षा अभियान
सर्व शिक्षा अभियान

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान

सर्व शिक्षा अभियान के लक्ष्य

सर्व शिक्षा अभियान के निम्न लक्ष्य थे

  1. 6 से 14 आयु वर्ग के जो बालक 2003 तक पाठशाला में एजुकेशन गारंटी योजना में थे तथा जो वर्ष 2007 तक प्राथमिक शिक्षा को पूरा कर सके, वे वर्ष 2010 तक 8 वर्षीय पाठशाला शिक्षा पूरी कर सके।
  2. संतोषजनक किस्म की प्राथमिक शिक्षा पर जोर दिया जाए जिसमें जीवन के लिए शिक्षा पर विशेष ध्यान हो।
  3. वर्ष 2007 तक प्राथमिक स्तर पर सभी लिंग और विशेष वर्गों की कमियों को पूरा किया जा सके।
  4. वर्ष 2010 तक सभी बालकों को पाठशाला में रखा जा सके।
सर्व शिक्षा अभियान
सर्व शिक्षा अभियान

सर्व शिक्षा अभियान का क्रियान्वयन

सर्व शिक्षा अभियान क्रियान्वयन के बारे में विवरण निम्न प्रकार है-

  1. स्कूलों के प्रबंधन तथा सफल संचालन के लिए जो समितियां गठित की गई हैं, जिनका उद्देश्य अध्यापकों को प्रशिक्षित करने की व्यवस्था करना है।
  2. प्राथमिक विद्यालय स्थापित करने के लिए 300 की आबादी एवं परिषदीय विद्यालय के लिए 1 से 5 किलोमीटर की दूरी निर्धारित की गई।
  3. ब्लॉक संसाधन केंद्र – सभी के लिए शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक विकासखंड में ब्लॉक संसाधन केंद्र की स्थापना की गई है। इसे जल एवं विद्युत आपूर्ति की पूरी व्यवस्था होगी जिसमें एक समन्वयक एवं दो सह समन्वयक कार्य करेंगे। इसमें सभी तरह की पुस्तकें, पत्रिकाएं एवं वाद्य यंत्र तथा खेल के सामान की व्यवस्था की गई है।
  4. सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत कक्षा 1 से 8 तक के अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के बालक तथा बालिकाओं हेतु निशुल्क पाठ्य सामग्री प्रदान की जाती है।
  5. न्याय पंचायत केंद्रों के द्वारा विकासखंड के समस्त विद्यालयों की सूचनाओं को सूचना प्रबंध प्रणाली के लिए संकलित किया जाता है।
  6. विशेष आवश्यकता वाले बालकों के प्रभावी शिक्षण के लिए शिक्षक प्रशिक्षण, वैकल्पिक शिक्षा उपकरण, वितरण, असेसमेंट कैंप, परामर्श की व्यवस्था की गई है।
  7. समस्त बालकों को प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत अभिनव शिक्षा का प्रावधान किया गया है। जनजातीय तटीय क्षेत्रों में वंचित एवं पिछड़े समूहों के बालकों की भागीदारी निश्चित करने के लिए अनेक रणनीतियां बनाई गई है।
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