शैक्षिक प्रबंधन समस्याएं निम्न हैं-
- कागजी प्रक्रिया
- वित्तीय प्रबंधन
- मूलभूत सुविधाओं का अभाव
- पाठ्यक्रम निर्माण की समस्या
- शैक्षिक नीति निर्माण की समस्या
- नियोजन की समस्या
1. कागजी प्रक्रिया
शैक्षणिक संस्थानों पर बोझिल कागजी प्रक्रिया और मानवीय प्रक्रियाओं का भार होता है और उन्हें उपस्थिति, शुल्क, प्रवेश, परिवहन आदि पर रिकॉर्ड बनाए रखना मुश्किल होता है। पूर्ण सूचनाओं को ट्रैक करना पड़ता हैै, जिनकी उन्हें आवश्यकता होती है। स्कूल प्रबंधन प्रणाली का उपयोग करना, समय बचाने के लिए और कर्मचारी के कार्य भार को कम करने के लिए शैक्षणिक प्रक्रिया को निरंतर क्रियाशील रखना पड़ता है।



2. वित्तीय प्रबन्धन
शैक्षिक प्रबंधन में संसाधनों की उपलब्धता होना आवश्यक होता है और संसाधनों को उपलब्ध करने के लिए वित्तीय प्रबंधन की आवश्यकता पड़ती है। किसी शैक्षिक व्यवस्था में वित्त एक महत्वपूर्ण कारक होता है। वित्त का अभाव किसी भी उत्तम शैक्षिक प्रबंधन को अव्यवस्थित कर देता है। वित्त का अभाव शैक्षिक एवं प्रशासनिक क्रियाओं को प्रभावहीन कर देता है।
विद्यालय भवन, रखरखाव, पाठ्य सामग्री की व्यवस्था, वेतन, सहायक अनुदेशन सामग्री की व्यवस्था वित्त से ही संभव होती है। शिक्षा में धन का अभाव छात्रों को विश्व स्तरीय शिक्षण मांगों से वंचित कर देता है। अतः शैक्षिक प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण कारक है।
3. मूलभूत सुविधाओं का अभाव
किसी शिक्षण प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने के लिए कक्षा में विभिन्न वस्तुओं जैसे कागज, लिखने की सामग्री, ब्लैक बोर्ड, चाक, किताबें आवश्यक है। विद्यालय के लिए उचित इमारत व स्थान उपलब्ध नहीं होते हैं। पीने के पानी तथा सॉन्ग जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव होना शैक्षिक प्रबंधन की समस्या है। इन सुविधाओं के अभाव में छात्र पढ़ने में रुचि नहीं ले पाते तथा शिक्षकों ने भी प्रकार से शिक्षा पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। अत: शिक्षा प्रबंध की गुणवत्ता के लिए शिक्षण प्रणाली के दोषों को दूर किया जाए।
4. पाठ्यक्रम निर्माण की समस्या
शैक्षिक प्रबंधन में पाठ्यक्रम निर्माण एक प्रमुख समस्या है। विद्यालय तथा कालेजों में विभिन्न परिस्थितियों तथा परिवेश से अनेक बालक आते हैं। प्रत्येक बालक का मानसिक व बौद्धिक स्तर भी अलग होता है। प्रत्येक बालक को अनुभवी अध्यापकों के शिक्षण के साथ साथ परामर्श की भी आवश्यकता पड़ती है।
किंतु विभिन्न अभावों के चलते यह संभव नहीं हो पाता है। विभिन्न परिवेश, परिस्थितियों एवं बौद्धिक स्तरों के बालकों के लिए एक सामान्य पाठ्यक्रम का निर्माण करना शैक्षिक प्रबन्धन का सबसे बड़ी समस्या होती है।

5. शैक्षिक नीति निर्माण की समस्या
शैक्षिक प्रबंधन समस्याएं शैक्षिक प्रबंधन में शैक्षिक नीति का निर्माण राष्ट्र की वर्तमान आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर करने का प्रयास किया जाता है जिसमें समकालीन व्यवसाय, सामाजिक मांगो, वर्तमान परिवर्तन, वैज्ञानिक खोज एवं अनुसंधान एक नवीन एवं प्रारंभिक क्रियाओं को सम्मिलित करने की समस्या से दो चार होना पड़ता है। (शैक्षिक प्रबंधन समस्याएं)
शैक्षिक नीति निर्माण में सभी क्षेत्रों को समान महत्व प्रदान करना एक कठिन कार्य होता है इसमें एक समस्या उत्पन्न हो जाती है। यदि किसी क्षेत्र विशेष को अधिक महत्व प्रदान कर दिया जाता है और अन्य क्षेत्रों पर ध्यान नहीं दिया जाता है तो शिक्षा छात्रों का सर्वांगीण विकास न एक पक्षीय विकास ही करेगी और समय की मांग के अनुसार शिक्षा ना होने पर ऐसी शिक्षा दिशाहीन और उद्देश्यहीन हो जाती है। (शैक्षिक प्रबन्धन कार्य)
6. नियोजन की समस्या
शैक्षिक प्रबंधन में नियोजन एक महत्वपूर्ण कारक है। शैक्षिक क्रियाओं का समुचित नियोजन ही शिक्षा व्यवस्था को प्रभावी रूप से संचालित करने में योगदान देता है। यदि नियोजन क्रिया विफल हो जाती है तो संपूर्ण शैक्षिक प्रबंधन एक दिखावा मात्र रह जाता है जिसमें निवेश तो होता जाता है परंतु उसका प्रतिफल कुछ भी प्राप्त नहीं होता है।
नियोजन का अभाव विद्यालय के प्रबंध को नष्ट कर देता है। विद्यालय के प्रजातंत्रात्मक प्रशासन प्रवेश नीति, पाठ्य सहगामी क्रियाओं के संगठन एवं संचालन, अनुशासनात्मक सुधार कार्यक्रम, क्रीडा व्यवस्था, पुस्तकालय एवं वाचनालय, छात्रावास, सभा कक्ष आदि का नियोजन ना हो पाने पर शैक्षिक कार्य उचित प्रकार से क्रियाशील नहीं हो पाते हैं। शैक्षिक प्रबंधन नियोजन सुधार में ही लग जाता है।