शैक्षिक पर्यवेक्षण कार्य सिद्धांत व प्रकार

शैक्षिक पर्यवेक्षण शैक्षिक प्रशासन का महत्वपूर्ण अंग है। जिसके द्वारा व्यक्तियों को किसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए क्रियाशील रखा जाता है। शैक्षिक पर्यवेक्षण का कार्य उस समय प्रारंभ होता है जब शिक्षक कक्षा में होता है। शैक्षिक पर्यवेक्षण का संबंध मुख्यतः मानवीय तत्व से होता है। यह विद्यालय में मुख्यता विद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा संपन्न किया जाता है। इसका विकास संगोष्ठी, सेमिनार और कार्यशाला पर आधारित है।

शैक्षिक पर्यवेक्षण के कार्य

शैक्षिक पर्यवेक्षक को अपने व्यवसाय से संबंधित निम्न कार्य करने पड़ते हैं –

  1. कक्षा निरीक्षण करना जिससे शिक्षक के शिक्षण स्तर का पता चल सके।
  2. शिक्षक गोष्ठियां आयोजित करना।
  3. सभा समितियों में भाग लेना।
  4. अभिभावकों से संपर्क स्थापित करना।
  5. कार्यालय कार्य का संचालन।
  6. प्रधानाध्यापकों के साथ कार्य करना।
  7. प्रदर्शन पाठों का आयोजन करना।
  8. पर्यवेक्षण पत्रिका का प्रकाशन।
  9. परामर्शदाता के रूप में कार्य करना।
  10. अभिनव पाठ्यक्रमों का आयोजन करना।
  11. अनुसंधान कार्य करना।

अनुसंधान कार्यों के अंतर्गत पर्यवेक्षक उन्हीं समस्याओं के संबंध में लघु स्तरीय अनुसंधान कर सकता है जो उसके क्षेत्र के अध्यापकों के सम्मुख सामान्यतः आती हैं। एक प्रकार से यह सामूहिक क्रियात्मक अनुसंधान है। इसके अंतर्गत वह अनुशासनहीनता की समस्या, शैक्षिक पिछड़ापन बड़ी मात्रा में अनुपस्थित आदि का अध्ययन कर सकता है। कभी-कभी वह परीक्षणों का भी निर्माण करवा सकता है।

शैक्षिक पर्यवेक्षण

शैक्षिक पर्यवेक्षण के सिद्धांत

पर्यवेक्षण के सिद्धांतों की विभिन्न विद्वानों ने अलग-अलग चर्चा की है। कुछ विद्वानों ने पर्यवेक्षण के सिद्धांतों की एक लंबी सूची गिना दी है तो कुछ विद्वानों ने इनकी संख्या बड़ी ही कम रखी है। आर• बर्टन तथा बुकनर ने पर्यवेक्षण के चार सिद्धांत बताए हैं –

  1. पर्यवेक्षण सैद्धांतिक रूप से ठोस हो
  2. पर्यवेक्षण लोकतांत्रिक हो
  3. पर्यवेक्षण वैज्ञानिक हो
  4. पर्यवेक्षण रचनात्मक हो

पेकहम ने पर्यवेक्षण के 10 सिद्धांतों का उल्लेख किया है –

  1. सहयोग
  2. नेतृत्व
  3. नियोजन
  4. समन्वय
  5. रचनात्मक
  6. लचीलापन
  7. सहानुभूति
  8. सामुदायिक पुनर्गठन
  9. वस्तुनिष्ठता
  10. मूल्यांकन

ब्रिग्स तथा जस्ट मैन ने सहकारिता लचीलापन तथा उत्साहवर्धक व प्रभावी तीन सिद्धांतों की चर्चा की है।

शैक्षिक पर्यवेक्षण के प्रकार

शिक्षा दर्शन के विभिन्न प्रकारों के आधार पर शिक्षा पर्यवेक्षण के प्रकार निश्चित किए जा सकते हैं। इस दृष्टि से शैक्षिक पर्यवेक्षण के प्रकार निम्न है –

  1. आधिकारिक शिक्षा परवेक्षण
  2. रचनात्मक शिक्षा पर्यवेक्षण
  3. वैज्ञानिक शिक्षा पर्यवेक्षण
  4. संकेतात्मक शिक्षा पर्यवेक्षण
  5. नेतृत्व शिक्षा पर्यवेक्षण
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