शिक्षा मनोविज्ञान के उद्देश्य व महत्व – Education Psychology

शिक्षा मनोविज्ञान मनोविज्ञान की एक प्रयुक्त शाखा है। अर्थात मनोविज्ञान नियमों सिद्धांतों तथा तत्वों का उपयोग शिक्षा के क्षेत्र में करके बाल को एवं वयस्कों के सर्वांगीण विकास में मदद करता है। यह बालकों के मानसिक शारीरिक एवं नैतिक क्षमताओं को निर्धारित करके तदनुसार उचित शिक्षा की व्यवस्था करने में सहायता पहुंचाता है। साथ ही बालकों के मानसिक शारीरिक एवं नैतिक समस्याओं का समाधान करने में मनोवैज्ञानिक नियमों एवं सिद्धांतों का खुलकर प्रयोग करता है।

यह बालकों की विभिन्न क्षमताओं का सिर्फ मापन ही नहीं करता, बल्कि उनके संचित विकास एवं अनुकूल शिक्षा के लिए एक करें का परामर्श भी देता है। बालकों की छमता के अनुकूल किस प्रकार की शिक्षा उनके लिए उपयोगी होगी, इसका भी निर्धारण शिक्षा मनोविज्ञान ही करता है।

शिक्षा मनोविज्ञान

शिक्षा व्यतिकरण एवं सामाजीकरण की वह प्रक्रिया है जिसमें शिक्षार्थी के सर्वांगीण विकास पर बल डाला जाता है। शिक्षा मनोविज्ञान का कार्य क्षेत्र काफी विस्तृत है। इसमें शिक्षार्थी सीखने की प्रक्रिया का स्वरूप सीखने की परिस्थिति मापन एवं मूल्यांकन निर्देशन तथा मानसिक स्वास्थ्य आदि का विशेष रूप से अध्ययन कर शिक्षा को अर्थपूर्ण एवं लाभप्रद बनाने की कोशिश करता है।

शिक्षा मनोविज्ञान मनोविज्ञान की वह शाखा है जो सीखने और सिखाने की प्रक्रिया का अध्ययन करती है।

स्किनर

शिक्षा मनोविज्ञान प्रयुक्त मनोविज्ञान की एक ऐसी सरकार है जो शिक्षा में मनोविज्ञान नियमों एवं परिणामों के उपयोग से तथा साथ ही साथ शिक्षा की समस्याओं के मनोवैज्ञानिक अध्ययन से संबंध रखती है।

जेम्स ड्रैवर

शिक्षा मनोविज्ञान मनोविज्ञान की शाखा है जो शैक्षिक परिस्थितियों में शिक्षण एवं अधिगम के बोध में विभिन्नता दिखलाता है।

सैंट्रोक

शिक्षा मनोविज्ञान के उद्देश्य

शिक्षा मनोविज्ञान का एक प्रमुख उद्देश्य शिक्षकों को शिक्षा संबंधी आवश्यक मनोवैज्ञानिक तथ्यों से अवगत कराकर उनके कार्यों में सहायता प्रदान करना है। जिससे वह शिक्षार्थियों को विकास के पथ पर निर्देशित कर सकें, इसके विशिष्ट उद्देश्य निम्न है-

  1. शिक्षा मनोविज्ञान का प्रमुख उद्देश्य शिक्षकों को अपने कार्यों में मदद करना होता है, इस संदर्भ में इसके उद्देश्यों को इस प्रकार समझाया जा सकता है।
    • इससे शैक्षिक समस्याओं के प्रति उचित मनोवृति उत्पन्न करने में मदद करता है।
    • शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षकों को शिक्षार्थियों के व्यवहारों में समुचित परिवर्तन के लिए एक वातावरण तैयार करने में मदद करता है।
    • यह शिक्षार्थियों के व्यवहारों को सहानुभूति पूर्वक समझने में मदद करता है। शिक्षार्थियों की कमजोरियों तथा असफलताओं को समझने तथा उनके उपचार संबंधी सिफारिशों को करने में शिक्षकों को शिक्षा मनोविज्ञान काफी मदद करता है।
    • इसके द्वारा शिक्षा मंत्रियों को सही ढंग से संगठित कर पाते हैं जिनको उन्हें शिक्षार्थियों को देना होता है।
    • शिक्षकों को अपनी सही भूमिका निभाने में यह विशेष रूप से मदद करता है।
    • बालकों के बीच व्यक्तिक विभिन्नता को ध्यान में रखकर निर्देशन कार्यक्रम बनाने में शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षकों को काफी मदद करता है।
    • इसके मनोविज्ञान के द्वारा शिक्षक अपनी सीमाओं को सुनकर समझ पाते हैं तथा उनके निदान संबंधी कदम उठाने को तत्पर हो जाते हैं।
  2. उचित निर्देशन लेना
  3. उचित पाठ्यक्रम बनाना
  4. उचित व्यवसायिक निर्देशन प्रदान करना
  5. उचित अध्यापन विधि प्रस्तुत करना
  6. स्कूल के अधिकारियों एवं प्रशासको की मदद करना
  7. शिक्षार्थियों के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करना
  8. अभिभावकों का मार्गदर्शन करना
  9. मूल्यांकन की उचित विधियों को प्रस्तुत करना
  10. शारीरिक शिक्षा प्रदान करना
  11. समूह गतिकी को समझने में मदद करना
शिक्षा मनोविज्ञान

शिक्षा मनोविज्ञान का महत्व

शिक्षा मनोविज्ञान का अपने में विशेष महत्व है जो कि निम्न है

  1. छात्रों में बाल विकास की विभिन्न अवस्थाओं की विशेषताओं को समझने में।
  2. कक्षा के शिक्षण के स्वरूप को समझने में – शिक्षक शिक्षण करते समय न केवल अपने ज्ञान भंडार को बल्कि छात्रों की क्षमताओं को तथा उनके व्यक्तित्व शील गुणों को भी ध्यान में रखते हैं। इससे शिक्षण स्तर की उत्कृष्टता में पर्याप्त वृद्धि आती है और शिक्षा मनोविज्ञान की महत्ता बढ़ती है।
  3. शिक्षार्थियों के समस्याओं को समझने में – शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षार्थियों की समस्याओं के कारणों का पता लगाते हैं तथा समस्या की पहचान हो जाने के बाद उन्हें उचित शैक्षिक निर्देशन एवं परामर्श से समस्याओं को दूर करते हैं तथा शिक्षा के स्तर में पर्याप्त सुधार ला पाते हैं।
  4. शिक्षार्थियों के व्यक्तित्व विभिन्नता को समझने में – शिक्षार्थियों में क्षमता अभिक्षमता मनोवृत्ति शीलगुण आदि के आधार पर भिन्नताए होती हैं। इससे कक्षा में कुछ समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। शिक्षा मनोविज्ञान व्यक्तिक विभिन्नता के मूल तत्व से अवगत कराकर शिक्षक को इन समस्याओं से निपटने में काफी मदद करता है।
  5. शिक्षार्थियों में धनात्मक मनोवृत्ति के विकास में जब शिक्षार्थियों में उत्तम मानसिक स्वास्थ्य विकसित होता है तो वह पाठ्य के प्रति शिक्षकों के प्रति अपने साथियों के प्रति एक धनात्मक मनोवृति विकसित कर लेते हैं।
  6. प्रभावी शिक्षण विधियों की पहचान में
  7. पाठ्यक्रम के निर्माण में
  8. समूह गतिकी को समझने में
  9. अपवादात्मक बच्चों की शिक्षा के लिए मार्गदर्शक प्रदान करने में
  10. शोधकार्य में – शोध का परिणाम है कि नए नए शिक्षण विधियां, नए नए शिक्षण उपकरण, श्रव्य दृष्टि सहायता आदि का प्रयोग कक्षा में पठन-पाठन में किया जा रहा है।
बाल मनोविज्ञान क्या है?बाल विकासबाल विकास के सिद्धांत
विकासवृद्धि और विकास प्रकृति व अंतरमानव विकास की अवस्थाएं
मानव का शारीरिक विकाससृजनात्मकताशैशवावस्था में मानसिक विकास
बाल्यावस्था में मानसिक विकासशिक्षा मनोविज्ञानप्रगतिशील शिक्षा – 4 Top Objective
बाल केन्द्रित शिक्षाकिशोरावस्था में सामाजिक विकाससामाजिक विकास
बाल विकास के क्षेत्रनिरीक्षण विधि Observation Methodविशिष्ट बालकों के प्रकार
समावेशी बालकप्रतिभाशाली बालकश्रवण विकलांगता
श्रवण विकलांगतासमस्यात्मक बालक – 5 Top Qualitiesसृजनात्मक बालक Creative Child
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments