वृद्धि और विकास प्रकृति व अंतर

वृद्धि और विकास – वृद्धि को आमतौर पर मानव के शरीर के विभिन्न अंगों के विकास तथा उन अंगों की कार्य करने की क्षमता का विकास माना जाता है। जबकि विकास एक सार्वभौमिक प्रक्रिया है जो जन्म से लेकर जीवन पर्यंत तक अभिराम गति से चलती रहती है। विकास केवल शारीरिक वृद्धि की ओर संकेत नहीं करता वर्ण इसके अंतर्गत के सभी शारीरिक मानसिक सामाजिक और संवेगात्मक परिवर्तन सम्मिलित रहते हैं। जो गर्भकाल से लेकर मृत्यु पर्यंत तक निरंतर प्राणी में प्रकट होते रहते हैं। अतः प्राणी के भीतर विभिन्न प्रकार के शारीरिक व मानसिक क्रमिक परिवर्तनों की उत्पत्ति ही विकास है।

शरीर के किसी विशेष पक्ष में जो परिवर्तन आता है उसे वृद्धि कहते हैं।

फ्रैंक के अनुसार

विकास परिवर्तन श्रंखला की वह अवस्था है जिसमें बच्चा भ्रूणावस्था से लेकर प्रौढ़ावस्था तक गुजरता है विकास कहलाता है।

मुनरो के अनुसार

वृद्धि की प्रकृति

  1. वृद्धि को मात्रा के रूप में माना जा सकता है।
  2. वृद्धि निरंतर नहीं होती।
  3. वृद्धि आंतरिक रूप से होती है।
  4. स्त्रियों में पुरुषों की अपेक्षा वृद्धि तीव्र होती है।
  5. शारीरिक और मानसिक वृद्धि का आपस में गहरा संबंध है।

विकास की प्रकृति

  1. विकास की निश्चित पद्धति होती है।
  2. विकास सामान्य से विशिष्ट दिशा की ओर होता है।
  3. विकास रुकता नहीं निरंतर चलता रहता है।
  4. विकास का अर्थ अधिक व्यापक है।
  5. विकास और वृद्धि की प्रक्रिया साथ साथ चलती हैं।
  6. विकास गुणात्मक परिवर्तनों का संकेतक है।

वृद्धि और विकास में अंतर

वृद्धि और विकास में निम्न अंतर है-

क्रम संख्यावृद्धिविकास
1वृद्धि शब्द का प्रयोग केवल परिमाणात्मक परिवर्तनों से होता है।विकास शब्द का प्रयोग परिमाणात्मक तथा गुणात्मक दोनों परिवर्तन के लिए किया जाता है।
2वृद्धि एक विशेष आयु तक होती है। शारीरिक परिपक्वता ग्रहण करने के साथ ही वृद्धि रुक जाती है।विकास निरंतर व कभी न समाप्त होने वाली प्रक्रिया है जो जन्म से लेकर मृत्यु तक चलती रहती है।
3वृद्धि शब्द शरीर के किसी एक पक्ष में होने वाले परिवर्तनों को प्रकट करता है।विकास शब्द व्यक्ति के व्यक्तित्व के संपूर्ण परिवर्तनों को संयुक्त रूप से प्रदर्शित करता है।
4वृद्धि के प्रारूपों में व्यक्तिक भिन्नता पाई जाती है।विकास के प्रारूप निश्चित होते हैं।
5वृद्धि संरचनात्मक परिवर्तनों से संबंधित है।विकास प्रकार्यात्मक परिवर्तनों से संबंधित है।
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