विज्ञान मेला ज्ञान प्राप्त का ऐसा मंच है जिसमें छात्र शिक्षक माता-पिता व समाज से अन्य व्यक्ति एक साथ मिलकर ज्ञानार्जन कर सकते हैं। इन के माध्यम से विद्यार्थियों को अपनी उपलब्धियों को प्रदर्शित करने का शुभ अवसर प्राप्त होता है। इन मेलों में कई विद्यालयों के छात्र एक साथ मिलकर विभिन्न प्रतियोगिताओं कार्यक्रमों में भाग लेते हैं इससे आपस में परस्पर विचारों के आदान-प्रदान से ज्ञान में भी वृद्धि होती है। इन मेलों का आयोजन एनसीईआरटी व राज्य सरकारों के अतिरिक्त कई अन्य संस्थाएं भी करती हैं।
विज्ञान मेला छात्रों के प्रदर्शन हेतु वस्तुओं का संग्रह कहलाता है।
शिक्षा शब्दकोश के अनुसार



विज्ञान मेले प्रभावशाली विज्ञान अनुदेशन के लिए उपयोगी हैं। विज्ञान क्लब द्वारा किए गए कार्यों के प्रदर्शन का यह एक महत्वपूर्ण साधन है। यह छात्रों को विज्ञान के क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रोत्साहन देता है। विज्ञान मेले विज्ञान-शिक्षण के उद्देश्यों की पूर्ति करने में भी सहायक होते हैं। छात्र प्रदर्शन द्वारा तथा अन्य छात्रों के सम्पर्क में आकर विज्ञान के विषय में अधिक सीखते हैं।
इसलिए यह आवश्यक है कि प्रत्येक विद्यालय में वर्ष में एक बार विज्ञान मेले का आयोजन अवश्य किया जाना चाहिए। इसकी सफलता के लिए अध्यापक व छात्र दोनों को मिलाकर कार्य करना चाहिए। छात्रों द्वारा निर्मित वस्तुओं व उपकरणों का प्रदर्शन किया जाए। प्रयास यह होना चाहिए कि प्रदर्शित वस्तुएँ व्यावहारिक व उपयोगी हों जिससे वे विज्ञान की वास्तविक उपयोगिता व विज्ञान विषय की प्रकृति से परिचित करा सकें। विज्ञान मेले में माता-पिता तथा समुदाय के सदस्यों को आमन्त्रित किया जाए जिससे वे विद्यालय के विज्ञान सम्बन्धी क्रिया-कलापों से परिचित हो सकें।
इससे उसमें विज्ञान विषय के शिक्षण के प्रति जागरूकता का विकास होगा। विज्ञान मेलों के आयोजन में जो छात्र भाग लें उन्हें अध्यापकों, साथियों तथा विज्ञान के विशेषज्ञों से सहायता व निर्देशन लेना चाहिए। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण, परिषद् प्रतिवर्ष पूरे देश में जिले, मण्डल एवं राज्य स्तर पर विज्ञान के मेलों की व्यवस्था करती है। इनके लिए आवश्यक आर्थिक सहायता भी दी जाती है। दिल्ली में प्रतिवर्ष राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है।
विज्ञान मेलों के उद्देश्य
विज्ञान मेला के उद्देश्य निम्न हैं-
- छात्रों का अपने विचारों को प्रस्तुत करना तथा कक्षा शिक्षण को प्रोत्साहित करना।
- छात्रों के द्वारा तैयार विज्ञान संबंधी सामग्री को प्रदर्शित करके अन्य छात्रों को प्रोत्साहित करना।
- मेले में भाग लेने वाले छात्रों में विज्ञान संबंधी आकर्षण पैदा करना।
- प्रतिभाशाली छात्रों को उचित मंच प्रदान करना।
- अभिभावकों को विद्यालय में कराए गए कार्यों से परिचित कराना।
- प्रतिभाशाली छात्रों की खोज करना।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् के अनुसार विज्ञान मेलों के निम्न उद्देश्य हैं –
- अपने साथियों की उपलब्धि को देखने के अवसर प्रदान करना जिससे उन्हें भी स्वयं योजना बनाकर कार्य करने की प्रेरणा मिले।
- छात्रों को अपने विचारों तथा विज्ञान की कक्षा में प्राप्त ज्ञान को रचनात्मक दिशा में प्रयोग करने क अवसर देना।
- विज्ञान के उपयोगी पक्ष से जन-सामान्य को परिचित कराना।
- छात्रों की रसायन विज्ञान सम्बन्धी गतिविधियों को लोकप्रिय बनाना।
- समुदाय के व्यक्तियों को अध्यापक व छात्रों के सम्पर्क में लाना।
- प्रतिभाशाली छात्रों को विशेष प्रोत्साहन देना।
विज्ञान मेलो का आयोजन
मेलों के सफल आयोजन करने के लिए यह अति आवश्यक है कि इसके सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कार्य योजना बनानी चाहिए और इसके लिए निम्न प्रक्रिया को अपनाना चाहिए।
- आर्थिक व्यवस्था
- स्थान समय व अवधि का निर्णय
- मेले के लक्ष्य एवं उद्देश्य का निर्धारण
- कार्य विभाजन
- समितियों का गठन
- प्रचार-प्रसार
- मूल्यांकन


विज्ञान मेला का महत्व
विज्ञान मेलों की सामाजिक, मनोवैज्ञानिक तथा शैक्षिक उपयोगिता है। छात्र समूह में कार्य करके बहुत-सी क्रियाओं को सीखते हैं। जिन्हें वे सामान्य कक्षा शिक्षण द्वारा नहीं सीख सकते। उनका केवल बौद्धिक ही नहीं वरन् शैक्षिक व मनोवैज्ञानिक विकास भी होता है। निर्माण, संग्रह व जिज्ञासा की प्रवृत्ति की सन्तुष्टि होती है। विज्ञान के क्षेत्र में प्रतिभाशाली छात्रों की पहचान होती है तथा उसका उचित उपयोग अन्य कार्यों में किया जा सकता है।
छात्रों को जिला, राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित मेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। जिससे वे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन वैज्ञानिक कार्यों के द्वारा कर सकें। शिक्षक के लिए भी मेलों की उपयोगिता है। उन्हें अपने कार्य में नयेपन का अनुभव होता है तथा प्रायोगिक कौशल विकसित करने का अवसर मिलता है।
विज्ञान मेला का महत्व निम्नलिखित है-
- विद्यार्थी सामूहिक परियोजना और गतिविधियों में भाग लेते हैं और वह कई प्रकार की ऐसी बातें सीखते हैं जो कि कक्षा में नहीं सीखी जा सकती।
- इन मेलों से विद्यार्थियों की रचनात्मक जिज्ञासा और उपलब्धि की प्रविष्टियों को संतुष्टि मिलती है।
- इन मेलों का सबसे अधिक महत्व है कि उन के माध्यम से विज्ञान प्रतिभा की खोज की जा सकती है।
- इन मेलों से विद्यार्थी केवल बौद्धिक रूप से ही उससे नहीं होते बल्कि सामाजिक शैक्षिक और मनोवैज्ञानिक रूप से भी विकसित होते हैं।
- विद्यार्थियों में वैज्ञानिक खोजों के प्रति रूचि का विकास होता है और वह वैज्ञानिक समस्या का समाधान करते हैं।