राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान 2009

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान – सर्व शिक्षा अभियान से माध्यमिक विद्यालयों में प्रवेश संख्या बढ़ी है और विद्यालय में ठहराव में सफलता मिली है। इसी प्रगति क्रम को आगे बढ़ाने के लिए NUEPA ने 2006 में योजना पर विचार किया गया। योजना को कार्यान्वित करने के लिए समय-समय पर रूपरेखा तैयार की गई। वर्ष 2009 को प्रोजेक्ट बोर्ड ने सर्व शिक्षा अभियान को स्वीकृति प्रदान कर दी। जिसमें सर्व शिक्षा अभियान में उच्चतर माध्यमिक शिक्षा को सम्मिलित किया गया जैसे राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के नाम से भी जाना जाता है। इसमें 14 से 18 आयु वर्ग तक के बालकों की शिक्षा को सम्मिलित किया गया है।

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की आवश्यकता

सर्व शिक्षा अभियान के दूसरे चरण को निम्नलिखित आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आरंभ किया गया।

  1. अब तक शत-प्रतिशत बच्चों ने प्रवेश नहीं लिया, उनके कारणों व समस्याओं को दूर करके उन्हें अनिवार्य रूप से प्रवेश दिलवाना और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा तक पढ़ने के लिए प्रेरित करना।
  2. कुछ विद्यार्थी माध्यमिक शिक्षा पूर्ण होने से पूर्व ही विद्यालय छोड़ देते हैं। उन्हें उच्चतर शिक्षा तक विद्यालय ना छोड़ने के लिए तैयार करना। उनकी समस्याओं को दूर करना, निशुल्क शिक्षा पाठ्य पुस्तक एवं विद्यालय के गणवेश, दोपहर का भोजन, दूर गांव के स्कूल पहुंचने के लिए साइकिल सुविधा आदि देकर विद्यालय उपस्थिति और पूरी शिक्षा के लिए प्रेरित करना।
  3. अध्यापकों की सेवा पूर्व अच्छा प्रशिक्षण देकर योग्य अध्यापकों की नियुक्ति करना।
  4. किन्हीं भी कारणों से जो कृषक श्रमिक अपंग निर्धन और बालिकाएं विद्यालय जाने में असहाय हैं। उनके लिए मुक्त विद्यालय खोलकर अध्ययन के लिए अच्छी सुविधाएं देकर शिक्षा प्राप्त करने के लिए सर्व शिक्षा अभियान के माध्यम से उत्साहित किया जाता है।
  5. सभी धर्मों जातियों अल्पसंख्यक को विभिन्न मातृभाषा को शिक्षा के लिए सभी संस्थानों में प्रवेश की स्वतंत्रता है। किसी भी बच्चे से किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता।

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के लक्ष्य

  1. राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत किसी भी बस्ती से उपयुक्त दूरी पर एक माध्यमिक स्कूल उपलब्ध कराना।
  2. सभी माध्यमिक स्कूलों को निर्धारित मानदंडों के अनुरूप बनाकर माध्यमिक स्तर पर दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना।
  3. लैंगिक, सामाजिक, आर्थिक तथा निशक्तता बाधाएं हटाना।
  4. विशेष वर्गों के लिए माध्यमिक शिक्षा की व्यवस्था।
  5. सामान्य स्कूल प्रणाली की दिशा में प्रगति करना।
  6. सभी माध्यमिक स्कूलों में भौतिक सुविधाओं, स्टाफ एवं सामग्री सुनिश्चित करना।
  7. स्कूलों तक पहुंचने के लिए सुरक्षित एवं प्रभावशाली यातायात सुविधाओं का विकास
  8. मुक्त विश्वविद्यालय सुविधाओं का विकास करना ।
  9. माध्यमिक शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों के लिए यह सुनिश्चित करना कि वह अच्छी गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा ग्रहण करें।
  10. प्रभावशाली शैक्षिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक अधिगम हेतु माध्यमिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु प्रयास करना।
  11. पवर्तीय एवं अन्य इलाकों में आवासीय स्कूलों का विकास करना।
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