यही सच है कहानी मन्नू भंडारी की रचना है। जो पुरुष व स्त्री के संबंधों में प्रेम ग्रहण अनैतिक व अनैतिक सच झूठ, शुभ अशुभ, आज की जो परंपरागत धारणाएं रही हैं। उससे अलग हटकर या कहानी लिखी गई है।
यही सच है कहानी
जो 2 या 3 वर्ष पहले निशीथ की अभिन्न थी, एक झटके से अलग हो जाती है। अब तो उससे घृणा भी करने लगी है। संजय ने यदि कभी चुहल बाजी में भी निश्चित का नाम लेता है, तो वह जल भूल जाती है। वह आप मिले क्षण करती हुई कहती है, मैं जानती हूं संजय का नाम निश्चित को लेकर जब तक संघ की तो हो उठता है, पर मैं उसे कैसे विश्वास दिलाओ कि मैं किसी से नफरत करती हूं। उसकी याद मात्र से मेरा मन घृणा से भर उठता है फिर 18 वर्ष की आयु में किया हुआ प्यार भी कोई प्यार होता है।

वह निरा बचपन होता है महज पागलपन उसमें आवेश रहता है। वह स्थाई तो नहीं जिस वेग से आरंभ होता है जरा सा झटका लगने पर उसी वेग से टूट भी जाता है। उसके बाद आंसुओं और शक्तियों का एक दोहरा फिर तो वह सब एक ऐसी बेवकूफी लगता है। जिस पर बैठकर घंटों हंसने की तबीयत होती है। इस समय प्यार को ही वह सच्चा और प्राण मानती है। विश्वास करो संजय तुम्हारा मेरा प्यार यही सच है। निशित का प्यार तो मात्र छल था, भ्रम था, झूठ था।
नौकरी के सिलसिले में जब दीपा को कोलकाता जाना पड़ता है, तो वह चाहती है कि निशित से बेचना हो पर बैठ हो जाती है। वह उससे बातचीत करना चाहती है। वह संजय और अपने संबंधों की चर्चा करके निश्चित को अलग कर देना चाहती है। परंतु इन संबंधों की चर्चा नहीं कर पाती। पुनः पुरानी बातों को छोड़कर सब कुछ साफ कर ले वह उसके आलिंगन के लिए भी आतुर होती है। बड़े कातर करोड़ और याचना भरी दृष्टि में उसे देखती हूं मानो रही । कि तुम कह क्यों नहीं देते निशित कि आज भी तुम मुझे प्यार करते हो।
तुम मुझे सदा अपने पास रखना चाहते हो। जो कुछ हो गया उसे भूल कर मुझ से विवाह करना चाहते हो। कह दो निशित कह दो यह सुनने के लिए मेरा मन आकुल हो रहा है छटपटा रहा है।

यही सच है कहानी की प्रमुख विशेषताएं
यही सच है कहानी की प्रमुख विशेषताएं निम्न है-
- इस कहानी में कर्तव्य और भावना का द्वंद है।
- मनोविश्लेषण की प्रधानता है।
- मानवीय संवेदनाओं को महत्व दिया गया है।
- व्यक्तिवाद के प्रति महत्व बढ़ा है।
- नारी मन के सास्वत द्वंद पर प्रकाश डाला गया है।
- अस्तित्व वादी विचारधारा का समावेश है।
“यही सच है” कहानी किसने लिखी है?
मन्नू भंडारी ने
निशंकु कहानी संग्रह किसका है?
कृष्णा सोबती
यही सच है कहानी किस वर्ष प्रकाशित हुई?
2004 में

मन्नू भंडारी जीवन परिचय
3 अप्रैल 1931
भानपुरा गाँव जिला मंदसौर मध्य प्रदेश
15 नवम्बर 2021
सुख सम्पतराय
- हिन्दी अकादमी
- दिल्ली का शिखर सम्मान
- व्यास सम्मान
- उत्तर-प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा पुरस्कृत।
मन्नू भंडारी एक भारतीय लेखक है जो विशेषतः 1950 से 1960 के बीच अपने अपने कार्यो के लिए जानी जाती थी। सबसे ज्यादा वह अपने दो उपन्यासों के लिए प्रसिद्ध थी। पहला आपका बंटी और दूसरा महाभोज। मन्नू भंडारी ने कहानी और उपन्यास दोनों विधाओं में कलम चलाई है।
इनकी 'यही सच है' कृति पर आधारित 'रजनीगंधा फ़िल्म' ने बॉक्स ऑफिस पर खूब धूम मचाई थी।
- उन्होंने एम ए तक शिक्षा पाई।
- वर्षों तक दिल्ली के मिरांडा हाउस में अध्यापिका रहीं।
- मन्नू भंडारी विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में प्रेमचंद सृजनपीठ की अध्यक्षा भी रहीं।
- एक प्लेट सैलाब
- मैं हार गई
- तीन निगाहों की एक तस्वीर
- यही सच है
- त्रिशंकु
- श्रेष्ठ कहानियाँ
- आँखों देखा झूठ
- नायक खलनायक विदूषक
- आपका बंटी
- महाभोज
- एक इंच मुस्कान और कलवा
- एक कहानी यह भी
- रजनी
- स्वामी
- निर्मला
- दर्पण
- बिना दीवारों का घर