भविष्य निधि योजना एक सेवा निवृत्ति लाभ योजना है। इस योजना के अन्तर्गत उक्त भविष्य निधि में अंशदान के रूप में कर्मचारी के वेतन में से एक निश्चित राशि की कटौती की जाती है। नियोक्ता भी आमतौर पर अपने पास से उतनी ही राशि का उस निधि में साथ ही अंशदान करता है। कर्मचारी के तथा नियोक्ता के अंशदान की राशि का निवेश सर्वोत्तम प्रतिभूतिय में किया जाता है। उस पर अर्जित ब्याज की राशि को भी कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते में जम किया जाता है।

इस प्रकार किसी कर्मचारी के भविष्य निधि खाते के क्रेडिट में कर्मचारी का अंश पर ब्याज, नियोक्ता का अंशदान एवं नियोक्ता के अंशदान पर ब्याज शामिल होता है। पूर्ण धनराशि का भुगतान उस कर्मचारी को उसकी सेवानिवृत्ति होने अथवा त्यागपत्र देने पर किया जाता है।
भविष्य निधि के प्रकार
कर्मचारी भविष्य निधि निम्न प्रकार की हो सकती है। इसके अतिरिक्त कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक भविष्य निधि का सदस्य भी बन सकता है।
- वैधानिक भविष्य निधि।
- मान्यताप्राप्त प्राविडेन्ट फंड।
- गैर-मान्यताप्राप्त भविष्य निधि।
वैधानिक भविष्य निधि
वैधानिक भविष्य निधि के संबंध में निम्नलिखित नियम हैं-
- जब कोई व्यक्ति इस फंड का सदस्य होता है तो उसकी कुल आय में केवल उसके वेतन में से कटी हुई रकम (जो फण्ड में जमा की गयी हो) जोड़ी जाती है। इस फण्ड में नियोक्त द्वारा दिया हुआ अंशदान तथा फण्ड के ब्याज पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है अर्थात नियोक्ता का अंशदान तथा फण्ड का ब्याज न तो कर्मचारी की कुल आय में जोड़ा जाता है और न ही उस पर कर लगता है।
- एक कर्मचारी द्वारा इस फंड के लिए अपने वेतन में से कटावी हुई राशि 1,60,000 रु. से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- एक कर्मचारी किसी का निर्धारण वर्ष में धारा 80 के अन्तर्गत छूट के योग्य राशि 1,00,000 रु. कटौती पाने का अधिकारी होगा।
- नौकरी से सेवा निवृत्त होने के समय अथवा नौकरी छोड़ने के समय फड़ों से मिली हुई राशि पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता न तो यह कर्मचारी की सकल कुल आग में जोड़ी जाती है और न इस पर किसी प्रकार का कर लगता है।

मान्यताप्राप्त भविष्य निधि
इसके संबंध में निम्नलिखित नियम है-
- नियोक्ता के द्वारा वेतन के 12% तक किया गया अंशदान कर मुक्त होता है। यदि12% से अधिक का अंशदान किया जाता है तो 12% से जितना अधिक अंशदान किया जायेगा उतना कर योग्य हो जायेगा।
- मान्यता प्राप्त भविष्य निधि पर मिलने वाला व्याज 9.5% तक कर मुक्त है। 9.5% से जितना ज्यादा ब्याज मिलता है उतना कर योग्य हो जायेगा।
- आय कर की छूट के लिए कर्मचारी द्वारा इस फंड के लिए अपने वेतन से 1,00,000रु. तक की राशि कटवा सकता है और जितनी राशि को कटवायेगा उसकी धारा 80C के अन्तर्गत कर में छूट मिलेगी।
- नौकरी से सेवा निवृत्त होने के समय अथवा नौकरी छोड़ने के समय इस फंड से मिली हुई राशि पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता अर्थात् न तो यह कर्मचारी की सकल कुल आय में जोड़ी जाती है और न उस पर किसी प्रकार का कर लगता है बशर्ते कि
- उसने कम से कम 5 वर्ष तक इस नियोक्ता के यहाँ लगातार सेवा की हो, अथवा
- यदि उसने 5 वर्ष तक लगातार सेवा न की हो तो कर्मचारी की बीमारी के कारण या नियोक्ता का व्यापार संकुचित अथवा बंद हो जाने के कारण या कर्मचारी की शक्ति के बाहर अन्य किसी कारण से उसकी नौकरी छूट गयी हो।

गैर-मान्यताप्राप्त भविष्य निधि
गैर-मान्यताप्राप्त भविष्य निधि के संबंध में नियम निम्नलिखित हैं-
- जब कोई व्यक्ति इस फंड का सदस्य होता है तो उसकी कुल आय में उसके वेतन में से कटी हुई रकम (जो इस फंड में जमा की गयी हो) जोड़ी जाती है परन्तु नियोक्ता द्वारा दिया गया अंशदान तथा इस फंड का ब्याज प्रत्येक वर्ष उसकी कुल आय में नहीं जोड़ा जाता है।
- अप्रमाणित प्रावीडेन्ट फंड में एक कर्मचारी द्वारा इस फंड के लिए अपने वेतन से कटाई हुई राशि पर कर की छूट की मांग नहीं कर सकता।
- नौकरी से सेवा निवृत्त होने के समय अथवा नौकरी छोड़ने के समय मिली हुई राशि में से कर्मचारी का अंशदान तथा उस पर ब्याज घटाने के बाद जो राशि बचती है वह उसकी सकल कुल आय में वेतन शीर्षक में जोड़ी जाती है और उस पर कर लगता है। परन्तु इकट्ठी राशि के मिलने के कारण करदाता पर जो अधिक दर से कर लगेगा उसके लिए धारा 89 (i) के अन्तर्गत करदाता द्वारा प्रार्थना-पत्र देने पर कर निर्धारण अधिकारी निर्धारित छूट स्वीकार करेगा।

सार्वजनिक भविष्य निधि
यह योजना सभी के लिए चाहे वे वेतनभोगी हो या व्यापारी या कोई और खुली हुई है। यह योजना के अलावा को भी प्राप्त होती है। इस हेतु व्यक्ति को किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में PPF खाता खोलना होता है। वह 5 रु. के गुणक में राशि जमा कर सकता है। न्यूनतम जमा 500 रु. तथा अधिकतर्म जमा 1,00,000 रु. एक वर्ष में होना चाहिए। PPF योजना की अवधि 15 वर्ष है केन्द्रीय सरकार ने इस योजना की शुरुआत व्यक्तिगत बचतों को गति प्रदान करने के लिए सामान्य जनता के लाभ हेतु की। इस योजना में जमा राशि 15 वर्ष (इसे बढ़ाया जा सकता है) बाद वापसी योग्य होती है।
सार्वजनिक भविष्य निधि योजना की मुख्य बातें निम्नलिखित हैं-
- स्वयं का अंशदान पूर्णतया कर योग्य है।
- फण्ड में वार्षिक ब्याज लगाया जाता है तथा कर से पूर्णतया मुक्त है।
- धारा 80C के अन्तर्गत कटौती उपलब्ध है।
- निधि से निकाली जाने वाली एकमुश्त राशि पूर्णतया करमुक्त है।