चकबंदी – भारतीय कृषि की निम्न उत्पादकता का एक मुख्य कारण भूमि का उपविभाजन एवं अपखंडन है। उप विभाजन से आशय है- भूमि का छोटे-छोटे टुकड़ों में होना तथा अपखंडन का अर्थ है- छोटे-छोटे टुकड़ों का दूर-दूर बिखरा होना। यह समस्या मुख्य रूप से संपत्ति के उत्तराधिकार के नियमों के कारण बंटवारे से आती है; क्योंकि एक व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात भूमि को छोटे-छोटे टुकड़ों में उसके सभी बच्चों में बांट दिया जाता है। जिससे यह भूमि का टुकड़ा अनार्थिक हो जाता है और इस कारण इस पर कृषि की आधुनिक तकनीक को नहीं अपनाया जा सकता। इसका उपाय भूमि की चकबंदी है।

चकबंदी
एक ही परिवार के बिखरे हुए खेतों को एक स्थान पर संगठित करना।
चकबंदी के दो रूप होते हैं-
- ऐच्छिक – ऐच्छिक में किसानों पर बिखरे हुए खेतों को चकबंदी कराने के लिए कोई दबाव न डालकर किसान की इच्छा पर छोड़ दिया जाता है।
- अनिवार्य – अनिवार्य की प्रक्रिया में किसानों की इच्छा को ध्यान में नहीं रखा जाता है, वरन् किसानों को अनिवार्य रूप में चकबंदी करानी पड़ती है।

चकबंदी में आने वाली कठिनाइयां
- पक्षपात एवं अविवेकपूर्ण ढंग से की गई प्रशासन तंत्र की विश्वसनीयता पर एक प्रश्नचिन्ह लगाती है। इस पक्षपात पूर्ण दृष्टिकोण के कारण किसान चकबंदी का विरोध करते हैं।
- इसमें बहुत कम किसानों को अनेक खेतों के बदले एक खेत मिलता है। अधिकांश किसानों को उनके बिखरे हुए खेतों के बदले 2 या 3 चक आवंटित किए जाते हैं, जो consolidation of land उद्देश्यों के विपरीत हैं।
- किसानों का पैतृक भूमि के प्रति लगाव एवं मोह इस दिशा में अनेक अवरोध खड़े करता है।
- किसान की बिखरी हुई भूमि भिन्न-भिन्न उर्वरता वाली होती है जिनका स्थिति के अनुसार भिन्न-भिन्न मूल्य होता है। इससे किसानों को उनकी भूमि का उचित मूल्य नहीं मिलता और प्राय: भूमि की कम उर्वरता की समस्या इसके कार्य में आड़े आती है।

चकबंदी के लाभ
इस प्रक्रिया के अनेक लाभ हैं जिनमें से कुछ निम्न है-
- खेत का आकार अधिक हो जाने से औसत उत्पादन लागत घट जाती है।
- कानूनी रूप से चक बन जाने के कारण भूखंडों की सीमा को लेकर उत्पन्न होने वाले विवादों की समाप्ति हो जाती है।
- छोटे-छोटे खेतों की मेड़ों में भूमि का अपव्यय नहीं होता है
- बड़े चक के रूप में खेत का आकार बड़ा हो जाने के कारण आधुनिक उपकरणों; जैसे-ट्रैक्टर आदि का उपयोग आसान हो जाता है।
- एक स्थान पर भूमि हो जाने के कारण कृषि क्रियाकलापों की उचित देखभाल संभव हो पाती हैं।
- कृषि उत्पादन द्वारा आय और किसान के रहन-सहन के स्तर में सुधार होता है।

Chakbandi ka kaam kabhi time se pura kyo nhi hota
सरकारी कोई भी काम हो गवर्नमेंट अट वर्क लेट ही होता है अब कोई जजमेंट ही ले लो 2 तारीख पे तारीख तारीख पर तारीख ही तारीख दी जाती है। True Fact always hurts