वर्तमान समय में सिर्फ भारत ही नहीं विश्व स्तर पर शैक्षिक आर्थिक तकनीकी तथा वैज्ञानिक प्रगति का आधार गणित ही है। अन्य विषयों में गणित का महत्व खास है। शिक्षा के तो प्रत्येक क्षेत्र में गणित के किसी ना किसी रूप का प्रयोग अनिवार्य हिस्सा बन चुका है। आज दुनिया कंप्यूटर पर निर्भर होती जा रही है क्योंकि कंप्यूटर आज हमारी कार्यशैली का हिस्सा बन चुका है।
कंप्यूटर के बिना हम असहाय सा महसूस करते हैं। यह कंप्यूटर भी गणित के ज्ञान पर आधारित एक यंत्र है जो गणितीय घटनाओं को अति शीघ्रता के साथ संपादित करता है। आज जीवन तथा समाज के प्रत्येक क्षेत्र में गणित के महत्व को नकारा नहीं जा सकता।

कोठारी आयोग ने गणित के महत्व को स्वीकारते हुए कहा था कि “सभी छात्रों को अनिवार्य रूप से सामान्य शिक्षा के भाग के रूप में प्रथम 10 वर्षों तक गणित पढ़ाई जानी चाहिए।“
गणित की उन्नति के साथ देश की उन्नति का घनिष्ठ संबंध है।
नेपोलियन (महान योद्धा तथा राजनीतिज्ञ)
महान गणितज्ञ श्री महावीर आचार्य जी का कथन है जो कि उनकी पुस्तक गणित सार संग्रह में लिखा है कि “लौकिक, वैदिक तथा सामाजिक जो व्यापार है उन सब में गणित का उपयोग है।”

गणित का महत्व
आधुनिक शिक्षा में गणित के महत्व को निम्न बिंदुुओं द्वारा समझा जा सकता है।
- गणित मनुष्यों में सामाजिक मूल्यों का निर्माण करती है।
- गणित हमारी सभ्यता एवं संस्कृति का दर्पण है।
- गणित राष्ट्रीयता एवं अंतर्राष्ट्रीयता का पाठ पढ़ाने एवं भावना को विकसित करने में सहयोग करती है।
- गणित नैतिक मूल्यों सच्चाई, ईमानदारी, नेतृत्व, शुद्धता, धर्म, आत्मविश्वास इत्यादि को विकसित करती है।
- गणित व्यक्ति की मानसिक शक्तियों का विकास करती है।
- गणित व्यक्ति को अनुशासन में रहना सिखाती है।
- गणित व्यक्ति के दैनिक व व्यवहारिक जीवन के लिए उपयोगी है।
गणित का महत्व गणित शिक्षण के उद्देश्यों को पूरा करने में है। गणित विषय की अपनी एक अलग प्रकृति है। जिसके आधार पर हम उसकी तुलना किसी अन्य विषय से कर सकते हैं। स्कूल में गणित पढ़ाने का मुख्य उद्देश्य बालकों की तर्क शक्ति का विकास होना चाहिए ना कि केवल तथ्यों को याद कराना।
