केंद्र सरकार के शैक्षिक उत्तरदायित्व – 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ। स्वतंत्रता पूर्व 1945 ईस्वी में शिक्षा विभाग का स्वतंत्र अस्तित्व प्रकाश में आ चुका था। स्वाधीन भारत की सरकार ने सन 1947 में ही शिक्षा मंत्रालय का गठन कर दिया और भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद को बनाया गया। विज्ञान संबंधी खोजों को प्रोत्साहन प्रदान करने की दृष्टि से सन 1953 ईस्वी में वैज्ञानिक अनुसंधान का भी कार्य इन्हें सौंपा गया और शिक्षा मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा और वैज्ञानिक अनुसंधान मंत्रालय कर दिया गया। 1957 में इस मंत्रालय के अंतर्गत तीन विभाग थे।
- शिक्षा विभाग
- शारीरिक शिक्षा तथा सांस्कृतिक विभाग
- औद्योगिक शिक्षा वैज्ञानिक शोध विभाग





केंद्र सरकार के शैक्षिक उत्तरदायित्व
केंद्र सरकार के शैक्षिक उत्तरदायित्व निम्नलिखित हैं-
- केंद्रीय विश्वविद्यालयों का संचालन – केंद्र सरकार 17 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के संचालन हेतु वित्त और निरीक्षण की पूर्व व्यवस्था करती है।
- राष्ट्रीय महत्व की संस्थाओं का प्रशासन – केंद्रीय सरकार के ऊपर ऐसी सभी संस्थाओं के प्रशासन और अनुरक्षण का उत्तरदायित्व है जो राष्ट्रीय महत्व की संस्थाएं हैं। जैसे राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली; राष्ट्रीय पुस्तकालय, कोलकाता और भारतीय संग्रहालय, कोलकाता आदि।
- राष्ट्रीय महत्व की वैज्ञानिक या प्राविधिक शिक्षा की संस्थाओं का प्रशासन – शिक्षा की ऐसी वैज्ञानिक या प्राविधिक संस्थाएं जो संसद के द्वारा राष्ट्रीय महत्व की घोषित की गई है केंद्रीय सरकार द्वारा संचालित तथा प्रकाशित होती हैं। जैसे – भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर, कानपुर, मुंबई, मद्रास तथा भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलोर आदि।
- मानकों का निर्धारण एवं समायोजन – केंद्र सरकार का यह उत्तर दायित्व है कि संपूर्ण देश की उच्च शिक्षा अनुसंधान वैज्ञानिक और प्राविधिक शिक्षा के क्षेत्र में मानकों का निर्धारण एवं उनमें सामंजस्य स्थापित करें।
- निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा – यद्यपि शिक्षा राज्यों का विषय है कि राज्य सरकारों के साथ संघीय सरकार की जिम्मेदारी है कि वह संपूर्ण देश में 14 वर्ष तक के लिए निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था के संबंध में राज्य सरकारों एवं निजी संस्थाओं के उत्तरदायित्व में समान रूप से भाग ले।
- योजना निर्धारण – देश का सामाजिक और आर्थिक विकास शिक्षा के द्वारा संभव है, इसलिए शिक्षा की राष्ट्रीय योजना का निर्धारण संगीत सरकार का उत्तरदायित्व है। जिससे पूरे देश में विकास की गति और स्वरूप में एकरूपता आ सके।
- शैक्षिक एवं सांस्कृतिक संबंध – अन्य देशों के साथ शैक्षिक संबंध स्थापित करके केंद्रीय सरकार अपने एक महत्वपूर्ण उत्तरदायित्व का निर्वाह करती है।
- विश्व संगठनों में संबंध – केंद्र सरकार को इस उत्तरदायित्व का पालन करना आवश्यक है कि वह संयुक्त राष्ट्र संघ और उसके विशिष्ट अभिकरण को विशेष रुप से यूनेस्को से संबंध स्थापित करें और उनके कार्य में सहभागी बने।
- राष्ट्रभाषा हिंदी की समृद्धि – हिंदी को राष्ट्रभाषा होने का गौरव प्राप्त है संघीय भाषा होने के कारण इसके प्रचार-प्रसार एवं समृद्धि का उत्तरदायित्व केंद्र सरकार का ही है। इसके अतिरिक्त संस्कृत एवं संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त प्रांतीय भाषाओं के विकास के लिए केंद्र सरकार सतत प्रयत्नशील रहती है।
- संघ शासित क्षेत्रों की व्यवस्था – भारत में कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जो केंद्र सरकार के सीधे नियंत्रण में है। यह क्षेत्र दिल्ली, चंडीगढ़, दादरा एंड नगर हवेली दमन और दीव पांडिचेरी अंडमान और निकोबार दीप समूह और लक्ष्यद्वीप इन क्षेत्रों की शिक्षा की पूर्ण व्यवस्था केंद्र सरकार करती है।
- अल्पसंख्यकों संबंधी दायित्व – अल्पसंख्यक समुदाय के सांस्कृतिक हितों की रक्षा करना संघीय सरकार की जिम्मेदारी है, इसके साथ ही वह उनके लिए ऐसी व्यवस्था करती है कि वह अपनी मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त कर सकें।
- कमजोर वर्गों संबंधी दायित्व – केंद्र सरकार जनता के कमजोर वर्गों जैसे अनुसूचित जाति आदिम जातियों का आर्थिक और शैक्षिक उन्नयन करने के साथ ही साथ सामाजिक अन्याय और शोषण से उनकी रक्षा करती है।
- राष्ट्रीय संस्कृति की रक्षा – राष्ट्रीय संस्कृति की रक्षा और इसकी उन्नति के लिए कार्य करना केंद्र सरकार का उत्तरदायित्व है। इसके साथ ही वह राष्ट्रीय कला को भी प्रोत्साहन देता है।
- छात्रवृत्ति देना – केंद्र सरकार का एक प्रमुख दायित्व शिक्षा को समुन्नत बनाने के लिए छात्रवृत्ति या प्रदान करना है वह तीन प्रकार की छात्रवृत्तिया देती है
- भारत में अध्ययन के लिए भारतीयों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति
- विदेशों में अध्ययन के लिए भारतीयों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति
- विदेशी छात्रों को भारत में अध्ययन के लिए दी जाने वाली छात्रवृत्ति
- जवाहर नवोदय विद्यालय एवं केंद्रीय विद्यालयों का संचालन – इस समय देश में 480 जवाहर नवोदय विद्यालय और 843 केंद्रीय विद्यालय हैं, जिनका संचालन केंद्र सरकार के द्वारा किया जाता है।
- प्रौढ़ शिक्षा – केंद्र सरकार प्रौढ़ शिक्षा के प्रति उत्तरदाई है। इसके लिए वह राष्ट्रीय साक्षरता मिशन कार्यक्रम और प्रौढ़ शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाले स्वैच्छिक संगठनों को सहायता प्रदान करती है।