आयकर अर्थ उद्देश्य 9 विशेषताएं

आयकर से आशय ऐसे कर से लगाया जाता है जिसको करदाता की आय पर लगाया जाता है यह कर प्रत्यक्ष कर होता है क्योंकि इसे करदाता से सीधे केन्द्रीय सरकार के द्वारा वसूल किया जाता है इस कर को करदाता के द्वारा किसी अन्य व्यक्ति पर टाला नहीं जा सकता है।

आयकर केन्द्रीय सरकार का एक महत्वपूर्ण आय का स्रोत है दूसरे शब्दों में यह कहा जाता है कि करदाता की गतवर्ष की करयोग्य आय पर जो कर केन्द्रीय सरकार के द्वारा लगाया जाता है उसे आयकर कहते हैं केन्द्रीय सरकार के द्वारा आय के विभिन्न खातों पर विभिन्न दरों से गणित करके वसूल किया जाता है।

आयकर की विशेषताएं

आयकर की विशेषताएँ निम्नलिखित है-

  1. आयकर एक प्रत्यक्ष कर है।
  2. आयकर करदाता की आय पर लगाया जाता है।
  3. आयकर गतवर्ष की आय पर लगाया जाता है।
  4. आयकर प्रत्येक व्यक्ति के द्वारा देय होता है।
  5. आयकर प्रचलित दरों के अनुसार लगाया जाता है।
  6. आयकर आय को विभिन्न खातों में विभाजित करके कर लगाया जाता है।
  7. आयकर का निर्धारण कर निर्धारण वर्ष में किया जाता है।
  8. आयकर रकम पर लगाया जाता है।
  9. आयकर वार्षिक आय पर लगाया जाता है।

आयकर का इतिहास

आयकर का इतिहास निम्नलिखित है:

  1. भारत में सर्वप्रथम आयकर 1860 में सर जेम्स विलसन द्वारा लगाया गया था।
  2. आयकर अधिनियम 1860 में 1863, 1967, 1871, 1873 एवं 1878 में महत्वपूर्ण संशोधन किये गये।
  3. सन् 1886 में आयकर अधिनियम 1886 पारित किया गया जो 1917 तक लागू रहा।
  4. सन् 1918 में एक नया आयकर अधिनियम बनाया गया।
  5. सन 1922 मे पूना संशोधन अधिनियम 1922 में बनाया गया।

आयकर के उद्देश्य

आयकर निम्नलिखित उद्देश्यों की पूर्ति करता है :

  1. पूँजी निर्माण – आयकर को बचाने के लिये करदाता विभिन्न प्रकार की सरकारी प्रतिभूतियों में अपना धन विनियोजित करता है जिसके परिणामस्वरूप पूँजी का निर्माण होता है।
  2. सरकार के लिए आय का प्रमुख स्रोत – आयकर सरकार के एक प्रमुख आय का स्रोत है जितना incometax एकत्र किया जाता है उसे केन्द्रीय सरकार एवं राज्य सरकार केन्द्रीय आयोग की सिफारिशों के अनुसार विभाजित कर दिया जाता है।
  3. असमानताएँ दूर करना – आयकर का प्रमुख आर्थिक विषमताओं तथा असमानताओं को दूर करना भी होता है इसीलिये आय को विभिन्न रूपों में विभाजित करके विभिन्न दरों से कर लगाया जाता है।
  4. स्तर में वृद्धि – आय कर का उद्देश्य लोगों के स्तर में वृद्धि करना भी होता है जिस आय पर कर का भुगतान कर दिया जाता है उस आय को स्थायी सम्पत्ति क्रय करने में विनियोग किया जा सकता है इससे जीवन स्तर में वृद्धि होती है।
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments