आधुनिक भारत का इतिहास के अंतर्गत हम लोग देखेंगे कैसे भारत में यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों का आगमन होता है। फिर किस तरीके से अंग्रेज अपना आधिपत्य जमाते हैं और उसी बीच में 1857 का विद्रोह होता है। जिसको दबा दिया जाता है फिर कुछ सामाजिक और धार्मिक सुधार आंदोलन होते हैं और उसके बाद में भारत का स्वतंत्रता आंदोलन, जिसमें कुछ क्रांतिकारियों से संबंधित घटनाएं, गवर्नर जनरल वायसराय और महत्वपूर्ण विद्रोह जिन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलाने में मदद की के बारे में हम लोग संक्षिप्त अध्ययन करेंगे।


भारत में यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों का आगमन
वह समय काफी पुराना था जब भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। उसके कई वर्ष बाद 1498 ईस्वी में वास्कोडिगामा केरल के कालीकट के तट पर समुद्री मार्ग से पहुंचा।
ईस्ट इंडिया कंपनी | स्थापना वर्ष |
पुर्तगाली | 1498 |
अंग्रेजी | 1600 |
डच | 1602 |
डेनिश | 1616 |
फ्रांसीसी | 1664 |
स्वीडिश | 1731 |


1857 का विद्रोह
1857 के विद्रोह की शुरुआत 10 मई 1857 को मेरठ में हुई विद्रोह का तात्कालिक कारण नई एनफील्ड राइफल में चर्बी युक्त कारतूस का प्रयोग करना था। इससे पहले बैरकपुर के सिपाही मंगल पांडे ने 28 मार्च 1857ई• को अपने मेजर लेफ्टिनेंट पर गोली चला दी।
1857 के विद्रोह के केंद्र भारतीय नायक और विद्रोह को दबाने वाले अधिकारी
केंद्र | भारतीय नायक | ब्रिटिश अधिकारी |
दिल्ली | बहादुरशाह जफ़र | निकलसन एवं हडसन |
कानपुर | नाना साहेब /तात्या टोपे | कैम्पबेल |
लखनऊ | बेगम हज़रात महल | कैम्पबेल |
झांसी | रानी लक्ष्मीबाई | ह्यूरोज़ |
इलाहाबाद | लियाकत अली | कर्नल नील |
जगदीशपुर | कुंवर सिंह | विल्लियम टेलर |
बरेली | खान बहादुर | – |
फैज़ाबाद | मौलवी अहमद उल्लाह | – |
फतेहपुर | अजीमुल्लाह | जनरल रेनर्ड |


सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आंदोलन
राजा राम मोहन राय को भारतीय पुनर्जागरण का जनक कहा जाता है। राजा राममोहन राय ने कोलकाता में वेदांत तथा डेविड हेयर के साथ मिलकर हिंदू कॉलेज की स्थापना की। ब्रह्म समाज की स्थापना 1828 में राजा राममोहन राय ने की। प्रार्थना समाज की स्थापना आत्माराम पांडुरंग ने मुंबई में की। आर्य समाज की स्थापना स्वामी दयानंद सरस्वती ने 1875 में मुंबई में की। दयाशंकर सरस्वती ने वेदों की ओर लौटो का नारा दिया। रामकृष्ण मिशन की स्थापना स्वामी विवेकानंद ने 1857 ईसवी में की। विवेकानंद ने 1893 ईसवी में शिकागो की विश्व धर्म संसद में भाग लिया था। अलीगढ़ आंदोलन की शुरुआत सर सैयद अहमद खान ने की थी। आप आधुनिक भारत का इतिहास Hindibag पर पढ़ रहे हैं।
संस्था | स्थापाना वर्ष | संस्थापक |
आत्मीय सभा | 1815 | राजा राममोहन राय |
वेदांत कॉलेज | 1825 | राजा राममोहन राय |
ब्रह्म समाज | 1828 | राजा राममोहन राय |
प्राथना समाज | 1867 | एम. जी. रानाडे आत्माराय |
आर्य समाज | 1875 | स्वामी दयानन्द सरस्वती |
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 1885 | ए. ओ. ह्यूम |
राम कृष्ण मिसन | 1897 | स्वामी विवेकानंद |
मुश्लिम लीग | 1906 | आगा खां एवं सलीमुल्ला खान |
गदर पार्टी | 1913 | लाला हरदयाल, काशीराम |
हिन्दू महासभा | 1915 | मदन मोहन मालवीय, लाला लाजपत राय केलकर |
होमरूल लीग | 1916 | तिलक एवं एनी बेसेन्ट |
खिलाफत आंदोलन | 1919 | अली बन्धु |
स्वराज पार्टी | 1923 | मोतीलाल नेहरू एवं चितरंजन दास |
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ | 1927 | डॉ. हेडगेवार एवं बी. अस. मुंजे |
फारवर्ड ब्लॉक | 1939 | सुभासचंद्र बोस |
आजाद हिन्द फौज | 1942 | रास बिहारी बोस |
आजाद हिन्द सरकार | 1943 | सुभासचंद्र बोस |


भारत का स्वतंत्रता आंदोलन
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश प्रशासनिक अधिकारी ए ओ ह्यूम द्वारा 1885 में की गई। कांग्रेस का प्रथम अधिवेशन दिसंबर 1885 में मुंबई में हुआ। इसमें कुल 72 सदस्यों ने भाग लिया इसके प्रथम अध्यक्ष एवं चंद्र बनर्जी थे। बाल गंगाधर तिलक ने राष्ट्रवादी भावना को बढ़ाने के उद्देश्य से 1893 ईसवी में गणपति उत्सव तथा 1895 ईसवी में शिवाजी उत्सव प्रारंभ किया। बंगाल में राष्ट्रीय चेतना को समाप्त करने के लिए लार्ड कर्जन ने 16 अक्टूबर 1905 को बंगाल का विभाजन कर दिया गया। बंगाल विभाजन के विरोध में पूरे देश में स्वदेशी एवं बहिष्कार आंदोलन चलाया गया। आप आधुनिक भारत का इतिहास Hindibag पर पढ़ रहे हैं।
लाल बाल पाल क्रमशः लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक एवं विपिन चंद्र पाल को कहा जाता था। दादा भाई नौरोजी ने कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में सर्वप्रथम स्वराज की मांग की। दादा भाई नौरोजी ने सर्वप्रथम धन निकासी का सिद्धांत दिया। जिसमें यह बताया कि किस प्रकार अंग्रेज भारत से धन ले जा रहे है। स्वदेशी के मुद्दे पर 1960 ई• में कांग्रेस के सूरत अधिवेशन में कांग्रेस का विभाजन दो भागों में हो गया। 1906 में ढाका के नवाब सलीमुल्लाह के नेतृत्व में मुस्लिम लीग का गठन हुआ।


सरकार ने सन 1909 ईसवी में भारतीय परिषद अधिनियम पारित किया जिसमें पहली बार मुसलमानों के लिए पृथक निर्वाचन क्षेत्र एवं मताधिकार की व्यवस्था दी गई थी। सुशासन की मांग तेज करने के लिए बाल गंगाधर तिलक ने अप्रैल 1916 ई• में तथा एनी बेसेंट ने सितंबर 1916 ईस्वी में होमरूल लीग का गठन किया। कांग्रेस के 1917 ईस्वी के कोलकाता अधिवेशन की अध्यक्षता श्रीमती एनी बेसेंट ने की। आप आधुनिक भारत का इतिहास Hindibag पर पढ़ रहे हैं। 1919 ईसवी के भारत सरकार अधिनियम द्वारा प्रांतों में द्वैध शासन की व्यवस्था की गई।
पंजाब के दो महत्वपूर्ण नेता सैफुद्दीन किचलू तथा डॉक्टर सत्यपाल की गिरफ्तारी के विरोध में अमृतसर के जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल 1919 को विशाल जनसभा आयोजित की गई। जनरल डायर के निर्देश पर सभा पर गोलियां चलाई गई जिससे सैकड़ों निहत्थे मारे गए। जलियावाला बाग हत्याकांड के विरोध में रविंद्र नाथ टैगोर ने अपनी सर की उपाधि लौटा दी। 1920 में तुर्की के खलीफा के साथ किए जा रहे हैं। दुर्व्यवहार के विरोध में भारत में खिलाफत आंदोलन चलाया गया। कांग्रेस ने गांधी के नेतृत्व में 1920 में असहयोग आंदोलन प्रारंभ किया।
5 फरवरी 1922 ईस्वी में उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में चौरी चौरा नामक स्थान पर उत्तेजित भीड़ ने कुछ सिपाहियों को थाने में जिंदा जला दिया। इससे क्षुब्ध होकर गांधी जी ने आंदोलन को तत्काल वापस ले लिया। आप आधुनिक भारत का इतिहास Hindibag पर पढ़ रहे हैं। जनवरी 1923 में चितरंजन दास एवं मोतीलाल नेहरू ने कांग्रेस खिलाफत स्वराज पार्टी की स्थापना करी 1923 में होने वाले चुनाव में स्वराज पार्टी केंद्रीय विधायिका में विट्ठल भाई पटेल को अध्यक्ष के पद पर निर्वाचित करने में सफल रही।
8 नवंबर 1927 को 1919 ईसवी के भारत सरकार अधिनियम को समीक्षा करने के लिए साइमन कमीशन का गठन किया गया और 1928 को साइमन कमीशन भारत आया लेकिन इस कमिशन में एक भी भारती ना होने के कारण इसका विरोध किया गया। लाहौर में साइमन कमीशन के विरोध प्रदर्शन पर हुई लाठी चार्ज में लाला लाजपत राय को गंभीर चोट लगी जिसके कारण उनकी मृत्यु हो गई। 1929 में लाहौर अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए जवाहर लाल नेहरू ने पूर्ण स्वराज का लक्ष्य घोषित किया।


31 दिसंबर 1929 को लाहौर में रावी नदी के तट पर जवाहरलाल नेहरू ने तिरंगे झंडे को फहराया। 12 मार्च 1930 को महात्मा गांधी ने 78 स्वयंसेवकों के साथ साबरमती आश्रम से दांडी के लिए प्रस्थान किया। 6 अप्रैल 1930 को डांडी पहुंचकर गांधी ने नमक कानून तोड़कर सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत की। 5 मार्च 1931 को गांधीजी एवं तत्कालीन वायसराय इरविन के बीच एक समझौते के बाद सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित कर दिया गया। आप आधुनिक भारत का इतिहास Hindibag पर पढ़ रहे हैं।
लंदन में आयोजित तीन गोलमेज सम्मेलनों में कांग्रेस ने सिर्फ द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया इसमें कांग्रेसका प्रतिनिधित्व महात्मा गांधी ने किया था। ब्रिटिश प्रधानमंत्री रामजी मैकडोनाल्ड द्वारा 1932 में दलितों के लिए पृथक निर्वाचन संबंधी कम्युनल अवार्ड की घोषणा करी गई। 1932 में महात्मा गांधी एवं भीमराव अंबेडकर के बीच पूना पैक्ट समझौता हुआ जिसमें अंबेडकर ने दलितों के लिए प्रथक प्रतिनिधित्व की मांग को वापस ले लिया। मोहम्मद अली जिन्ना ने 1940 के मुस्लिम लीग के लाहौर अधिवेशन में पृथक पाकिस्तान की मांग की। आप आधुनिक भारत का इतिहास Hindibag पर पढ़ रहे हैं।
8 अगस्त 1942 को मुंबई के ग्वालियर टैंक मैदान में भारत छोड़ो आंदोलन प्रारंभ करते हुए महात्मा गांधी ने करो या मरो का नारा दिया। महात्मा गांधी से मदभेद होने के कारण सुभाष चंद्र बोस ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर 1939 में फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया। आजाद हिंद फौज के गठन का विचार सर्वप्रथम कैप्टन मोहन सिंह के मन में आया था। 21 अक्टूबर 1943 को सुभाष चंद्र बोस ने सिंगापुर में अस्थाई भारत सरकार आजाद हिंद सरकार की स्थापना की। दिल्ली चलो तथा तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा का नारा सुभाष चंद्र बोस ने दिया।


महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता सर्वप्रथम सुभाष चंद्र बोस ने कहा था। 1946 में कैबिनेट मिशन भारत आया जिसकी संस्तुति पर भारत की संविधान सभा का गठन किया गया। 3 जून 1947 को तात्कालिक वायसराय मौन्टबेटन ने माउंट योजना प्रस्तुत की जो बाद में भारत विभाजन का आधार बनी। भारत की स्वतंत्रता के समय ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली थे तथा राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष जे बी कृपलानी थे। भारत के प्रथम गवर्नर जनरल लार्ड माउंट बैटन थे बाद में चक्रवर्ती राज गोपालाचारी प्रथम तथा अंतिम गवर्नर जनरल बने।
प्रमुख गवर्नर जनरल व वायसराय तथा उनसे सम्बंधित प्रमुख कार्य
- बंगाल के गवर्नर जनरल
- भारत के गवर्नर जनरल
- भारत के वायसराय
बंगाल के गवर्नर जनरल
गवर्नल जनरल | कार्यकाल | कार्य |
वारेन हेस्टिंग्स | 1774-85 | रेवेन्यू फौजदारी वअपीलीय न्यायलयों की स्थापना द्वैध शासन की सम्पति |
लार्ड कार्नवालिस | 1786-93 | स्थायी भूमि बंदोबस्त, कार्नवालिस कोड |
लार्ड वेलेजली | 1798-1805 | सहायक संधि प्रणाली |
भारत के गवर्नर जनरल
गवर्नल जनरल | कार्यकाल | कार्य |
विल्लियम बेंटिक | 1833-35 | सती प्रथा की समाप्ति,ठगी प्रथा का उन्मूलन |
चार्ल्स मेटकाफ | 1835-36 | प्रेस पर प्रतिबन्ध की समाप्ति |
लार्ड एलनबरो | 1842-44 | सिंध का विलय |
लार्ड डलहौजी | 1848-56 | रेल आधुनिक डाक तार व P.W.D. की स्थापना |


भारत के वायसराय
गवर्नल जनरल | कार्यकाल | कार्य |
लार्ड केनिंग | 1858-62 | कलकत्ता, बम्बई व् मद्रास विश्वविद्यालय स्थापित |
लार्ड लिटन | 1876-80 | दिल्ली दरबार, आर्म्स एक्ट |
लार्ड रिपन | 1880-84 | प्रथम कारखाना अधिनियम |
लार्ड कर्ज़न | 1899-1905 | बंगाल विभाजन, प्राचीन स्मारक परिरक्षण कानून, भारतीय विश्विद्यालय कानून |
लार्ड मिण्टो | 1905-10 | पृथक निर्वाचन क्षेत्र की व्यवस्था |
लार्ड हार्डिंग | 1910-16 | भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित |
लार्ड चेम्सफोर्ड | 1916-21 | रॉलेट एक्ट, जलियावाला बाग़ हत्याकांड |
लार्ड इरविन | 1926-31 | गाँधी इरविन समझौता 1931 |
लार्ड वैलिंगटन | 1931-34 | कम्युनल अवार्ड 1931 |
लार्ड लिनलिथगो | 1934-37 | प्रांतीय चुनाव |
लार्ड वैवेल | 1943-47 | शिमला समझौता, कैबिनेट मिशन, संविधान सभा की स्थापना |
लार्ड माउंटबेटेन | 1947 | भारत विभाजन एवं भारत की स्वतंत्रता |