आधुनिक गणित का विकास Development of Modern Math

आधुनिक गणित का विकास मंद गति से हुआ है तथा इसका वर्तमान स्वरूप एक लंबी अवधि से सतत प्रयासों का फल है। मनुष्य ने सर्वप्रथम अंको का प्रयोग करना कब सीखा या निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता परंतु या अवश्य निश्चित है कि गिनने का ज्ञान मनुष्य को अति प्राचीन काल से ही था। वह हाथ की उंगलियों से धीरे धीरे मनुष्य को करना करने का ज्ञान हुआ।

इसके महत्व को समझने तक में न जाने कितनी शताब्दी या बीत गई होंगी। तत्पश्चात गणित का विस्तार विश्व की समस्त जातियों में फैलने लगा। भारत चीन मेसोपोटामिया और मिश्र आदि देशों की प्राचीन सभ्यता के उदय के पूर्व काल में ही इसका विस्तार हो चुका था। यूनानी तथा अरबों ने इसे और भी विस्तृत किया। जब उनसे इस विद्या को सीख कर यूरोप के विद्यालयों ने धीरे-धीरे इसका पुनर्निर्माण करके इसे आधुनिक युग में प्रतिस्थापित किया।

Aadhunik ganit ka Vikas
आधुनिक गणित का विकास

गणित की शाखाएँ

आज गणित की चार प्रमुख शाखाएं हैं।

  1. ज्यामिति
  2. बीजगणित
  3. गणितीय विश्लेषण
  4. संख्या सिद्धांत

इनके अतिरिक्त इसे और भी कई छोटी-छोटी शाखाओं में बांटा जा सकता है। विज्ञान की विभिन्न शाखाओं के अतिरिक्त आज इसका उपयोग अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, समाजशास्त्र तथा मनोविज्ञान आदि में भी किया जाता है। प्राचीन गणित से आधुनिक गणित तक पहुंचने में जिन गणितज्ञों को अथक परिश्रम करना पड़ा उनमें पाइथागोरस, यूक्लिड, न्यूटन, जॉन्स तथा गलवा आदि के नाम उल्लेखनीय है।

आधुनिक गणित का विकास

आज गणित का जो रूप बन चुका है। उसका विस्तार पूर्वक अध्ययन करना बहुत कठिन हो गया है। आज गणित में जो भी शोध कार्य किया जा रहा है। वह इतना अधिक गुण होता जा रहा है कि उसे देखकर लगता है कि भविष्य में गणित की विभिन्न शाखाओं में होने वाले शोध कार्य को केवल उसका शोधकर्ता ही ठीक से समझ सकते हैं।

आधुनिक गणित में मुख्यतः आधुनिक बीजगणित को सबसे अधिक महत्व दिया जा रहा है। आधुनिक बीजगणित से पहले गणित का मुख्य भाग जयंती पर आधारित था। तथा ज्यामिति व्याख्या देखकर ही अधिक से अधिक सिद्धांतों को सिद्ध किया जाता था। ईसा पूर्व से लेकर न्यूटन के समय तक यूक्लिड की ज्यामिति का ही बोलबाला रहा है।

आधुनिक गणित का विकास
आधुनिक गणित का विकास

अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने सापेक्ष वाद के सिद्धांत में भले ही यूक्लिड की ज्यामिति की उपेक्षा की और इसके विरुद्ध विद्रोह किया। परंतु फिर भी उन्होंने बीजगणित को या महत्त्व नहीं दिया। जो सर्व विदित है कि आइंस्टीन ने अपने सापेक्ष बाद में ज्यामिति का उपयोग ब्रह्मांड की संरचना तथा विस्तार में जहां तक हो सका किया और उसमें पूरी तरह सफल भी रहे। जबकि इसके विपरीत 19वीं शताब्दी के शुरू में ही कुछ गणितज्ञों ने अनुभव किया कि बीज गणित ज्यामिति से अधिक उपयोगी सिद्ध हो सकता है। आधुनिक गणित का विकास

इस प्रकार हम देखते हैं कि गणित का जो आधुनिक रूप बन चुका है। वह पूरी तरह तर्कसंगत होते हुए भी यथार्थवादी तथा व्यवहारिक है। आज महान गणितज्ञ कैंटर भूल गए हुआ नहीं है लेकिन गणित के क्षेत्र में उनकी महान देन को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता गणित एक सच्चाई है। हर एक वस्तु को मापने के एक सच्ची कसौटी है।

इसकी कला एक दार्शनिकता है विचारों को संक्षेप में कहने सुनने और लिखने की अद्भुत भाषा है। यह वह ज्ञान है जो सभी विज्ञानों के महान लक्ष्य को स्पर्श करती है। प्रस्तावनाओं की संपुष्टि वैज्ञानिक सिद्धांतों का एकीकरण न केवल विज्ञान की बल्कि मानव बुध की भी रक्षा रही है। जिसे आज गणित की तर्क के आधार पर सुचारू रूप से संगठित करता है। आधुनिक गणित का विकास

गणित प्रकृति
आधुनिक गणित का विकास

आधुनिक गणित में वातावरण से संबंधित वस्तुओं के पारस्परिक संबंध का अध्ययन किया जाता है। आधुनिक गणित की भाषा अन्य सभी भाषाओं से अधिक बलशाली है।

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