आदर्श गणित अध्यापक के गुण – वैसे तो अध्यापक कई प्रकार के होते हैं, लेकिन आदर्श अध्यापक कुछ विशेष ही होते हैं। भारत की अनेक संस्थाएं अध्यापकों का भी मूल्यांकन करती हैं। मूल्यांकन के अनुसार उनका प्रमोशन भी किया जाता है। आदर्श शिक्षक विद्यार्थियों और समाज के लिए वरदान साबित होते हैं। सभी विषयों में गणित विषय कुछ अलग सा ही है। इसीलिए आदर्श गणित अध्यापक के गुण कुछ विशेष ही है। जिनका अध्ययन हम लोग इस लेख में करने वाले हैं।

आदर्श गणित अध्यापक के गुण
जिसने थोड़ा सा भी गणित का ज्ञान अर्जित कर लिया है वह एक आदर्श अध्यापक बनने के लायक है यह कहना उचित नहीं है। एक गणित के अध्यापक और एक आदर्श गणित के अध्यापक में काफी अंतर है।
भारत की नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए एनसीआरटी ने एक कॉन्फ्रेंस में गणित अध्यापक के निम्न गुणों की अपेक्षा की है:-
- अभिव्यक्ति की स्पष्टता।
- उत्साह एवं उपलब्ध जनक व्यवहार।
- विषय पर पूर्ण अधिपत्य।
- विषय के लिए उत्साह।
- उपयुक्त तैयारी।
- पढ़ाने के लिए प्रत्येक पाठ की तैयारी।
- उत्तम नियंत्रण शक्ति।
- व्यावहारिक कुशलता एवं साधन संपन्नता।
- बालक का पूर्ण ज्ञान।
- कक्षा व्यवहार।
- प्रेम और सहानुभूति।
- प्रयोगात्मक एवं अनुसंधानात्मक प्रवृत्ति।
- निष्कपटता।
- धैर्य एवं सहनशीलता।
- कंठ स्वर मीठा, कोमल, नम्र तथा प्रभावी।
- सरल एवं रोचक भाषा।
- प्रखर बुद्धि।
- सामाजिकता का समावेश।
- नवीन ज्ञान के प्रति जिज्ञासा।
