अल्पसंख्यक कल्याण कार्यक्रम – 7 Minority Development Programme

अल्पसंख्यक कल्याण कार्यक्रम – धार्मिक एवं भाषाई अल्पसंख्यकों की समस्याओं के समाधान हेतु सरकार ने अनेक प्रयास किए हैं। अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के लिए अनेक प्रावधान किए गए हैं। संविधान के अनुच्छेद 14, 15 एवं 16 में कानून के समक्ष समानता एवं विधि के समान संरक्षण का आश्वासन दिया गया है। किसी भी व्यक्ति के साथ धर्म, जाति, मूल, वंश आदि के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा।

अनुच्छेद 16 में सार्वजनिक सेवाओं में समान अवसर देने का प्रावधान है। अनुच्छेद 25 में प्रत्येक व्यक्ति को किसी भी धर्म को स्वीकार करके उसका प्रचार करने की छूट दी गई है।

अनुच्छेद 26 में धार्मिक मामलों का प्रबंध करने, अनुच्छेद 27 में धर्म का प्रचार प्रसार हेतु व कर वसूल करने तथा अनुच्छेद 28 में सरकारी शिक्षण संस्थानों में धार्मिक उपासना में भाग न लेने की छूट दी गई है। अनुच्छेद 29 में नागरिक को अपनी विशेष भाषा, लिपि एवं संस्कृत को बनाए रखने, सरकारी शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पर धर्म, मूल, वंश, जाति एवं भाषा के आधार पर भेदभाव ना बरतने का प्रावधान है।

अनुच्छेद 30 धर्म एवं भाषा पर आधारित सभी अल्पसंख्यकों को शिक्षण संस्थाओं स्थापित करने एवं उनका प्रशासन करने का अधिकार देता है। संवैधानिक प्रावधानों को लागू करने उनका पुनर अवलोकन करने के लिए सरकार ने कई विशिष्ट अधिकारियों तथा आयोग की नियुक्ति की है।

सन् 1978 में अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना की जिसका एक अध्यक्ष एवं सदस्य अल्पसंख्यक आयोग से होते हैं। यह कमीशन अन्य कार्यों के अतिरिक्त संविधान में किए गए संरक्षण प्रावधानों का मूल्यांकन करने, शिकायतें सुनने, सर्वेक्षण एवं अनुसंधान करने तथा अल्पसंख्यकों के कल्याण हेतु समय-समय पर रिपोर्ट देने का कार्य करता है।

अल्पसंख्यक कल्याण कार्यक्रम

अल्पसंख्यकों के विकास के लिए, भारत सरकार द्वारा अल्पसंख्यक कल्याण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिनमें से कुछ निम्न है-

  1. अल्पसंख्यक आयोग
  2. राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम
  3. वक्फ अधिनियम 1955
  4. मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन
  5. दरगाह ख्वाजा साहेब
  6. विशेष न्यायालयों की स्थापना
  7. भाषायी अल्पसंख्यक आयोग

1. अल्पसंख्यक आयोग

अल्पसंख्यक आयोग का गठन जनवरी 1978 में किया गया। इसका प्रमुख उद्देश्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के संरक्षण के लिए संविधान में उल्लिखित उपायों पर समीक्षा करना था। यह आयोग अल्पसंख्यकों के बारे में केंद्र और राज्य सरकारों के कार्यान्वयन की नीतियों की समीक्षा करता है तथा प्रत्येक वर्ष अपनी रिपोर्ट सरकार को भेजता है।

2. राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम

भारत सरकार द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए आर्थिक और विकास संबंधी गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिए अरब रुपए की अधिकृत शेयर पूंजी वाले राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम की स्थापना की। इसमें सरकार ने अपना योगदान 125 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 300 करोड़ रुपए कर दिया।

3. वक्फ अधिनियम 1955

वक्फ संस्थाओं के प्रशासन को और सुदृढ़ करने के लिए संसद ने एक नया कानून तैयार कर 1955 में उसे लागू किया। जो अल्पसंख्यक कल्याण कार्यक्रम का वक्फ अधिनियम 1955 के नाम से जाना जाता है।

4. मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन

अल्पसंख्यकों पिछड़े वर्गों एवं अन्य वर्गों में शिक्षा के प्रसार के उद्देश्य से मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन की स्थापना एक सोसाइटी के रूप में की गई थी। इसके उद्देश्यों को पूरा करने के लिए भारत सरकार आर्थिक सहायता प्रदान करती है। अल्पसंख्यक कल्याण कार्यक्रम, 1997-98 में फाउंडेशन के संग्रह कोष की राशि 70.01 करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी थी।

5. दरगाह ख्वाजा साहेब

संपूर्ण संसार में प्रसिद्ध अजमेर की हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह 1953 में दरगाह ख्वाजा साहब अधिनियम के अंतर्गत, एक वक्फ की देखरेख में हुआ। इस संस्था का प्रबंध दरगाह समिति के हाथों में था जिसकी नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा हुई।

6. विशेष न्यायालयों की स्थापना

विशेष न्यायालयों की स्थापना सांप्रदायिक दंगों से प्रभावित क्षेत्रों में की जाती है। वर्तमान समय तक लगभग 10 से अधिक राज्यों में ऐसे विशेष न्यायालयों की स्थापना की जा चुकी है।

7. भाषायी अल्पसंख्यक आयोग

भाषाई अल्पसंख्यक आयुक्त भाषागत अल्पसंख्यकों कल्याणार्थ रिपोर्ट तैयार कर राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत करता है, जिस पर संसद में चर्चा होती है अल्पसंख्यकों को राष्ट्र की मुख्यधारा से जोड़ने के संबंध में यह सभी उपाय अपनाने चाहिए। जो राष्ट्रीय एकीकरण समिति ने समय-समय पर दिए।

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