Motivation शब्द Motive से बना हुआ है जिसका शाब्दिक अर्थ इच्छा-शक्ति को जाग्रत करना होता है। इस प्रकार अभिप्रेरणा से तात्पर्य उस शक्ति से है जो व्यक्तियों में काम करने की इच्छा जागृत करती है। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि मानव शक्ति के व्यवहार को निर्देशित करना तथा उनसे सहयोग प्राप्त करना अभिप्रेरणा कहलाती है। कार्य करने की क्षमता और कार्य करने की इच्छा दो अलग-अलग चीजें होती है।
नियोक्ता के लिए कार्य करने की क्षमता का कोई महत्व नहीं होता है क्योंकि उसका कार्य तभी होगा जब कोई कार्य सम्पन्न करेगा। कार्य करने की क्षमता से एक फायदा होता है कि उसे कार्य करने की इच्छा में परिवर्तित किया जा सके। कार्य करने की क्षमता को कार्य करने की इच्छा में परिवर्तित करने की कला को प्रबंध विज्ञान में अभिप्रेरणा कहते हैं।
अभिप्रेरणा की परिभाषाएं
अभिप्रेरणा को विभिन्न विद्वानों ने परिभाषित किया है जिनमें से कुछ विद्वानों द्वारा दी हुई परिभाषाएं निम्नलिखित हैं-
अभिप्रेरणा एक विधि है, जिसमे प्रेरणाओं, उद्यमों, इच्छाओं, महत्वाकांक्षाओं, प्रयत्न अथवा आवश्यकताओं द्वारा मानवीय व्यवहार का निर्देशन, नियंत्रण एवं स्पष्टीकरण किया जाता है।
अभिप्रेरणा प्रोत्साहन देने तथा अपेक्षित उत्तर प्राप्त करने की विधि है।
अभिप्रेरणा स्वयं को अथवा किसी अन्य व्यक्ति को एक विशेष प्रकार के कार्य करने हेतु प्रोत्साहित करने की क्रिया है अथवा वांछित प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए सही बटन दबाना है।
अभिप्रेरणा किसी निश्चित लक्ष्य को प्राप्त करने अथवा किसी इच्छित दिशा में जाने के लिए एक प्रकट की गई प्रेरणा अथवा तनाव है।
अभिप्रेरणा सामान्य प्रेरणा देने वाली प्रक्रिया है, जो किसी दल के सदस्यों को कारगर रूप में मिलाकर काम करने, अपने दल के प्रति वफादारी दिखाने, सौंपी हुई जिम्मेदारी को ठीक प्रकार से निभाने तथा संगठन के उद्देश्य अथवा कर्तव्यपूर्ति के लिए प्रभावी ढंग से भाग लेने के लिए प्रेरित करती है।
उपरोक्त परिभाषाओं के आधार पर यह कहा जा सकता है कि अभिप्रेरणा एक इंजेक्शन है जिससे श्रमिक कार्य करने के प्रति उत्साहित रहते हैं।


अभिप्रेरणा के उद्देश्य
कर्मचारियों को अभिप्रेरणा प्रदान करने के निम्नलिखित उद्देश्य होते हैं-
- कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ाना तथा उन्हें प्रोत्साहित करके उनके मनोबल में वृद्धि करना।
- कर्मचारियों के बीच मधुर श्रम सम्बन्ध स्थापित करना।
- कर्मचारियों को उपक्रम के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना।
- कर्मचारियों के बीच परस्पर सहयोग और सहकारिता की भावना विकसित करना।
- कर्मचारियों की आर्थिक, सामाजिक, वैयक्तिक तथा मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं की पूर्ति करना।
- कर्मचारियों का स्वैच्छिक सहयोग प्राप्त करना।
- कर्मचारियों में आत्म-नियन्त्रण की भावना उत्पन्न करना।
- कर्मचारियों में समन्वय स्थापित करना।
अभिप्रेरणा का महत्व
अभिप्रेरणा का महत्व निम्नलिखित बिन्दुओं से स्पष्ट होता है –
- अभिप्रेरणा प्रदान करने से कर्मचारियों को कार्य सन्तुष्टि की अनुभूति होती है।
- अभिप्रेरणा कर्मचारियो का मनोबल उच्च रखने में सहायता प्रदान करती है तथा उनमेंअसन्तोष की भावना उत्पन्न नहीं होती है।
- कर्मचारियों को अभिप्रेरित करने से उपक्रम के निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करना अत्यन्त सरल हो जाता है।
- अभिप्रेरणा से कर्मचारी स्थाई रूप से संस्था में कार्य करने के लिए उत्सुक रहते हैं।
- अभिप्रेरणा से कर्मचारियों में कार्य के प्रति रुचि जाग्रत होती है।
- अभिप्रेरणा के द्वारा मानवीय साधनों का अनुकूलतम सदुपयोग सम्मत हो जाता है।
- अभिप्रेरणा से कर्मचारियों में मधुरतम श्रम-सम्बन्ध स्थापित करने में सहायता मिलती है।
- अभिप्रेरणा के द्वारा ही कर्मचारियों का स्वैच्छिक सहयोग प्राप्त किया जा सकता है।
- अभिप्रेरणा प्रदान करने से कर्मचारियों की प्राथमिक एवं गौण आवश्यकताओं की संतुष्टि होती है।
- अभिप्रेरणा के द्वारा ही औद्योगिक प्रजातन्त्र की नींव को सुदृढ़ बनाया जा सकता है।
अभिप्रेरणा के सिद्धान्त
कर्मचरियों को अभिप्रेरणा प्रदान करने के लिए निम्नलिखित सिद्धन्तों का पालन करना आवश्यक है-
- कर्मचारियों द्वारा किये गये कार्य की प्रशंसा करनी चाहिए ताकि उनका मनोबल ऊँचा हो सके।
- कर्मचारियों को वही कार्य प्रदान करना चाहिए जिनमें उनकी रुचि हो ।
- कर्मचारियों को कुशल नेतृत्व प्रदान करना चाहिए।
- कर्मचारियों को यह अनुभव कराना चाहिए कि उनकी नौकरी स्थाई है।
- कर्मचारियों के कार्यों को दुर्घटनाओं आदि से सुरक्षित रखना चाहिए।
- कर्मचारियों के कार्य करने के वातावरण को सदैव सुखद, सुहावना एवं शान्तिपूर्ण बनाना चाहिए।
- कर्मचारियों की कार्य अवधि निश्चित और उचित होनी चाहिए।
- कर्मचारियों को उचित एवं मौद्रिक पुरस्कार प्रदान किया जाना चाहिए।
- उनके बीच ऐसा वातावरण बनाना चाहिए कि वे अपने कार्य के प्रति गौरव का अनुभव करें।
- सभी कर्मचारियों के साथ प्रतिष्ठित एवं सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए।


अभिप्रेरणा की प्रकृति
अभिप्रेरणा की विशेषताओं से इसकी प्रकृति का अनुमान लगाया जाता है जो अग्रवत है-
- अभिप्रेरणा एक कार्य पद्धति हैं – इसके अन्तर्गत अभिप्रेरण वह कार्य है जिसमें आवश्यकताओं, प्रयत्नों, प्रेरणाओं, उद्वेगों, संवेगों, इच्छाओं और महत्वाकांक्षाओं आदि को सम्मिलित किया जाता है।
- अभिप्रेरणा एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया है – यह यह प्रक्रिया है जिसमें आवश्यकताओं तथा लक्ष्यों की पूर्ति के लिए प्रेरणाओं को सम्मिलित करती है।
- अभिप्रेरणा एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है – अभिप्रेरणा एक ऐसी प्रक्रिया है जो लगातार चलती रहती है।
- अभिप्रेरणा व्यक्ति के अन्दर से आती है – मनष्यों के सम्पूर्ण व्यवहार को अभिप्रेरित करने में अभिप्रेरणाओं के अतिरिक्त उसके व्यवहार के कुछ अन्य निर्धारक घटक भी होते हैं जिनको बाह्य घटक के नाम से जानते है।
- अभिप्रेरणा एक प्रबन्धकीय प्रकार्य है– अभिप्रेरणा प्रबन्ध के अन्य कार्यों की तरह एक महत्वपूर्ण प्रबन्धकीय प्रकार्य है, जो मनुष्य शक्ति के साथ व्यवहार करता है। इसे उत्प्रेरण की संज्ञा जॉर्ज आर. टेरी ने दी है।
- अभिप्रेरणा सहयोग प्राप्त करने का एक साधन है – अभिप्रेरण दूसरों का सहयोग प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण साधन है।
- अभिप्रेरणा मनोबल एवं उत्पादकता से भिन्न है किसी व्यक्ति में मनोबल उसकी काम करने की इच्छा को प्रकट करता है जबकि उत्पादकता का अर्थ कार्यक्षमता एवं कार्यकुशलता से होता है। अतः अभिप्रेरण यह प्रक्रिया है जिसमे मनोबल एवं उत्पादकता के बीच सम्बन्ध स्थापित किया जाता है।
- अभिप्रेरणा के अनेक स्रोत है– उदाहरण के लिए कार्य सन्तुष्टि, भावी विकास, मनोबल, पदोन्नति, कुशल नेतृत्व आदि।
- अभिप्रेरणा व्यक्तियों के व्यवहार का स्पष्टीकरण प्रस्तुत करती है।