अंतर्ज्ञान और तर्क पूर्वानुमान तथा समस्या को हल करने की दो महत्वपूर्ण विधियां हैं। यह दोनों विधियां संबंधित समस्या को हल करने में सहायक होती हैं। परंतु अंतर्ज्ञान विधि का प्रयोग हम दैनिक आधार पर आधारित समस्याओं को हल करने में करते हैं। तारीख को करने के लिए तर्क विधि का प्रयोग हम सर्वाधिक करते हैं।

अंतर्ज्ञान और तर्क
इन दोनों विधियों अंतर्ज्ञान और तर्क के अपने अपने फायदे है। तारीफ के पर्याप्त तो होता है। लेकिन सर्वश्रेष्ठ नहीं है। अपनी अलग-अलग स्थितियों में प्रभाव डालते हैं। कभी-कभी हमें अंतर्ज्ञान और तर्क दोनों के प्रयोग की आवश्यकता होती है। कभी हम केवल एक का प्रयोग करते हैं क्योंकि यह समस्या के ऊपर निर्भर करता है कि किससे और कैसे प्रश्न जल्दी हल हो सकता है। कभी-कभी इसके मायने यह भी होते हैं कि यदि हम गलत दृष्टिकोण से प्रश्न हल कर रहे हैं तो हमें यह रोक भी सकता है।
कंप्यूटर आधारित अंतर्ज्ञान को लागू करना तो अत्यंत सरल है, लेकिन कंप्यूटरों में अधिक मेमोरी की आवश्यकता होती है। यह विधि कृत्रिम अंतर्ज्ञान को एक समय की शुरुआत के लिए तो ठीक है। परंतु हम एक समय पर तर्क की शक्ति तथा वैज्ञानिक विधि की खोज का उल्लेख नहीं कर सकते हैं। इन चुने हुए रास्तों से कृतिम अंतर ज्ञान की खोज में देरी हो सकती है।
तर्क
तरीके का प्रयोग विज्ञान में बहुत किया जाता है। हम गणित को और आगे बढ़ाने के लिए तर्क के प्रयोग के बारे में अत्यधिक और सोच सकते हैं। जैसे गणित में बीज गणित के नियमों को तर्क के साथ जोड़कर और अधिक तार्किक ज्ञान प्राप्त करते हैं। भौतिकी तथा संबंधित विज्ञान दुनिया का वर्णन करने के लिए तारक की तथा गणितीय मॉडल का उपयोग करते हैं।

यह वह मजाल है जो विज्ञान को भविष्य में सक्षम बनाने में योगदान प्रदान करते हैं। कंप्यूटर हार्डवेयर बुलियन तर्क पर आधारित करके बनाए जाते हैं, और तर्क का प्रयोग इसमें प्रोसेसिंग के रूप में करते हैं। हम तर्क का प्रयोग पहेली संबंधी समस्याओं में भी करते हैं तथा इसे हमको स्कूल स्तर पर औपचारिक तथा अनौपचारिक रूप से पढ़ाया जाता है।
सूत्रों के यांत्रिक हेरफेर तथा सरलीकरण करने के लिए तार्किक संदर्भों की दिशा में प्रगति के क्रम में आधारित अंतर्ज्ञान की आवश्यकता होती है। तार्किक सूत्रों में आने वाले वाक्य संबंधी नियम निर्दिष्ट हैं जो कि ऑपरेशन करने की अनुमति देते हैं। जिनके द्वारा यंत्र वत बदलाव कर सकता है।
इन परिवर्तनों के होने के बाद अभिनव अनावश्यक है क्योंकि इसमें अंतर्ज्ञान का उपयोग किया जाएगा। तार्किक तरीकों के कई फायदे हैं जैसे कि इसकी सहायता से लंबे समय बाद होने वाली घटना का अनुमान लगाते हैं। इसकी सहायता से पांचवें दशमलव तक उच्च परिशुद्धता का पूर्वानुमान करते हैं। तार्किक तरीके बहुत ही उपयोगी हैं, मान्य तार्किक सिद्धांत तार्किक रूप से नए सिद्धांत को यांत्रिक हेरफेर के माध्यम से आगे बढ़ाते हैं।

फिर से कोई नवीनतम सिद्धांत के लिए इस प्रक्रिया का प्रयोग करके नए ज्ञान के निर्माण की आवश्यकता होती है। तर्क और विज्ञान के बहुत अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड हैं, तार्किक सिद्धांत ने सदियों से असंख्य महत्वपूर्ण समस्याओं को हल किया है।
अंतर्ज्ञान
अंतर्ज्ञान वह है जिसमें हम रोजमर्रा की समस्याओं को हल करने के लिए प्रयोग करते हैं। जैसे कि अंग पदों की भविष्यवाणी और मांस पेशियों को नियंत्रित करना, बोलचाल करना तथा समझना, पढ़ना, कार चलाना इत्यादि। संक्षिप्त रूप से हम कह सकते हैं, कि वह सभी काम जो सोच के बिना करते हैं।
इनमें से कई कार्य वर्तमान कंप्यूटर प्रौद्योगिकी के लिए मुश्किल तथा असंभव है। अधिकांश भाषाएं जल्दी से विवेद प्राप्त कर लेती हैं और नई अत्यधिक तर्क प्रभावित खुफिया भाषा को बढ़ावा देने वाले अंतर्ज्ञान को लंबे समय के लिए ज्ञान के रूप में जाना जाता है।
ज्ञान हमें जटिल सामाजिक समस्याओं को समझने के लिए मार्गदर्शन देता है। हम अंतर्ज्ञान का प्रयोग सभी प्रकार के नए विचारों को प्राप्त करने के लिए भी करते हैं। अंतर्ज्ञान सिद्धांत मुक्त है।
